यूरोबास्केट 2025 का आगाज़ इटली के लिए कोई ख़ुशी का पैगाम नहीं लेकर आया। साइप्रस में हुए अपने पहले मैच में `अज़ूरी` टीम को ग्रीस के हाथों 75-66 से हार का सामना करना पड़ा। यह हार महज़ अंकों का अंतर नहीं, बल्कि उस उम्मीद पर एक झटका है जिसके साथ इटली ने इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में कदम रखा था। पॉज़ेक्को की टीम मैदान से नाराज़ चेहरों के साथ निकली, उनका सपना एक शानदार और विजयी शुरुआत का था, जिसे वे अपने साथी अकीले पोलोनारा को समर्पित करना चाहते थे, लेकिन बास्केटबॉल के मैदान पर सपने अक्सर वास्तविकता की कसौटी पर परखे जाते हैं, और इस बार वास्तविकता कुछ ज़्यादा ही कठोर थी।
जियानिस एंटेटोकाउंपो: एक अदम्य तूफ़ान
मैच का सबसे बड़ा नाम निस्संदेह जियानिस एंटेटोकाउंपो था, जिन्होंने 31 अंकों के साथ ग्रीस को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। उनके प्रदर्शन को महज़ `अच्छा` कहना उनके साथ नाइंसाफी होगी; वह कोर्ट पर एक चक्रवात, एक ज्वालामुखी की तरह थे, जिसने इतालवी रक्षापंक्ति को बुरी तरह छिन्न-भिन्न कर दिया। `द ग्रीक फ़्रीक` ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उनके बड़े हाथ मानो कोर्ट पर जादू कर रहे थे, और हर शॉट, हर ड्राइव इटली के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा था। सच कहें तो, उन्हें रोक पाना लगभग नामुमकिन सा लग रहा था, खासकर जब वह अपनी पूरी लय में हों। इटली ने उन्हें रोकने के हर संभव प्रयास किए, लेकिन जियानिस अपनी ही धुन में थे, और उनका संगीत इटली के लिए हार की धुन बन गया।
इटली की चुनौतियाँ: एक रात जो शायद ही कोई याद रखना चाहेगा
हालांकि, यह हार सिर्फ़ जियानिस के शानदार खेल का नतीजा नहीं थी। इटली की अपनी कुछ अंदरूनी समस्याएँ भी सामने आईं, जिन्होंने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया। टीम के स्टार खिलाड़ी फोंटेकियो के लिए यह एक निराशाजनक रात थी, जहाँ वह 11 प्रयासों में सिर्फ़ 1 शॉट ही गोल में डाल पाए, और कुल 4 अंक ही बना सके। बास्केटबॉल में ऐसी `ऑफ-नाइट` कभी-कभी खेल का रुख ही बदल देती है, और फोंटेकियो की खराब फॉर्म ने टीम को बड़ा नुकसान पहुंचाया। इटली की तीन-पॉइंट शूटिंग भी निराशाजनक रही, जहाँ उन्होंने 27 प्रयासों में सिर्फ़ 7 ही सफल बनाए – यह स्कोरबोर्ड पर अंकों के अंतर का एक बड़ा कारण बना। मैच की शुरुआत, ख़ासकर पहले और तीसरे क्वार्टर में, टीम की तीव्रता की कमी साफ़ दिखाई दी, जिसने ग्रीस को खेल पर अपनी पकड़ बनाने का मौका दिया। यह ऐसा था जैसे इटली की मशीन गर्म होने से पहले ही धीमी पड़ गई हो, और विरोधी ने इसका पूरा फायदा उठाया।
उज्ज्वल पल और आगे की राह: जॉर्जिया की चुनौती
इतना सब होने के बावजूद, इटली के लिए कुछ सकारात्मक पहलू भी थे, जो भविष्य के लिए उम्मीद जगाते हैं। कप्तान निकोलो मेली ने हिम्मत नहीं हारी और 15 अंक बनाए, वहीं नियांग ने 11 अंकों के साथ ऊर्जा का प्रदर्शन किया। रिक्की ने भी उपयोगी योगदान दिया, और बेंच से भी कुछ अंक आए, जो टीम की गहराई को दर्शाते हैं। पहले हाफ में, ग्रीस की ढीली रक्षा का फायदा उठाते हुए इटली ने धैर्य से वापसी की और हाफटाइम तक स्कोर को 32-36 तक ले आया। यह दर्शाता है कि टीम में जुझारूपन है और वे वापसी कर सकते हैं।
लेकिन अंततः, जियानिस का दबदबा और इटली की अपनी कमियाँ भारी पड़ीं। स्पैग्नोलो ने खेल के अंत में एक तीन-पॉइंट शॉट के साथ अंतर को 5 तक कम कर दिया (71-66), लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, समय उनके पक्ष में नहीं था। अब इटली को अगले मैच में जॉर्जिया का सामना करना है, जिसने स्पेन जैसी मजबूत टीम को हराया है। यह मैच इटली के लिए एक अग्निपरीक्षा होगी, जहाँ उन्हें हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। `अज़ूरी` टीम को इस हार से सबक लेकर अपने खेल में तुरंत सुधार लाना होगा। यह सिर्फ़ एक बास्केटबॉल मैच नहीं, बल्कि यूरोपीय चैंपियनशिप में उनके अस्तित्व की लड़ाई है। उम्मीद है कि वे इस हार को भूलकर एक नई ऊर्जा और रणनीति के साथ वापसी करेंगे और अपने प्रशंसकों को निराश नहीं करेंगे।