वाल्टर वॉकर: ‘मैं बस एक इंसान हूँ’ – यूएफसी स्टारडम की राह में धैर्य और आत्म-ज्ञान का अनोखा पाठ

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एमएमए की दुनिया में, जहाँ हर फाइटर तेजी से शीर्ष पर पहुंचने का सपना देखता है और हर जीत के बाद अगले बड़े मुकाबले की मांग करता है, वहीं यूएफसी हेवीवेट डिवीजन के उभरते हुए सितारे वाल्टर वॉकर एक अलग ही राह पर चल रहे हैं। हाल ही में यूएफसी नैशविले में अपनी लगातार तीसरी `हिल हुक` फिनिश से प्रतिद्वंद्वी कैनेडी नजेचुकु को एक मिनट से भी कम समय में हराने और $50,000 का बोनस जीतने के बावजूद, वॉकर ने शीर्ष 10 प्रतिद्वंद्वी के साथ लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। यह फैसला कई लोगों को चौंका सकता है, खासकर तब जब यूएफसी का हेवीवेट डिवीजन अनुभव और बड़े नामों की कमी से जूझ रहा है।

धीरज: सफलता की कुंजी?

अक्सर हमने देखा है कि एक धमाकेदार जीत के बाद खिलाड़ी तुरंत उच्च-रैंक वाले विरोधियों को चुनौती देते हैं, लेकिन वाल्टर वॉकर का दृष्टिकोण बिल्कुल विपरीत है। वह इस `धूमिल` लोकप्रियता के पीछे भागने के बजाय, अपने कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए समय चाहते हैं। वॉकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया, “मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मैंने जीता और बोनस भी मिला, लेकिन मैं अपनी जल्दबाजी से नाखुश था। मुझे लगा था कि मैं अधिक शांत रहूँगा।” उन्होंने स्वीकार किया कि मुकाबले के दौरान उन्होंने एक गंभीर गलती की थी – अपने प्रतिद्वंद्वी का पीछा करना।

“अगर वह अधिक अनुभवी होता, कोई शीर्ष 10 रैंक का खिलाड़ी होता, तो वह मुझे नॉकआउट कर देता, इसमें कोई संदेह नहीं। यह एक ऐसी गलती है जिसे मैं जिम वापस जाकर ठीक करना चाहता हूँ। मेरे पास कुश्ती का ढेर सारा अनुभव है, मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ। शायद यह अनुभव की कमी थी या मेरी अपरिपक्वता, क्योंकि अखाड़ा खचाखच भरा था, वह सारा शोर… यह एक बेवकूफी भरी गलती थी जिसे मुझे ठीक करना पड़ा।”

वॉकर सितंबर में यूएफसी पेरिस कार्ड पर या अगले महीने रियो डी जनेरियो में प्रस्तावित फाइट नाइट शो में वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन वह किसी शीर्ष-रैंक वाले दुश्मन की बजाय “बहुत मजबूत” और अपराजित संभावना वाले मारियो पिंटो से मुकाबला करना पसंद करेंगे।

शीर्ष 10: अभी नहीं, धन्यवाद!

वॉकर का कहना है कि वह अभी शीर्ष 10 में नहीं आना चाहते। “मैं जानता हूँ कि शीर्ष 10 के लोग एक बिल्कुल अलग स्तर पर हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा, मैं अभी वहाँ नहीं रहना चाहता। मैं बार-बार कह रहा हूँ, मैं अभी रैंक में नहीं आना चाहता। मैं तैयार नहीं हूँ। अगर मैं डेढ़ साल, दो साल तक रुक सकता हूँ, तो ठीक है, तब मैं रैंकिंग में आ सकता हूँ। अगर मैं अभी रैंकिंग में जाता हूँ, तो मैं परेशान हो जाऊँगा।”

यह एक असाधारण बयान है, खासकर ऐसे खेल में जहाँ करियर छोटा होता है और हर फाइटर तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन वॉकर की बुद्धिमत्ता यहीं दिखती है। वह जानते हैं कि अचानक मिली सफलता अक्सर टिकाऊ नहीं होती।

दूसरों की गलतियों से सीखना

वॉकर अपने भाई जॉनी वॉकर और टैलीसन टीजेरा के उदाहरण देते हैं, जिन्होंने त्वरित सफलता हासिल की लेकिन फिर बड़ी चुनौतियों का सामना करने पर लड़खड़ा गए। टीजेरा केवल 1-0 के यूएफसी रिकॉर्ड के साथ थे जब उन्हें फरवरी में जस्टिन टाफा पर 35 सेकंड की नॉकआउट जीत के बाद यूएफसी नैशविले में डेरिक लुईस के साथ मुख्य मुकाबले की पेशकश की गई। लुईस ने, संयोग से, टीजेरा को भी 35 सेकंड में खत्म कर दिया।

“मुझे बहुत दुख हुआ कि [टीजेरा] हार गया,” वॉकर ने कहा। “मैंने सोचा था कि वह डेरिक को हरा देगा, मैंने उससे कहा भी था, लेकिन फिर क्या? `तुम केवल 25 साल के हो और शीर्ष 8 में हो। तुम शीर्ष 8 में किससे लड़ोगे? वहाँ केवल बदमाश हैं और तुम 25 साल के हो। तुम अभी उनसे नहीं लड़ सकते।` और वह डेरिक से पार नहीं पा सका।” यह एक कठोर वास्तविकता है, जो दर्शाती है कि कुछ पेड़ तेज धूप में अक्सर जल्दी सूख जाते हैं।

उन्होंने अपने भाई जॉनी वॉकर का भी जिक्र किया, जिनकी यूएफसी में तीन नॉकआउट जीत के साथ तेजी से वृद्धि हुई थी, लेकिन कोरियर एंडरसन से हारने के बाद उनकी गति धीमी पड़ गई। “मेरा भाई यूएफसी गया और उसने तीन नॉकआउट किए और हर कोई कहने लगा, `वह जॉन जोन्स को हरा देगा।` भाई, जॉन जोन्स ने अपनी पूरी जिंदगी केवल चैंपियन और पूर्व-चैंपियन से लड़ाई की है। जॉनी ने तीन `कैन` को हराया। असली वाला केवल खलील राउन्ट्री था।” वॉकर बताते हैं कि जब उनके भाई को कोरी एंडरसन से लड़ने की पेशकश की गई थी, तो उनके कोच ने सलाह दी थी कि जॉनी तैयार नहीं है, लेकिन दूसरे कोच ने `झूठी प्रशंसा` दी जिससे जॉनी को ठेस पहुंची। “लोग क्यों झूठ बोलते हैं ताकि तुम्हारी आँखें चमकें, तुम्हें यह पसंद है। और फिर तुम मुसीबत में पड़ जाते हो और सब गायब हो जाते हैं।”

`तुम बस एक इंसान हो`: विनम्रता का महत्व

यह आत्म-ज्ञान ही वाल्टर वॉकर के दर्शन का मूल है। वह अपनी पत्नी की व्यावहारिक सलाह का भी जिक्र करते हैं, जिन्होंने उन्हें मुकाबले से पहले `काउबॉय हैट` और `रबर फीट` के साथ मजाक न करने की सलाह दी थी। “जब तुम बढ़ने लगते हो और प्रसिद्ध होने लगते हो, पैसा कमाने लगते हो, तो अहंकार होना सामान्य है,” वॉकर ने कहा। “तुम सोचने लगते हो कि तुम सर्वश्रेष्ठ हो। तुम्हें अपने आसपास के लोगों के साथ नहीं बदलना चाहिए। तुम्हें लोगों को सुनना होगा क्योंकि वे सीमाएं तय करेंगे।”

वॉकर एक प्राचीन ग्रीक कहानी सुनाते हैं, जहाँ एक विजेता योद्धा राजा के पीछे एक गुलाम चलता था, जो लगातार फुसफुसाता रहता था, “तुम बस एक इंसान हो।” यह राजा को उसकी नश्वरता और सीमाओं की याद दिलाता था, भले ही उसे देवताओं जैसा सम्मान मिल रहा हो। वॉकर मानते हैं कि यह एक एथलीट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर यूएफसी जैसे हाई-प्रोफाइल मंच पर। “एक फाइट वीक पागलपन से भरा होता है, वे तुम्हें एक स्टार जैसा महसूस कराते हैं। प्रशंसक, अखाड़ा, फोटोशूट, इंटरव्यू। तुम्हें बहुत परिपक्व होना होगा, अन्यथा यह खराब हो सकता है।”

भविष्य की रणनीति और यूएफसी की भूमिका

वॉकर का मानना है कि अगर यूएफसी धैर्य दिखाए तो उनका भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। “अगर वे मुझे एक हेवीवेट स्टार बनाना चाहते हैं, तो वे धैर्य रखेंगे। अब, अगर वे मुझे रैंकिंग में भेजना चाहते हैं और एक फाइट जीतकर चार हारना चाहते हैं और बाहर होना चाहते हैं और कोई मुझे नहीं जानता, तो वे मुझे वहाँ फेंक देंगे। यह उनकी पसंद है।”

वाल्टर वॉकर का दृष्टिकोण केवल एक फाइटर की रणनीति नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक पाठ है – जल्दबाजी में मिली सफलता अक्सर उतनी टिकाऊ नहीं होती जितनी धैर्य और आत्म-ज्ञान से अर्जित की गई होती है। उनका यह कदम यूएफसी के लिए एक दिलचस्प चुनौती पेश करता है: क्या वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी के दीर्घकालिक विकास में निवेश करेंगे, या तत्काल सनसनी के लिए उसे जोखिम में डालेंगे? वाल्टर वॉकर के करियर की राह देखने लायक होगी, क्योंकि वह अपने अनोखे दर्शन के साथ एमएमए की दुनिया में एक मिसाल कायम कर रहे हैं। शायद, असली ताकत अपने अहंकार को पहचानना और उसे नियंत्रित करना ही है।

विक्रम सिंघानिया

विक्रम सिंघानिया मुंबई से हैं और मुक्केबाजी और कुश्ती में विशेषज्ञ हैं। नौ साल के करियर में, उन्होंने छोटे शहरों के युवा खिलाड़ियों पर डॉक्यूमेंट्री रिपोर्ट की एक श्रृंखला बनाई है। वे भारतीय खेल की उभरती प्रतिभाओं के साथ विशेष साक्षात्कार के लिए जाने जाते हैं। वे नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट और राष्ट्रीय चैंपियनशिप को कवर करते हैं।