वॉलीबॉल में फिनलैंड का फिनिक्स अवतार: एक दशक बाद फिर बुलंदियों की ओर उड़ान

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फिनलैंड की पुरुष वॉलीबॉल टीम, जो कभी विश्व मंच पर अपनी धाक जमा चुकी थी, एक दशक बाद फिर से चमकने को तैयार है। 2025 विश्व चैंपियनशिप में उनकी वापसी सिर्फ एक टूर्नामेंट में भागीदारी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक पुनरुत्थान की कहानी है – वो कहानी, जो समर्पण, नई रणनीति और ‘कभी हार न मानने’ वाले जज्बे से लिखी गई है।

याद कीजिए 2014 का साल, जब तूमास सैमेलवुओ के मार्गदर्शन में फिनलैंड ने नौवां स्थान हासिल कर सभी को चौंका दिया था। वह उनका पहला वास्तविक वैश्विक प्रदर्शन था, जिसने खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया था। फिर आया 2018, जहां वे 16वें स्थान पर रहे, और 2022 में तो वे क्वालीफाई भी नहीं कर पाए। ऐसा लगा मानो वह चमक अब फीकी पड़ रही है। लेकिन, खेल की दुनिया में धैर्य और लगन कभी व्यर्थ नहीं जाती।

सशक्तिकरण कार्यक्रम: एक नए युग का सूत्रपात

इस वापसी के पीछे एक महत्वपूर्ण शक्ति है – FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम। 2023 से इस कार्यक्रम ने फिनलैंड की पुरुष टीम को $84,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसका उपयोग कोच के समर्थन के लिए किया गया। यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि टीम की तकनीकी नींव को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक निवेश था। यह साबित करता है कि कभी-कभी छोटे से निवेश से भी बड़े बदलाव आ सकते हैं, बशर्ते इरादे नेक हों।

ओली कुन्नारी का नेतृत्व: एक खिलाड़ी का दृष्टिकोण

इस नई दिशा का नेतृत्व कर रहे हैं मुख्य कोच ओली कुन्नारी। खुद एक समय के धुरंधर खिलाड़ी रहे कुन्नारी, अपने पूर्व कोच सैमेलवुओ की तरह, खिलाड़ियों के दृष्टिकोण को बखूबी समझते हैं। उन्होंने एक अपेक्षाकृत युवा टीम को धीमे-धीमे, लेकिन मजबूती से एक नए मुकाम तक पहुंचाया है। खिलाड़ी के रूप में कोर्ट पर बिताए गए समय का अनुभव शायद यही सिखाता है कि किस नब्ज पर हाथ रखना है और कब कड़े फैसले लेने हैं।

उनकी यह रणनीति जून में रंग लाई, जब फिनलैंड ने चेकिया को फाइनल में हराकर पहली बार यूरोपीय गोल्डन लीग का खिताब अपने नाम किया। यह फिनलैंड के वॉलीबॉल इतिहास में पहला बड़ा महाद्वीपीय खिताब था, जिसने कुन्नारी के नेतृत्व में टीम की बढ़ती एकजुटता और आत्मविश्वास की मुहर लगा दी। यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं थी, बल्कि यह साबित करती थी कि फिनलैंड वॉलीबॉल अब वापस आ गया है, और पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर।

फिनलैंड के खिलाड़ी जोनास जोकेला एक्शन में

यूरोपीय गोल्डन लीग के फाइनल में चेकिया के खिलाफ फिनलैंड के जोनास जोकेला एक्शन में।

विश्व चैंपियनशिप 2025: आगामी चुनौती और आशा

फिलिपींस में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में, गोल्डन लीग के ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ जोनास जोकेला एक बार फिर टीम के आक्रमण की अगुवाई करते नजर आएंगे। उनके साथ आरो निकुला, लिबरो निकलस ब्रेइलन, मिडिल ब्लॉकर सेवेरी सवोनसलमी और सेटर अक्सेली लैंकिनन व फेडर इवानोव जैसे खिलाड़ी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन खिलाड़ियों ने पिछले कुछ सीज़न में जबरदस्त तालमेल दिखाया है, जो टीम की प्रणाली की रीढ़ बन चुका है।

फिनलैंड को स्मार्ट अरनेटा कोलिज़ियम, क्यूज़ोन सिटी में पूल सी में कड़ी चुनौती का सामना करना है। 14 सितंबर को उनका सामना अर्जेंटीना से होगा, उसके बाद 16 सितंबर को ओलंपिक चैंपियन फ्रांस और 18 सितंबर को कोरिया से भिड़ना होगा। यह उनके लिए अपनी प्रगति को मापने और यह दिखाने का एक शानदार अवसर है कि उनका पुनरुत्थान वाकई सच है।

2026 यूरोपीय चैंपियनशिप की सह-मेजबानी भी उनके क्षितिज पर है, जो इस विश्व चैंपियनशिप को और भी महत्वपूर्ण बना देती है। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि फिनिश वॉलीबॉल के एक नए अध्याय का आगाज है – एक ऐसा अध्याय जो उम्मीदों, जी-तोड़ मेहनत और एक सुनहरे भविष्य की कहानी लिख रहा है।

तो तैयार हो जाइए, फिनलैंड वॉलीबॉल की इस रोमांचक यात्रा को देखने के लिए! क्या वे अपनी “दूसरी पुनरुत्थान” की कहानी को विश्व मंच पर भी लिख पाएंगे? समय ही बताएगा, पर उम्मीदें बुलंद हैं।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।