खेल के मैदान पर वापसी की कहानियाँ हमेशा प्रेरणादायक होती हैं, और यूक्रेन की महिला वॉलीबॉल टीम की कहानी उनमें से एक है। 31 साल का एक लंबा अंतराल—लगभग तीन दशकों से भी अधिक—के बाद, यह टीम आखिरकार वैश्विक मंच, FIVB विश्व चैंपियनशिप में अपनी वापसी कर रही है। यह सिर्फ एक वापसी नहीं है; यह दृढ़ता, अदम्य भावना और सशक्तिकरण की एक गाथा है।
जब 1994 में यूक्रेन ने ब्राजील में अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था, तब उनकी वर्तमान टीम की एकमात्र सदस्य, अनुभवी मिडल ब्लॉकर स्वेतलाना डॉर्समैन, बमुश्किल नौ महीने की बच्ची थीं। आज, 31 साल की उम्र में, वह न केवल टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, बल्कि उस अतीत और वर्तमान के बीच एक जीवंत कड़ी भी हैं। सोचिए, एक ऐसी खिलाड़ी जो तब गोद में थी, अब अपनी टीम को विश्व मंच पर वापस ले जा रही है – वक्त का कैसा अजीब खेल है!
सशक्तिकरण का हाथ: नींव और उत्थान
यूक्रेन का यह प्रभावशाली उदय किसी जादू का नतीजा नहीं है, बल्कि सुनियोजित समर्थन और कड़ी मेहनत का फल है। FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट प्रोग्राम ने इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2022 से, इस कार्यक्रम ने यूक्रेन वॉलीबॉल फेडरेशन को इनडोर और बीच वॉलीबॉल दोनों गतिविधियों को जारी रखने में सहायता की है। पिछले तीन वर्षों में, FIVB और ओलंपिक सॉलिडेरिटी द्वारा कुल $901,724 का निवेश किया गया है, जिसमें 2025 के लिए $250,000 विशेष रूप से आवंटित किए गए हैं। यह निवेश केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि भविष्य में विश्वास का प्रतीक है।
इस सशक्तिकरण कार्यक्रम के समर्थन से, यूक्रेन ने अभूतपूर्व सफलताएँ हासिल की हैं:
- 2023 और 2025 में CEV यूरोपीय गोल्डन लीग में शानदार जीत दर्ज की।
- 2023 में CEV यूरोपीय चैंपियनशिप में राउंड ऑफ 16 तक पहुँचे।
- इवान पेटकोव के मार्गदर्शन में, टीम पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने से बाल-बाल चूक गई, लेकिन FIVB रोड टू पेरिस वॉलीबॉल क्वालीफायर के पूल ए में छठा स्थान हासिल किया।
नए कोच, नई ऊर्जा: याकूब ग्लुसज़क का आगमन
इस साल जनवरी में पोलिश कोच याकूब ग्लुसज़क ने राष्ट्रीय टीम की कमान संभाली और उनके आगमन के साथ ही एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। उनकी पहली बड़ी उपलब्धि जून में यूरोपीय गोल्डन लीग चैंपियन का ताज जीतना थी। यह जीत इतनी महत्वपूर्ण थी कि इसने यूक्रेन को FIVB विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर ला खड़ा किया और 2026 वॉलीबॉल नेशंस लीग (VNL) में एक स्थान भी सुरक्षित कर लिया। यूक्रेन अब उन टीमों में सर्वोच्च रैंक वाली टीम है जो 2025 VNL में शामिल नहीं हैं, और वे अगले साल कोरिया की जगह लेंगे।
विश्व चैंपियनशिप की चुनौती: थाईलैंड में रणभूमि
यूक्रेन की टीम बैंकॉक में पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरेगी, जहाँ 22 अगस्त से 7 सितंबर तक विश्व चैंपियनशिप का आयोजन होगा। वे पूल H में जापान, सर्बिया और कैमरून जैसी मजबूत टीमों के साथ हैं। उनका अभियान 23 अगस्त को गत चैंपियन सर्बिया के खिलाफ हुआमार्क इंडोर स्टेडियम में शुरू होगा। इसके बाद, 25 अगस्त को वे विश्व नंबर पांच जापान से भिड़ेंगे और 27 अगस्त को कैमरून के खिलाफ अपना पूल चरण समाप्त करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी वापसी कितनी सशक्त होती है।
प्रमुख खिलाड़ी: भविष्य के सितारे
याकूब ग्लुसज़क की टीम में कुछ ऐसे नाम हैं जो थाईलैंड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे:
- डारिया शारहोरोद्स्का: इस साल की यूरोपीय गोल्डन लीग की `मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर` (MVP) नामित, वह टीम की सेटर के रूप में खेल को नियंत्रित करेंगी।
- अन्ना आर्टिशुक: एक विश्वसनीय अटैकिंग आउटलेट के रूप में उभरी हैं और `अपोजिट` के रूप में टीम की प्रमुख स्कोरर होंगी।
- क्रिस्टीना नेम्त्सेवा: कप्तान होने के साथ-साथ, वह `लिबेरो` के रूप में रिसेप्शन और रक्षा पंक्ति की मुख्य आधार होंगी।
- स्वेतलाना डॉर्समैन: अनुभवी मिडल ब्लॉकर, जो यूरोपीय गोल्डन लीग में बाहर रहने के बाद टीम में लौट रही हैं, डायना मेल्युश्कीना और यूलियाना कोटार के साथ नेट पर रक्षात्मक स्थिरता प्रदान करेंगी।
- यूलिया डिमर और ओलेक्सांड्रा मिलेंको: आउटसाइड हिटर्स के रूप में, उन्होंने गर्मियों में शानदार निरंतरता दिखाई है, और कोच को उम्मीद होगी कि वे अपनी इस फॉर्म को बैंकॉक तक ले जाएंगे।
निष्कर्ष
यूक्रेन की महिला वॉलीबॉल टीम की यह वापसी सिर्फ एक खेल स्पर्धा में भाग लेना नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, संकल्प और समर्थन की एक सशक्त कहानी है। 31 साल का लंबा इंतजार, अनगिनत घंटों का अभ्यास, और FIVB एम्पावरमेंट प्रोग्राम का रणनीतिक समर्थन—ये सभी कारक मिलकर एक ऐसी टीम का निर्माण कर रहे हैं जो अब वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। थाईलैंड में उनका प्रदर्शन न केवल उनके प्रशंसकों के लिए, बल्कि दुनिया भर के उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो मानते हैं कि दृढ़ता और सही समर्थन से कुछ भी संभव है। यह वास्तव में एक नई सुबह की कहानी है, जो वॉलीबॉल के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखी जा सकती है।