विंबलडन की नई महारानी इगा स्वियातेक: ‘कम उम्मीदों ने मेरी जीत आसान बनाई’

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विंबलडन 2024 जीतकर पोलैंड की स्टार टेनिस खिलाड़ी इगा स्वियातेक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिनी जाती हैं। यह जीत उनके करियर का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, खासकर ग्रास कोर्ट पर, जिसे लेकर अक्सर उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। लेकिन इगा खुद मानती हैं कि शायद यही `कम उम्मीदें` उनकी सफलता की कुंजी बनीं।

विंबलडन ट्रॉफी उठाने के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या अब वह खुद को ग्रास कोर्ट की विशेषज्ञ मानेंगी, तो इगा का जवाब काफी विनम्र और थोड़ा मजाकिया था। उन्होंने कहा, “अभी पक्का नहीं कह सकती। शायद तब, जब मैं अपनी गेम में स्लाइस और ड्रॉप शॉट्स को पूरी तरह से शामिल कर लूं।” यह दिखाता है कि टॉप पर पहुंचने के बाद भी उनमें सीखने और बेहतर होने की कितनी ललक है।

यह दिलचस्प है कि इगा ने जूनियर विंबलडन खिताब जीता था और सीनियर टूर्नामेंट में भी क्वार्टर फाइनल तक पहुंच चुकी थीं। वह लंबे समय तक दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी भी रही हैं। इसके बावजूद, टेनिस जगत का एक बड़ा हिस्सा उन्हें क्ले कोर्ट का खिलाड़ी मानता रहा और ग्रास पर उन्हें उतना खतरनाक नहीं समझा गया। शायद यही वह बिंदु है जहां इगा ने मानसिक बढ़त हासिल की।

इगा ने खुद इस बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भले ही ग्रास पर उनकी `कथित` कमजोरियां कितनी भी सच हों या न हों, उन्हें यह बात अच्छी लगी कि उन पर उम्मीदों का उतना दबाव नहीं था। उनका कहना था, “जब मैं विंबलडन खेलने आई, तो लोगों की उम्मीदें थोड़ी कम थीं। और मुझे यह स्थिति पसंद आई। इससे मैं सिर्फ अपने खेल पर, खुद को एक खिलाड़ी के तौर पर बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकी।”

कई बार जब आप पर अपेक्षाओं का बोझ होता है, तो दबाव में प्रदर्शन करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन इगा के लिए, बाहरी दुनिया का यह मानना कि वह ग्रास विशेषज्ञ नहीं हैं, एक तरह से आशीर्वाद बन गया। इसने उन्हें शोर-शराबे से दूर, अपने काम पर ध्यान लगाने की आजादी दी। यह उनके लिए विंबलडन जीतने का सफर था, जो उन्होंने खुद स्वीकार किया, कभी एक `असंभव सा सपना` लगता था।

इगा स्वियातेक की यह जीत सिर्फ उनकी खेल प्रतिभा का ही नहीं, बल्कि उनकी मानसिक मजबूती और दबाव को संभालने की अनोखी क्षमता का भी प्रमाण है। कभी-कभी, कम उम्मीदें ही आपको अपने सबसे बड़े सपने को पूरा करने की ताकत दे सकती हैं। और विंबलडन में इगा की कहानी इस बात का जीता-जागता सबूत है।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।