विश्व चैंपियनशिप में कैमरून वॉलीबॉल का जुझारूपन: हार में भी जीत की गूँज!

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हाल ही में संपन्न हुए 2025 FIVB महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप के उद्घाटन मुकाबले में, कैमरून की युवा वॉलीबॉल टीम को जापान के हाथों सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि स्कोरलाइन (25-17, 25-19, 25-21) भले ही एकतरफा लग सकती है, लेकिन मैदान पर जो संघर्ष और जज़्बा कैमरून की खिलाड़ियों ने दिखाया, वह किसी जीत से कम नहीं था। उनके मुख्य कोच, पाउलो डी टार्सो मिलाग्रेस, ने इस प्रदर्शन में अपनी टीम के भविष्य के लिए पर्याप्त उम्मीदें देखी हैं।

रक्षात्मक कौशल की मिसाल: कैमरून का ब्लॉक गेम

थाईलैंड के हुआमार्क इंडोर स्टेडियम में लगभग 3,000 दर्शकों के सामने, कैमरून ने अपने से कहीं अधिक अनुभवी जापानी विरोधियों के लिए मुश्किलें खड़ी कीं। विशेष रूप से, उनके रक्षात्मक ब्लॉक गेम ने सबको प्रभावित किया। उन्होंने ब्लॉक से 11 अंक अर्जित किए, जिससे जापान की ताल बिगड़ गई। मिडिल ब्लॉकर फ्लोरे नाब्योंग और ऑपोजिट कैरीन ब्लामडाआई ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई, जो इस अफ्रीकी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। भले ही जीत नहीं मिली, लेकिन यह प्रदर्शन बताता है कि कैमरून में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है।

कोच मिलाग्रेस की दूरदर्शिता: तैयारी ही कुंजी है

ब्राजील के अनुभवी कोच पाउलो मिलाग्रेस ने मैच के बाद गर्व से कहा, “यहां होना हमारे लिए सम्मान की बात है, और आज हमने जो किया, उस पर मुझे अपनी टीम पर वास्तव में गर्व है।” उनकी बातों में एक दूरदर्शिता छिपी थी। उनका मानना है कि बेहतर तैयारी के साथ, टीम एक या दो सेट जीतने में भी सक्षम हो सकती थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “लोग अक्सर कहते हैं कि मनोवैज्ञानिक हिस्सा पर्याप्त मजबूत नहीं है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूँ। जब आपके पास लंबी और बेहतर तैयारी होती है, तो आपका तकनीकी स्तर सुधरता है, और बेहतर तकनीकी क्षमता के साथ आप अधिक आत्मविश्वासी भी बनते हैं। हमें यही चाहिए – बस बेहतर और लंबी तैयारी।” यह सिर्फ खेल की बात नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का एक अचूक मंत्र है। अगर सही संसाधन और प्रशिक्षण मिले, तो किसी भी पृष्ठभूमि की टीम बुलंदियों को छू सकती है।

FIVB का समर्थन: एक नई दिशा

इसी साल की शुरुआत में, कोच मिलाग्रेस को FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कोच सपोर्ट प्रोजेक्ट के तहत नियुक्त किया गया था, जिसने कैमरून के वॉलीबॉल कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए 84,000 डॉलर का निवेश किया। यह निवेश दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय खेल संगठन विकासशील देशों की टीमों को कितना महत्व देते हैं। मिलाग्रेस ने अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप को “मांग भरा और पुरस्कृत” दोनों बताया। उनके लिए, यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों और खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का एक “अद्भुत अनुभव” है, जिसे वे आगे की चुनौतियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।

भविष्य की ओर एक कदम: सीखना और बढ़ना

जापान के खिलाफ मैच में, ब्लामडाआई और एस्टेले अदिअना ने अधिकांश स्कोरिंग की, जबकि आउटसाइड हिटर ब्रैंडी गात्चेऊ ने अपनी अटैकिंग क्षमता का प्रदर्शन किया। लेकिन जैसा कि कोच ने रेखांकित किया, यह कैमरून का ब्लॉक ही था जिसने उन्हें खेल में बनाए रखा। जापान जैसी उच्च कैलिबर की टीम के खिलाफ खेलना कैमरून के लिए एक अमूल्य सीखने का अवसर था। मिलाग्रेस ने कहा, “जब आप जापान जैसी टीम के खिलाफ खेलते हैं, तो आप उन गलतियों को करने का जोखिम नहीं उठा सकते जो हम आमतौर पर करते हैं। यह सीखने की बात है। हमें ऐसी उच्च तकनीकी गुणवत्ता वाली टीम से सीखना होगा, और हमें इसे अपने अगले कदमों के लिए आगे बढ़ाना होगा।”

कैमरून की टीम अब अपने पूल एच अभियान में डिफेंडिंग चैंपियन सर्बिया और फिर यूक्रेन का सामना करेगी। भले ही विश्व चैंपियनशिप में उनका सफर अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन जापान के खिलाफ उनका प्रदर्शन यह साबित करता है कि यह टीम सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने नहीं, बल्कि सीखने और मजबूत बनने आई है। उनकी यात्रा अभी शुरू हुई है, और आने वाले मैच निश्चित रूप से उनकी क्षमता को और निखारेंगे। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, जुनून और अदम्य भावना की कहानी है, जो हर हार को एक नई सीख में बदल देती है।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।