विंबलडन फाइनल: घास कोर्ट पर पहले ही चमक चुके हैं अधिकांश फाइनलिस्ट

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साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम, विंबलडन, का फाइनल नजदीक है, और दुनिया भर के टेनिस प्रेमियों की निगाहें लंदन के प्रतिष्ठित घास कोर्ट पर टिक गई हैं। हर खिलाड़ी इस खास सतह पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का सपना देखता है। लेकिन इस बार के फाइनलिस्ट की सूची पर नज़र डालें, तो एक दिलचस्प पैटर्न सामने आता है जो उनकी तैयारियों और इस खास सतह पर महारत को दर्शाता है।

एक चौंकाने वाले आंकड़े के मुताबिक, एकल वर्ग के चार में से तीन फाइनलिस्ट, विंबलडन की कड़ी चुनौती का सामना करने से पहले, इस साल के ग्रास कोर्ट सीजन में किसी और टूर्नामेंट के निर्णायक मुकाबले तक पहुंच चुके थे। यह आंकड़ा महज़ संयोग नहीं है; यह संकेत देता है कि विंबलडन जैसे सबसे बड़े मंच पर उतरने से पहले इन खिलाड़ियों ने खुद को घास की विशिष्ट परिस्थितियों में ढाला और परखा है।

घास कोर्ट अपनी तेज़ गति और अप्रत्याशित उछाल के लिए जाना जाता है, जो इसे क्ले या हार्ड कोर्ट से बिल्कुल अलग बनाता है। इस सतह पर सफल होने के लिए फुर्ती, सटीक वॉली और सर्विस पर मज़बूत पकड़ जैसे विशेष कौशल ज़रूरी होते हैं। विंबलडन से पहले आयोजित होने वाले छोटे ग्रास टूर्नामेंट खिलाड़ियों को इन कौशलों को निखारने और मैच की लय हासिल करने का बेहतरीन मौका देते हैं। ऐसे में, विंबलडन जैसे प्रतिष्ठित इवेंट से पहले घास पर अच्छा प्रदर्शन करना खिलाड़ियों के आत्मविश्वास बढ़ाने वाला और फॉर्म का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है।

महिला वर्ग के फाइनल में देखें तो, दोनों ही फाइनलिस्ट – अमांडा एनिसिमोवा और विश्व नंबर 1 इगा स्वियातेक – विंबलडन से पहले ग्रास कोर्ट पर खिताबी मुकाबले खेल चुकी हैं। एनिसिमोवा ने क्वीन क्लब (WTA 500) में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया, जो विंबलडन की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। उधर, क्ले कोर्ट पर अपनी दबदबे वाली पहचान बनाने वाली इगा स्वियातेक ने भी बैड होम्बर्ग (Bad Homburg) में फाइनल में जगह बनाकर साबित किया कि वह घास पर भी उतनी ही खतरनाक हो सकती हैं। यह दिखाता है कि शीर्ष खिलाड़ी ग्रास सीजन की तैयारी को कितनी गंभीरता से लेते हैं, भले ही उनकी मुख्य सतह कोई और हो। मानो वे कह रहे हों, “देखो, हम घास पर भी खेल सकते हैं!”

पुरुष वर्ग की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है, कम से कम एक फाइनलिस्ट के लिए। फाइनल में पहुंचे कार्लोस अल्काराज़ ने तो विंबलडन से ठीक पहले क्वीन क्लब का प्रतिष्ठित खिताब ही जीत लिया था। यह उनकी ग्रास कोर्ट पर ज़बरदस्त फॉर्म का स्पष्ट संकेत था, और शायद उन्हें विंबलडन के लिए पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक बनाता है। हालांकि, उनके प्रतिद्वंद्वी – जो यानिक सिनर या नोवाक जोकोविच में से कोई होंगे – ने इस मौजूदा ग्रास सीजन में विंबलडन से पहले किसी अन्य टूर्नामेंट के फाइनल में जगह नहीं बनाई है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वे कमज़ोर खिलाड़ी हैं; अक्सर महान खिलाड़ी अपनी रणनीति के तहत सीधे ग्रैंड स्लैम में ही अपने खेल के चरम पर पहुंचते हैं, या शायद उनकी तैयारी का तरीका अलग होता है। हो सकता है कि वे अपनी ऊर्जा को सीधे विंबलडन के लिए बचा रहे हों!

यह दिलचस्प प्रवृत्ति हमें एक महत्वपूर्ण बात बताती है: ग्रास सीजन के शुरुआती टूर्नामेंट केवल अभ्यास के लिए नहीं होते, वे विंबलडन में सफलता की राह दिखाने वाले मील के पत्थर भी हो सकते हैं। जिन खिलाड़ियों ने इन छोटे पड़ावों पर खुद को साबित किया है, वे निश्चित रूप से बड़े मुकाबले में अतिरिक्त आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे। हालांकि, टेनिस के फाइनल में अंतिम जीत उसी खिलाड़ी की होती है जो उस दिन दबाव को बेहतर ढंग से संभालता है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। लेकिन घास पर पहले की सफलता निश्चित रूप से एक अच्छी शुरुआत है और बताती है कि कौन से खिलाड़ी इस खास सतह पर पहले से ही सहज और प्रभावी महसूस कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इस फॉर्म को वे विंबलडन के फाइनल में जीत में बदल पाते हैं या नहीं।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।