यूरोबास्केट 2025 में इटली की बास्केटबॉल टीम, जिसे प्यार से अज़ूरी के नाम से जाना जाता है, का सफर एक दिल तोड़ने वाली हार के साथ समाप्त हो गया। स्लोवेनिया के खिलाफ हुए इस कड़े मुकाबले में इटली 84-77 से पराजित हुई, जिसकी मुख्य वजह स्लोवेनियाई सुपरस्टार लुका डोंसिक का असाधारण प्रदर्शन रहा। यह सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि एक टीम के संघर्ष, एक स्टार खिलाड़ी के वर्चस्व और बास्केटबॉल के रोमांच का एक अनूठा संगम था।
एक स्टार का उदय: लुका डोंसिक का पहला हाफ
मैच की शुरुआत इटली के लिए अच्छी रही, जब उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाई। लेकिन, इस शुरुआती उत्साह को लुका डोंसिक ने कुछ ही मिनटों में ठंडा कर दिया। ऐसा लगा मानो डोंसिक ने अपने खेल के लिए एक अलग ही नियम पुस्तिका लाई हो, क्योंकि उन्होंने मैदान पर कदम रखते ही स्लोवेनियाई टीम को संभाला और एकतरफा मुकाबला शुरू कर दिया। उनके करिश्माई खेल ने स्लोवेनिया को 0-15 की जबरदस्त बढ़त दिलाई, जिसमें डोंसिक के दो थ्री-पॉइंटर्स भी शामिल थे। यह मुकाबला देखते ही देखते “एक खिलाड़ी बनाम पूरी इतालवी टीम” में तब्दील हो गया।
डोंसिक ने पहले क्वार्टर में ही 22 अंक बनाकर अपनी “अलौकिक” प्रतिभा का प्रमाण दे दिया। उनकी शानदारी, शक्ति और बेजोड़ तकनीक ने इतालवी डिफेंस को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। पहले दस मिनट के खेल के बाद स्कोर 11-29 था, जो पूरी तरह से स्लोवेनिया के पक्ष में था। दूसरे क्वार्टर में जब डोंसिक को पैर में थोड़ी परेशानी के कारण बेंच पर बैठना पड़ा, तो इटली को वापसी का एक सुनहरा मौका मिला। इस दौरान इटली ने अपनी दृढ़ता और जोश का प्रदर्शन करते हुए 19 अंकों के अंतर को कम करना शुरू किया। फोंटेक्चिओ ने बेहतरीन खेल दिखाया, जबकि नियांग ने अपनी ऊर्जा से टीम में नई जान फूंकी। पाजोला के एक थ्री-पॉइंटर ने अंतर को 7 अंकों तक सीमित कर दिया (38-45), और हाफ-टाइम तक इटली 40-50 के स्कोर के साथ मुकाबले में बनी हुई थी।
इटली का जुझारूपन: दिल और दिमाग का खेल
इटली को यह मैच जीतने के लिए सिर्फ दिल से नहीं, बल्कि दिमाग से भी खेलना था। पहले हाफ में 30 अंक बनाने के बाद डोंसिक के प्रदर्शन में स्वाभाविक रूप से थोड़ी गिरावट आनी थी, और इटली ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की। उन्होंने बॉल-लॉस की संख्या कम की और अपने शॉट्स में सुधार किया। नियांग और गैलीनारी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई, खासकर जब डोंसिक तीसरे क्वार्टर के अंत में बेंच पर थे। मेलि ने एक महत्वपूर्ण थ्री-पॉइंटर मारकर स्कोर 47-59 कर दिया, जिसके बाद फोंटेक्चिओ ने भी एक और थ्री-पॉइंटर लगाकर इटली को मुकाबले से जोड़े रखा (50-59)।
हालांकि, कुछ गलतियाँ और फ्री-थ्रो चूकने के कारण स्लोवेनिया को फिर से मजबूती मिली। डोंसिक की गैरमौजूदगी में प्रीपेलिक और निकोलिक ने दो शानदार थ्री-पॉइंटर्स मारकर अपनी टीम की बढ़त को बरकरार रखा। तीसरे क्वार्टर के अंत तक स्लोवेनिया 16 अंकों की बढ़त के साथ आगे थी।
अंतिम दौर का रोमांच और दिल तोड़ने वाली हार
चौथे क्वार्टर की शुरुआत स्लोवेनिया के लिए मूरिक के एक और थ्री-पॉइंटर (58-75) के साथ हुई, जिससे ऐसा लगा कि इटली अब हार मान लेगी। लेकिन, अज़ूरी ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने सात फेफड़ों (अदम्य सहनशक्ति का एक मुहावरा) और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया। गैलीनारी और मेलि के नेतृत्व में, इटली ने वापसी की और 5 मिनट शेष रहते अंतर को केवल 6 अंकों तक सीमित कर दिया। ये अनुभवी खिलाड़ी सचमुच अजेय लग रहे थे।
मैच के अंतिम दो मिनटों में तनाव चरम पर था। फोंटेक्चिओ ने एक और शानदार शॉट मारकर स्कोर को 77-78 तक ला दिया, जिससे इटली केवल 1 अंक से पीछे रह गई। जीत की उम्मीदें फिर से जाग उठीं, लेकिन यह लुका डोंसिक ही थे जिन्होंने शांत रहकर फ्री-थ्रो बनाए और स्लोवेनिया की बढ़त को 3 अंकों तक पहुंचाया। अंतिम मिनट में इटली ने बराबरी करने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। वे कोई और बास्केट नहीं बना पाए, और होर्वाट ने खुले मैदान में स्कोर करके मैच पर मुहर लगा दी। स्लोवेनिया 84-77 से विजयी रही, और इटली यूरोबास्केट 2025 से बाहर हो गई।
निष्कर्ष: एक शानदार लड़ाई का अंत
इटली की टीम ने हार के बावजूद, इस मैच में एक अविश्वसनीय जुझारूपन और लड़ने की भावना का प्रदर्शन किया। फोंटेक्चिओ के 22 अंक, गैलीनारी और नियांग का अनुभव, और पूरी टीम का एकजुट प्रयास सराहनीय था। हालांकि, लुका डोंसिक जैसे “दूसरे ग्रह के खिलाड़ी” को रोकना असंभव सा साबित हुआ। इस मैच ने बास्केटबॉल के प्रशंसकों को एक अविस्मरणीय अनुभव दिया, जिसमें एक ओर व्यक्तिगत प्रतिभा का चरम था, तो दूसरी ओर एक टीम की कभी हार न मानने वाली भावना। इटली का यूरोबास्केट का सफर भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन उन्होंने दिल जीत लिया।