फुटबॉल के मैदान पर चमकते सितारे अक्सर अपनी प्रतिभा और गोल स्कोरिंग क्षमता के लिए जाने जाते हैं। लेकिन पर्दे के पीछे, वे भी सामान्य इंसानों की तरह ही संघर्षों और चुनौतियों से जूझते हैं। योसिर इलीसिक, स्लोवेनियाई फुटबॉल का एक ऐसा ही नाम, जिन्होंने अतालान्ता के साथ इटालियन सेरी ए और चैंपियंस लीग में अपने जादुई खेल से लाखों प्रशंसकों का दिल जीता। हालांकि, उनकी कहानी केवल शानदार ड्रिब्लिंग और शानदार गोल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अवसाद, एकांत और मानवीय दृढ़ संकल्प की एक गहरी और प्रेरणादायक गाथा भी छिपी है।

एक सड़क से निकला सितारा: शुरुआती संघर्ष और पालेर्मो का प्यार
योसिर इलीसिक का जन्म बोस्निया में हुआ था, लेकिन जब वह डेढ़ साल के थे, उनके पिता का निधन हो गया। उनकी माँ और भाई ने उन्हें पाला। इलीसिक की माँ ने उन्हें लड़ना सिखाया और उनके बाएं पैर का जादू सड़कों पर फुटबॉल खेलते हुए पैदा हुआ। “मेरे शॉट, मेरा बायां पैर, सब सड़कों पर पैदा हुए थे,” वे कहते हैं। उनका करियर स्लोवेनिया में शुरू हुआ, जहाँ पालेर्मो के स्काउट्स ने उनकी “जैविक उदासी” को नोटिस किया, जो उनकी शांत लेकिन दृढ़ उपस्थिति को दर्शाती थी।
पालेर्मो में, उन्हें तत्कालीन अध्यक्ष ज़मपारिनी का पूरा समर्थन मिला। ज़मपारिनी, जो मिचोली और पास्टोरे जैसे अद्वितीय खिलाड़ियों के प्रशंसक थे, इलीसिक के खेल के दीवाने थे। जब चीजें खराब होतीं, तो ज़मपारिनी उन्हें अपने निजी विमान से घर ले जाते और कहते कि उन्होंने उनके लिए सही कोच ढूंढ लिया है—हालांकि, वह कोच एक महीने के भीतर ही चला जाता था! यह पालेर्मो में एक शानदार शुरुआत थी, जहाँ उन्होंने खुद को कभी छिपाया नहीं, चाहे टीम अच्छा खेले या बुरा।
फिओरेंटीना के जटिल वर्ष और अतालान्ता का जादुई दौर
फिओरेंटीना में उनके साल “जटिल” रहे। चार साल में दो बार टीम के शीर्ष स्कोरर और शीर्ष असिस्टमैन होने के बावजूद, उन्हें लगातार आलोचना का सामना करना पड़ा। “मैं कमजोर था? सच में? हम चौथे स्थान पर आए और वह काफी नहीं था। हमने यूरोपा लीग सेमीफाइनल खेला… और वह भी काफी नहीं था।” इलीसिक आज भी फ्लोरेंस में घर रखते हैं, लेकिन कहते हैं कि उनका फिओरेंटीन के प्रशंसकों से “काम खत्म” हो गया है।
फिर अतालान्ता का बुलावा आया, और यह उनकी जिंदगी का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। कोच ग्यासपेरिनी ने उन्हें सैम्पडोरिया में शामिल होने से ठीक एक दिन पहले फोन किया। ग्यासपेरिनी के साथ प्रशिक्षण “भयानक” था—”एक अभ्यास के बाद, आप इतनी थकान महसूस करते हैं कि आपको उल्टी आती है और आप सो नहीं पाते।” लेकिन इसी कठोर प्रशिक्षण ने अतालान्ता को एक ऐसी टीम में बदल दिया जो 90 मिनट तक दौड़ सकती थी, जब प्रतिद्वंद्वी 60 मिनट में ही थक जाते थे।
अतालान्ता के साथ इलीसिक का समय शानदार रहा। “हमारा आक्रमण स्क्वडेटो जीतने लायक था। मैं, पापू, मुरियल, पासालिच… हम आँखें बंद करके भी गोल कर सकते थे।” वे पांच गोल से मिलान को हराते थे और एनफील्ड में दो गोल करते थे। उन्होंने फुटबॉल का इतिहास बदल दिया और एक मिसाल कायम की। हालांकि, उन्हें इस बात का मलाल है कि उस शानदार टीम ने कोई ट्रॉफी नहीं जीती। कोपा इटालिया 2019 का फाइनल, जिसमें उन्हें एक स्पष्ट पेनल्टी से वंचित कर दिया गया था, उनके लिए सबसे कड़वी यादों में से एक है।

वैलेन्सिया की रात और अंधेरे का आगमन: कोविड और अवसाद
मार्च 2020 में वैलेन्सिया के खिलाफ चैंपियंस लीग मैच, जहाँ इलीसिक ने चार गोल दागकर अतालान्ता को क्वार्टरफाइनल में पहुँचाया, उनके करियर की सबसे शानदार रात थी। “मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में था और हमें किसी से डर नहीं था।” ग्यासपेरिनी ने तो यहाँ तक कहा था कि इलीसिक 2020 में बैलन डी`ओर के हकदार थे।
लेकिन इसी चमक के बाद “अंधेरा” छा गया। दुनिया कोविड-19 महामारी की चपेट में आ गई, और इलीसिक की जिंदगी भी थम गई। बर्गमो में 42 दिन तक परिवार से दूर अकेले रहने से उन्हें गहरा अवसाद हो गया। “मुझे नहीं पता था कि मैं दोबारा खेल पाऊँगा या नहीं, और जब आप घर में बंद होते हैं, तो आप सोचना शुरू कर देते हैं। मुझे पैसे या अनुबंध की परवाह नहीं थी। मैं ठीक महसूस नहीं कर रहा था।”
इसी दौरान उनकी पत्नी के बारे में झूठी अफवाहें फैलने लगीं, जिससे उन्हें और भी पीड़ा हुई। “इससे बढ़कर झूठा कुछ नहीं था। क्या कोई सोच सकता है कि मुझे मेरी पत्नी किसी और के साथ मिलेगी? उन्हें अविश्वसनीय अपमान सहने पड़े।” इलीसिक ने इन अफवाहों का खंडन नहीं किया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि लोग उनके अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सवाल करें। उनके परिवार और करीबी दोस्तों को सच्चाई पता थी।
कोविड-19 के दौरान बर्गमो में ताबूतों को ट्रकों में ले जाते देखना एक भयानक दृश्य था, और इससे कुछ साल पहले फियोरेंटीना में अपने पूर्व साथी अस्टोरी के निधन ने भी उन्हें गहराई से प्रभावित किया था। इन घटनाओं ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला।

ग्यासपेरिनी का अटूट समर्थन और वापसी का सफर
इस अंधेरे दौर में, कोच ग्यासपेरिनी उनके लिए एक मार्गदर्शक बनकर खड़े रहे। ग्यासपेरिनी, जो इलीसिक की पीड़ा को देखकर भावुक हो गए थे, ने हमेशा उन्हें अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। 2018 में जब इलीसिक को एक संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें डर था कि वे जाग नहीं पाएंगे, तब ग्यासपेरिनी ने उनसे कहा, “योसिर, उठो, हमें खेलना है। मुझे परवाह नहीं है, तुम्हें मैदान पर रहना है।” वैलेन्सिया में चार गोल दागने के बाद, जब इलीसिक ने बदलने का अनुरोध किया, तो ग्यासपेरिनी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया और इलीसिक ने अपना चौथा गोल किया। “उन्होंने मुझे उन सीमाओं से परे धकेल दिया जिनके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था।”
इलीसिक ने नेपोली, मिलान और बोलोग्ना जैसे बड़े क्लबों के प्रस्तावों को ठुकरा दिया ताकि वे अतालान्ता में नायक बने रहें, न कि किसी बड़े क्लब में “एक और खिलाड़ी” बनकर रहें। यह उनका अतालान्ता के प्रति गहरा जुड़ाव और खुद को साबित करने का दृढ़ संकल्प था।
अतालान्ता से विदाई और भावनात्मक विरासत
हालांकि, चोटों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। टेंडन की समस्या के कारण उन्हें 2022 में अतालान्ता छोड़ना पड़ा। सेविले के मोनची ने उन्हें ढाई साल के अनुबंध का प्रस्ताव दिया, लेकिन इलीसिक ने मना कर दिया क्योंकि वे उस गति को बनाए रखने में असमर्थ थे। वे मारिबोर लौट आए।
बर्गमो छोड़ते समय वे दुखी थे, लेकिन 12 साल बाद घर लौटने की खुशी भी थी। 2023 में, जब अतालान्ता के प्रशंसक उनसे मिलने मारिबोर आए, तो वे भावुक हो गए। “जब आप करियर के अंत के करीब आते हैं, तो आपको समझ आता है कि आपने क्या किया है।”
2024 में, जब वे अतालान्ता-रियल मैड्रिड का मैच देखने गए, तो उन्हें लगा कि लोग उन्हें भूल गए होंगे, लेकिन प्रशंसकों ने उनका नाम गाना शुरू कर दिया। रियल मैड्रिड के लुका मोड्रिक ने भी उनसे कहा, “आप खेल नहीं रहे थे, लेकिन पूरा स्टेडियम आपके लिए था।” इलीसिक खुश हैं कि अतालान्ता ने 2024 में यूरोपा लीग जीती। उन्हें उस टीम के साथ कोई ट्रॉफी न जीतने का मलाल है, लेकिन वे अपनी टीम को जीतते देखकर खुश हैं।

निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक वापसी की कहानी
आज 37 साल की उम्र में, इलीसिक स्लोवेनिया के कोपर के लिए खेल रहे हैं, जहाँ उन्होंने “मदद के लिए” वापसी की है। उनका कहना है कि जब तक शारीरिक रूप से ठीक हैं, वे इसका आनंद लेना चाहते हैं।
योसिर इलीसिक की कहानी खेल के मैदान पर केवल एक खिलाड़ी की कहानी नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, परिवार के महत्व, कोच के अटूट विश्वास और प्रशंसकों के प्यार की एक गहरी मानवीय कहानी है। यह हमें सिखाती है कि चाहे आप कितने भी प्रतिभाशाली क्यों न हों, जीवन में चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प, समर्थन और स्वयं पर विश्वास से किसी भी अंधेरे से बाहर निकला जा सकता है। इलीसिक ने मैदान पर जादू बिखेरा और मैदान से परे, उन्होंने अवसाद से लड़कर लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणादायक योद्धा बनकर उभरे।

 
																																											 
																																											 
																																											 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								