यान‌िक स‌िनर: घास के कोर्ट पर सपनों का साकार होना

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टैनिस जगत के लिए एक नया इत‌िहास रचा गया है। इटली के उभरते स‌ितारे, यान‌िक स‌िनर, व‌िंबलडन का पुरुष एकल ख‌िताब जीतने वाले पहले इतालव‌ी ख‌िलाड़ी बन गए हैं। लंदन के प्रत‌िष्ठ‌ित ऑल इंग्लैंड क्लब में हुए फाइनल मुकाबले में स‌िनर ने अपने कट्टर प्रत‌िद्वंद्व‌ी कार्लोस अल्काराज़ को एक रोमांचक मुकाबले में मात दी।

स‌िनर की यह ज‌ीत स‌िर्फ एक ख‌िताब नहीं है, बल्क‌ि यह उनके बचपन के “सपनों के सपने” का साकार होना है। ज‌ितनी मुश्क‌िल से उन्होंने कोर्ट पर न‌िर्णायक शॉट्स लगाए, शायद उससे भी ज़्यादा मुश्क‌िल उन्हें ज‌ीत के बाद अपनी भावनाओं को शब्दों में प‌िरोना लगा। प्रिंसेस केट से ट्रॉफी लेते वक़्त उनके चेहरे पर खुशी और संतोष साफ झलक रहा था।

फाइनल मुकाबला आसान नहीं था। अल्काराज़ के ख‌िलाफ तीन घंटे से ज़्यादा चले इस मैच में स‌िनर ने 4-6, 6-4, 6-4, 6-4 से ज‌ीत दर्ज की। स‌िनर ने मैच के बाद कहा, “जब मैं छोटा था, तब व‌िंबलडन मेरे ल‌िए सपनों का सपना था, क्योंक‌ि यह टूर्नामेंट उस जगह से बहुत दूर लगता था जहाँ से मैं आता हूँ। आज मैं अपना सपना जी रहा हूँ।”

उन्होंने अपने प्रत‌िद्वंद्व‌ी अल्काराज़ की सराहना करते हुए कहा, “कार्लोस के ल‌िए भी एक और अतुल्य टूर्नामेंट रहा। आपके ख‌िलाफ खेलना हमेशा मुश्क‌िल होता है। हमारा कोर्ट के बाहर बहुत अच्छा र‌िश्ता है।” थोड़ी चुलबुली अंदाज़ में उन्होंने आगे जोड़ा, “कार्लोस, तुम इस ट्रॉफी को कई बार अपने हाथों में लोगे… वैसे तुम्हारे पास पहले से ही दो हैं!” यह उनके बीच स्वस्थ प्रत‌िद्वंद्व‌िता और आपसी सम्मान को दर्शाता है।

पेरिस में हुई अपनी हाल‌िया हार का ज़िक्र करते हुए स‌िनर ने कहा, “पेरिस में मैं बुरे तरीके से हारा था, लेक‌िन खास टूर्नामेंट्स में यह मायने नहीं रखता क‌ि आप कैसे जीतते या हारते हैं, आपको यह समझना होता है क‌ि आपने क्या गलत‌ी की और उस पर काम करना होता है।” उन्होंने इस हार को स्वीकार करने को अपनी इस ज‌ीत का एक कारण बताया। स‌िनर ने माना क‌ि आखर‌ी गेम में शांत और ध‌ीरज बनाए रखना बहुत ज़रूरी था, क्योंक‌ि पाँच सेट के मैच में क‌िसी भी वक़्त कुछ भी बदल सकता है।

व‌िंबलडन के अनूठे माहौल का ज‌िक्र करते हुए उन्होंने फाइनल गेम के दौरान हुए एक मज़ेदार हादसे को याद क‌िया, जब एक शैम्पेन का कॉर्क कोर्ट पर आ ग‌िरा था। स‌िनर ने मुसकुराते हुए कहा, “ऐसा स‌िर्फ यहीं व‌िंबलडन में हो सकता है, और इसी ल‌िए मुझे यहाँ खेलना पसंद है। यह बहुत खास टूर्नामेंट है।” व‌िजेता के तौर पर क्लब का सदस्य बनना उनके ल‌िए अविश्वसनीय था और उन्होंने लंबी कर‌ियर की उम्मीद जताई।

अपने भाषण के अंत में, स‌िनर ने अपनी टीम, दर्शक दीर्घा में मौजूद सभी लोगों और यहाँ तक क‌ि बॉल बॉयज़ का भी धन्यवाद क‌िया, ज‌िन्होंने टूर्नामेंट को सुचारू रूप से चलाने में मदद की। यह ज‌ीत स‌िर्फ एक ख‌िलाड़ी की नहीं, बल्क‌ि उसके दृढ़ संकल्प, मेहनत और पूरी टीम के प्रयास की कहानी है, ज‌िसने उसे घास के इन प्रत‌िष्ठ‌ित कोर्ट्स पर इत‌िहास रचने का मौका द‌िया।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।