यूरोपीय बीच वॉलीबॉल: रेत पर चैंपियन का जलवा और रोमांचक मुकाबलों का महासंग्राम

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गर्मी का मौसम हो, धूप खिली हो, और लहरों की आवाज़ के बीच रेत पर वॉलीबॉल का जुनून… यह नज़ारा भला किसे पसंद नहीं होगा? पिछले हफ़्ते यूरोप के चार देशों – बल्गारिया, एस्टोनिया, जर्मनी और स्लोवाकिया – में बीच वॉलीबॉल चैंपियनशिप का ऐसा ही रोमांचक माहौल देखने को मिला। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इन प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों ने अपने कौशल और दृढ़ता का अद्भुत प्रदर्शन किया। कहीं पुराने चैंपियन ने अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया, तो कहीं नए चेहरों ने सबको चौंकाते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया। आइए, इस यूरोपीय बीच वॉलीबॉल यात्रा पर चलते हैं और जानते हैं, किसने रेत पर अपना `सोना` तराशा।

बल्गारिया: बुर्गास में चैंपियनों का दबदबा

बल्गारिया के बुर्गास शहर में हुए राष्ट्रीय बीच वॉलीबॉल टूर फ़ाइनल में रोमांच चरम पर था। महिला वर्ग में, इरेना मिशोनोवा और देसिस्लावा निकोलोवा की जोड़ी ने अपनी शानदार रणनीति और तालमेल का प्रदर्शन करते हुए चैंपियनशिप का खिताब जीता। उन्होंने फ़ाइनल में देसिस्लावा तोदेवास और डारिना किंडोवा को सीधे सेटों में 2-0 (21-15, 21-9) से मात दी। यह जीत उनके आत्मविश्वास और अभ्यास का सीधा परिणाम थी।

पुरुषों के वर्ग में, दिमितार कालचेव और दिमितार मेहंदझिस्की ने साबित कर दिया कि `पुराने चावल` ही सबसे स्वादिष्ट होते हैं। उन्होंने अपने राष्ट्रीय खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया। यह कहना गलत नहीं होगा कि खिताब जीतना एक बात है, लेकिन उसे बरकरार रखना, वह भी इतने कड़े मुकाबले में, सचमुच सराहनीय है। उन्होंने ज़ाहारी ज़गुरुफ और जॉर्जी एंटोव को तीन सेटों के रोमांचक मुकाबले में 2-1 (21-16, 19-21, 15-11) से हराया। कांस्य पदक पर जुड़वां भाइयों और इनडोर वॉलीबॉल के दिग्गजों, जॉर्जी ब्रातोएव और वैलेंटिन ब्रातोएव ने कब्जा जमाया। मानो यह उनका “हम भी किसी से कम नहीं” कहने का तरीका हो।

एस्टोनिया: क्वालिफायर से चैंपियन तक का सफर

एस्टोनिया की राजधानी टालिन में आयोजित 2025 ओलेरेक्स एस्टोनियन बीच वॉलीबॉल चैंपियनशिप में एक ऐसी कहानी सामने आई, जिसे खेल प्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे। पुरुष वर्ग में, कौर एरिक काइस और जान रेबेल की जोड़ी ने अपनी यात्रा क्वालिफायर से शुरू की थी, लेकिन उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए शीर्ष पोडियम पर जगह बनाई। उन्होंने फ़ाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त मार्ट टीज़ार और दिमित्री कोरोटकोव को एक नाटकीय 2-0 (21-14, 30-28) से हराकर राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया। एक क्वालिफायर टीम का राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतना, यह दर्शाता है कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है। इसे देखकर लगता है, किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है, जो खुद पर भरोसा रखते हैं।

महिला वर्ग में, हेलीन होलास और लीसा रेमेल्ग की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए खिताब जीता। उन्होंने एक कड़े मुकाबले में लीसा-लॉट्टा जुर्गेनसन और ईवा लीसा कुइवोनेन को 2-1 (21-16, 19-21, 15-12) से पराजित किया। 17 वर्षीय मार्टा-मिया प्लूमइपू और हानेमाई हनिमागी ने कांस्य पदक जीतकर भविष्य के लिए अपनी दावेदारी पेश की।

जर्मनी: बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय जलवा

जर्मन बीच टूर के बर्लिन स्टॉप पर भी खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। महिला वर्ग में, नेले बार्बर और मेलानी गर्नेट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2-0 (21-17, 21-19) की सीधी जीत के साथ ट्रॉफी अपने नाम की।

पुरुष वर्ग में, ट्रॉफी ने अपनी राष्ट्रीय सीमाओं को पार किया और ऑस्ट्रियाई जोड़ी एलेक्जेंडर हॉर्स्ट और मोरिट्ज़ प्रिस्ताउज़ के पास चली गई। उन्होंने फ़ाइनल में बेनेडिक्ट सैगस्टेट्टर और जोनास सैगस्टेट्टर को 2-1 (21-18, 18-21, 15-10) से हराकर जीत हासिल की। जर्मन धरती पर ऑस्ट्रियाई टीम का जीतना थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन खेल की दुनिया में कौन कहाँ से आकर कब बाजी मार ले, यह कहना मुश्किल है। यह साबित करता है कि खेल में राष्ट्रीयता से ज्यादा प्रदर्शन मायने रखता है।

स्लोवाकिया: नाइके समर बीच टूर का समापन

स्लोवाकिया के नाइके समर बीच टूर के वाल्सियानस्का डोलीना स्टॉप पर भी चैंपियनों का उदय हुआ। पुरुष वर्ग में, शीर्ष वरीयता प्राप्त लुबोस नेमेक और एड्रियन पेट्रुफ ने माइकल ट्रूबाक और इगोर होर्वाथ को 2-0 (21-13, 21-14) से सीधे सेटों में हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

महिला वर्ग में, ईवा एलेकोवा और एंड्रिया बुंदज़ेल्वा की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने भी शानदार खेल दिखाया। उन्होंने तीसरे वरीयता प्राप्त एंड्रिया स्पिवरोवा और लेसिया स्लेज़ाकोवा को 2-0 (21-16, 21-17) से हराकर स्वर्ण पदक जीता। ज़ुज़ाना रेगिनोवा और क्रिस्टीना हरमानोवा ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।

कुल मिलाकर, यूरोप में बीच वॉलीबॉल का यह दौर बेहद रोमांचक और यादगार रहा। क्वालिफायर से चैंपियन बनने तक, खिताब का बचाव करने से लेकर अंतरराष्ट्रीय जीत दर्ज करने तक, हर जगह खिलाड़ियों ने अपने खेल के प्रति जुनून और समर्पण का प्रदर्शन किया। रेत के इस खेल में, जहां हर ड्रॉप और हर ब्लॉक मायने रखता है, विजेताओं ने साबित कर दिया कि असली चैंपियन सिर्फ कोर्ट पर नहीं, बल्कि हर एक स्वेट ड्रॉप में बनते हैं। ये चैंपियनशिप सिर्फ प्रतियोगितएँ नहीं, बल्कि खेल भावना का उत्सव थीं, जिसने खिलाड़ियों और प्रशंसकों दोनों को एक साथ बांधे रखा। अगले साल इन चैंपियनों को फिर से रेत पर कमाल करते देखने का इंतज़ार रहेगा!

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।