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यूएफसी (UFC) की दुनिया में फाइटर्स के लिए फाइट से पहले वज़न कम करना (weight cutting) एक सबसे बड़ी और अक्सर सबसे दर्दनाक चुनौती होती है। कई बार ये प्रक्रिया इतनी मुश्किल हो जाती है कि यह सीधे तौर पर एथलीट के प्रदर्शन और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। ब्राज़ील के जाने-माने फाइटर विटोर पेट्रिनो ने भी इसी चुनौती से तंग आकर एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अपनी पुरानी 205 पाउंड की लाइट हेवीवेट डिवीज़न को छोड़कर भारी भरकम 265 पाउंड की हेवीवेट डिवीज़न में कदम रखा है, और वे इस बदलाव से बेहद खुश हैं।
वज़न कम करने की पीड़ा से मुक्ति
27 वर्षीय पेट्रिनो ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि 205 पाउंड वज़न बनाना उनके लिए कितना तकलीफदेह था। अपनी पिछली फाइट्स के लिए उन्हें 30 पाउंड से ज़्यादा वज़न कम करना पड़ता था, जो एक एथलीट के लिए आसान नहीं होता। इस प्रक्रिया ने उनके शरीर और मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाला। “अगर मुझे पता होता कि यह (हेवीवेट में आना) ऐसा होगा, तो मैं यह बहुत पहले ही कर लेता,” उन्होंने हंसते हुए कहा। “यह पूरी तरह से एक अलग ज़िंदगी है। मैं अच्छे से खा पा रहा हूँ, भरपूर सो पा रहा हूँ, शरीर अच्छे से रिकवर हो रहा है, और मुझे वज़न की चिंता किए बिना दवाएं लेने में कोई दिक्कत नहीं हो रही। यह सचमुच एक अलग ही दुनिया है।”
उन्होंने माना कि वज़न कम करने की चिंता इतनी ज़्यादा हो जाती थी कि वे असल फाइट की रणनीति, जैसे टेकडाउन करना या स्ट्राइकिंग करना, से ज़्यादा इस बात को लेकर परेशान रहते थे कि क्या वे सही वज़न पर आ पाएंगे और मैदान में ज़रूरी ताकत दिखा पाएंगे। “मेरे दिमाग में सिर्फ यही चलता था, `क्या मुझमें उतनी ताकत होगी? क्या मैं रणनीति पर चल पाऊंगा?` वज़न कम करने का यही सबसे बुरा पहलू है।”
हेवीवेट में नई जान
हेवीवेट डिवीज़न में आने के बाद पेट्रिनो का कहना है कि अब वे फाइट के दिन लगभग 250 पाउंड के आसपास रहने का इरादा रखते हैं। यह वो वज़न है जिस पर वे ट्रेनिंग के दौरान सहज और शक्तिशाली महसूस करते हैं। “मैं ट्रेनिंग में सारे राउंड आसानी से कर पाता हूँ और बहुत ताकतवर महसूस करता हूँ। मुझे थकान नहीं होती। मैं भारी महसूस नहीं करता क्योंकि यह मेरा सामान्य ट्रेनिंग वज़न है।” उनका मुख्य लक्ष्य हेवीवेट डिवीज़न में केवल वज़न बढ़ाना नहीं, बल्कि चुस्त, फुर्तीला और अपनी सर्वश्रेष्ठ शारीरिक अवस्था में रहना है।
आगे की राह और नए प्रतिद्वंदी
विटोर पेट्रिनो का हेवीवेट डेब्यू ऑस्टिन लेन के खिलाफ UFC नैशविल इवेंट में हुआ। हालांकि उनकी मूल योजना जोनाटा डिनिज़ नामक फाइटर से मुकाबला करना था, लेकिन चोट के कारण यह बदल गया। पेट्रिनो का मानना है कि ऑस्टिन लेन, जो किसी खास शैली के विशेषज्ञ नहीं हैं बल्कि एमएमए के हर पहलू में थोड़ा बहुत जानते हैं, जोनाटा से ज़्यादा अप्रत्याशित प्रतिद्वंदी साबित हो सकते हैं।
लगातार दो हार के बाद पेट्रिनो की नौकरी खतरे में हो सकती थी, लेकिन वे इस बात का अतिरिक्त दबाव महसूस नहीं कर रहे। वे जानते हैं कि यूएफसी में हेवीवेट डिवीज़न दुनिया के सबसे बड़े एमएमए संगठन के हिसाब से काफी छोटा है (लगभग 25 फाइटर)। यह एक ऐसा माहौल है जहाँ एक या दो जीत आपको जल्दी से रैंकिंग में ऊपर ला सकती हैं और टॉप फाइटर्स के खिलाफ मुकाबले दिला सकती हैं। “मुझे लगता है कि इस डिवीज़न में मेरी तरक्की काफी तेज़ हो सकती है,” उन्होंने आत्मविश्वास से कहा। हालांकि, उनका ध्यान हमेशा की तरह `एक-एक फाइट` पर ही केंद्रित रहेगा। वे मानते हैं कि उनका प्रदर्शन ही तय करेगा कि वे इस नए डिवीज़न में कहाँ तक पहुँच पाते हैं।
निष्कर्ष: 205 पाउंड – कभी नहीं!
वज़न कम करने की कठोर प्रक्रिया से मिली आज़ादी और हेवीवेट डिवीज़न में छिपी संभावनाओं के साथ, विटोर पेट्रिनो अपने करियर का एक नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार हैं। उनका `205 पाउंड? कभी नहीं!` का सीधा संदेश बताता है कि वे अपने इस फैसले को लेकर कितने गंभीर हैं। यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि वज़न की चिंता से मुक्त होकर यह ब्राज़ीली फाइटर हेवीवेट डिवीज़न में कितनी ऊँचाइयों को छूता है।
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