हाल ही में कोरिग्लियानो रॉसानो, इटली में संपन्न हुई CEV U18 बीच वॉलीबॉल यूरोपीय चैंपियनशिप ने खेल जगत में एक नई कहानी लिख दी। यह सिर्फ युवा एथलीटों के कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण था कि सही समय पर मिली सहायता कैसे सपनों को हकीकत में बदल सकती है। इस चैंपियनशिप में पोडियम पर उन टीमों का दबदबा रहा जिन्हें FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण निधि (FIVB Volleyball Empowerment funding) का समर्थन प्राप्त है। जी हाँ, इस फंडिंग ने सिर्फ प्रशिक्षण नहीं दिया, बल्कि युवा खिलाड़ियों के पंखों को उड़ान भरने का हौसला भी दिया।
महिला वर्ग: ग्रीस की धाक और जर्मनी का संघर्ष
महिला वर्ग के फाइनल में ग्रीस की एलिनी एलेक्सोग्लू (Eleni Alexoglou) और मिरटो पास्चालाकी (Myrto Paschalaki) ने जर्मनी की अन्ना-चियारा रिफॉर्मेट (Anna-Chiara Reformat) और रिका डिएकमैन (Rika Dieckmann) को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ग्रीक जोड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, सभी सात मैच जीते और केवल दो सेट हारे। सेमीफाइनल में फ्रांस के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले (22-20, 29-27) के बाद, उन्होंने फाइनल में जर्मनी को 2-0 (23-21, 21-17) से मात दी। यह 15 वर्षीय एलेक्सोग्लू और 17 वर्षीय पास्चालाकी के लिए एक यादगार जीत थी, जिसने साबित किया कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन मिलकर क्या कुछ नहीं कर सकते।
जर्मन जोड़ी, जिसमें 16 वर्षीय अन्ना-चियारा रिफॉर्मेट शामिल थीं, भी फाइनल तक अपराजित रही थी, केवल सेमीफाइनल में एक सेट गंवाया। रिफॉर्मेट के लिए यह दूसरा महाद्वीपीय पदक था, पिछले साल उन्होंने U18 कांस्य पदक जीता था। कांस्य पदक बेल्जियम की लेंटे थांट (Lente Thant) और सिमोन वर्व्लोएट (Simone Vervloet) ने फ्रांस की कैंडेला (Candela) और ओज़ेन पियान (Ozanne Pian) को हराकर जीता। यह साफ था कि इन युवा खिलाड़ियों को मिलने वाला समर्थन ही उनके आत्मविश्वास का मुख्य कारण था।
पुरुष वर्ग: जर्मनी की स्वर्ण जीत और यूक्रेन का उदय
पुरुष वर्ग के फाइनल में जर्मनी के जोनाथन बुंगर्ट (Jonathan Bungert) और फिलो वुस्ट (Filo Wust) ने यूक्रेन के येहोर स्क्रीपन्याचेंको (Yehor Skrypnychenko) और एंड्री लंकन (Andrii Lunkan) को हराकर स्वर्ण पदक जीता। 16 वर्षीय फिलो वुस्ट के लिए यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला स्वर्ण पदक था, जबकि जोनाथन बुंगर्ट ने पिछले साल के U18 यूरोपीय रजत को स्वर्ण में बदला, अपनी दृढ़ता का परिचय दिया। जर्मन जोड़ी ने भी सात मैचों में केवल दो सेट गंवाए। फाइनल में, उन्होंने यूक्रेन की जोड़ी को 2-0 (22-20, 21-12) से हराया।
यूक्रेनी जोड़ी, येहोर स्क्रीपन्याचेंको और एंड्री लंकन ने भी अपने पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, कुल तीन सेट गंवाए। मेजबान इटली के मार्को डि फेलिस (Marco Di Felice) और रिकार्डो सेंटोमासो (Riccardo Santomassimo) ने अपने घरेलू दर्शकों को खुश करते हुए कांस्य पदक जीता, जब उन्होंने एस्टोनिया की जोड़ी को 2-0 से हराया। इस टूर्नामेंट ने दिखाया कि प्रतिभा किसी भी देश में हो सकती है, बस उसे सही पोषण की जरूरत होती है।
FIVB सशक्तिकरण निधि: सफलता का `अनदेखा` सूत्रधार
इन शानदार जीतों के पीछे एक `अनदेखा` सूत्रधार है – FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण निधि। यह कार्यक्रम सिर्फ एक वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक निवेश है, एक विश्वास है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं। यह कार्यक्रम खेल की दुनिया में एक `गुप्त हथियार` की तरह काम करता है, जो प्रतिभा को पहचानता है और उसे सही दिशा देता है।
- जर्मनी: जर्मन वॉलीबॉल महासंघ के बीच वॉलीबॉल विभाग को FIVB सशक्तिकरण से कोच समर्थन में कुल USD 168,000 आवंटित किए गए हैं। उनके राष्ट्रीय खिलाड़ी पूर्व यूरोपीय चैंपियन और दो बार के ओलंपियन क्रिस्टोफ डिएकमैन (Christoph Dieckmann) की देखरेख में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे अनुभवी हाथों की यह कला युवा प्रतिभाओं को तराशने का जादू जानती है।
- ग्रीस: ग्रीक महासंघ के बीच वॉलीबॉल विभाग को अब तक उनके राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए FIVB सशक्तिकरण कोच समर्थन में कुल USD 262,500 का वित्तपोषण मिला है। उनके युवा महिला खिलाड़ी क्रिस्टोस डोज़िस (Christos Dozis) और कॉन्स्टेंटिनोस गकॉउंटास (Konstantinos Gkountas) के मार्गदर्शन में काम कर रहे हैं। शायद इसी `गुरु-शिष्य` परंपरा ने ग्रीक लड़कियों को अजेय बनाया, उन्हें हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
- यूक्रेन: FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम 2022 से यूक्रेन वॉलीबॉल महासंघ को अपने वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल गतिविधियों को जारी रखने में सहायता कर रहा है, जिसके तहत कुल USD 670,000 की फंडिंग प्रदान की गई है। यह एक ऐसे समय में आया जब यूक्रेन को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, और खेल के माध्यम से आशा की किरण जगाने में यह फंडिंग निर्णायक साबित हुई। यह दिखाता है कि खेल कैसे मुश्किल समय में भी एक राष्ट्र को एकजुट कर सकता है और उसके युवाओं को एक सकारात्मक दिशा दे सकता है।
यह फंडिंग केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह वह पुल है जो युवा प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाता है, उन्हें विश्व स्तरीय कोचों से सीखने का अवसर देता है और उन्हें खेल में अपना करियर बनाने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जो प्रतियोगिता के स्तर को ऊंचा उठाती है और सभी के लिए जीत की संभावनाओं को बढ़ाती है, जैसा कि हमने इस चैंपियनशिप में देखा।
भविष्य की ओर: खेल विकास का नया मॉडल
CEV U18 बीच वॉलीबॉल यूरोपीय चैंपियनशिप में 33 विभिन्न राष्ट्रीय महासंघों की 32 महिला और 33 पुरुष टीमों ने भाग लिया। यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि यह भविष्य के सितारों की नर्सरी थी। इस आयोजन ने न केवल यूरोपीय बीच वॉलीबॉल के भविष्य को रोशन किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे सुनियोजित समर्थन कार्यक्रम युवा प्रतिभाओं को पोडियम तक पहुंचा सकते हैं। FIVB सशक्तिकरण निधि खेल विकास के लिए एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत करती है, जो यह साबित करती है कि निवेश सिर्फ पैसे का नहीं, बल्कि भविष्य का होता है। यह एक ऐसी कहानी है जो हमें बताती है कि हर बड़े सपने के पीछे अक्सर एक अदृश्य हाथ होता है, जो उसे साकार करने में मदद करता है। इन युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन आने वाले वर्षों में बीच वॉलीबॉल की दुनिया को और भी रोमांचक बनाने का वादा करता है।