वॉलीबॉल के मैदान में इटली की हुंकार: जूलियो वेलास्को का जादू और सेमीफाइनल का सफर

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जूलियो वेलास्को इटली-पोलैंड विश्व चैंपियनशिप वॉलीबॉल 2025

इटली की टीम जूलियो वेलास्को के मार्गदर्शन में जीत का जश्न मनाते हुए।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में चल रही महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप में इटली की महिला टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। कोच जूलियो वेलास्को की अगुवाई में टीम ने पोलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 3-0 की प्रभावशाली जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह जीत केवल स्कोरबोर्ड पर दर्ज संख्या मात्र नहीं, बल्कि एक असाधारण टीम भावना, रणनीतिक कौशल और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण है, जिसके सूत्रधार स्वयं वेलास्को हैं।

आत्मविश्वास से भरी टीम, पर घमंड से कोसों दूर

पोलैंड पर शानदार जीत के बाद, कोच वेलास्को ने एक पत्रकार वार्ता में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। उनका मानना है कि टीम खुद को बहुत मजबूत मानती है, लेकिन साथ ही वे इस बात से भी वाकिफ हैं कि हर मैच की अपनी एक अलग कहानी होती है। वेलास्को ने कहा, “पोलैंड के खिलाफ यह एक मुश्किल मैच था, क्योंकि वे एक मजबूत टीम हैं। हमने 3-0 से जीत हासिल की, जो बहुत अच्छा है। लेकिन अब हमें अपने सिर पर घमंड नहीं चढ़ने देना चाहिए।” यह कथन उनकी दूरदर्शिता और खेल के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है, जहाँ आत्मविश्वास को अति-आत्मविश्वास में बदलने की जरा भी गुंजाइश नहीं है।

इटली का अब तक का रिकॉर्ड शानदार रहा है – पाँच मैचों में पाँच जीत और टूर्नामेंट में केवल एक सेट गंवाया। यह आँकड़े पेरिस 2024 ओलंपिक में उनके 6-0 के रिकॉर्ड की याद दिलाते हैं, जहाँ उन्होंने डोमिनिकन रिपब्लिक के खिलाफ भी केवल एक ही सेट गंवाया था। ऐसी निरंतरता और प्रदर्शन किसी भी टीम के लिए एक सपने जैसा होता है।

वेलास्को का कोचिंग मंत्र: संतुलन और गहराई

जब वेलास्को से उनकी टीम के सबसे पसंदीदा पहलू के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि लड़कियों का शुरुआती दृष्टिकोण अद्भुत था, खासकर ब्लॉक में। उन्होंने बताया कि ब्लॉक का आधार बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा था, और फिर बचाव भी बेहतर होता गया। वेलास्को के अनुसार, इस टीम की सबसे बड़ी खूबी इसका संतुलन है। “जब भी ज़रूरत पड़ती है, बेंच से आने वाली खिलाड़ी बहुत प्रेरित होकर आती हैं और बड़ा योगदान देती हैं,” उन्होंने कहा। यह दर्शाता है कि टीम सिर्फ शुरुआती सात खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि पूरी स्क्वाड में गहराई और गुणवत्ता है, जो बड़े टूर्नामेंटों में जीत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है।

रणनीतिक सूझबूझ: मैदान पर एक शब्द का जादू

वेलास्को की अनुभव और रणनीतिक क्षमता हर मैच में झलकती है। जर्मनी के खिलाफ मुश्किल क्षणों को उन्होंने एक बदलाव से सुलझाया, तो पोलैंड के खिलाफ सिर्फ एक टाइम-आउट से। टाइम-आउट के दौरान टीम के अंदरूनी मंत्रों का खुलासा करते हुए वेलास्को ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से सामरिक बातों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने विशेष रूप से विपक्षी टीम की खिलाड़ी नंबर 24, दमास्के, पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जो उस समय अपने डायगोनल अटैक से इटली को परेशान कर रही थी। उन्होंने खिलाड़ियों को `जम्प टाइम` ठीक करने का निर्देश दिया। फिर, स्टिसियाक पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो इटली के ब्लॉक के बीच से हमला कर रही थी। वेलास्को ने बताया, “एक बार जब लड़कियाँ वापस मैदान पर गईं, तो वे दो-तीन बहुत महत्वपूर्ण गेंदें लेने में कामयाब रहीं और फिर से खेल में लौट आईं।” यह दिखाता है कि कैसे एक अनुभवी कोच छोटे-छोटे सामरिक समायोजनों से मैच का रुख मोड़ सकता है।

कम त्रुटियां, अधिक आत्मविश्वास

इटली की एक और प्रमुख विशेषता उनकी त्रुटियों को कम करने की क्षमता है। वेलास्को ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी टीम सर्विस में बहुत कम गलतियाँ करती है, जबकि पोलैंड जैसी टीमें अधिक त्रुटिपूर्ण थीं। उन्होंने तर्क दिया कि यह अंतर इस बात पर भी निर्भर करता है कि विपक्षी टीमों को इटली के रिसेप्शन को मुश्किल में डालने के लिए कितना ज़ोर लगाना पड़ता है, जिससे उनकी गलतियों की संभावना बढ़ जाती है। वेलास्को ने स्पष्ट किया, “हम ब्लॉक और रिसेप्शन, दोनों मूल सिद्धांतों पर बहुत अभ्यास करते हैं, और मुझे लगता है कि इसका परिणाम दिखाई देता है।” यह उनकी प्रशिक्षण पद्धति और अनुशासन का सीधा परिणाम है।

एगोनु और सिला: टीम का अटूट हिस्सा

जब उनसे सिला और एकोनु जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के बारे में पूछा गया, तो वेलास्को ने कहा, “हाँ, मैं उनसे बहुत खुश हूँ, लेकिन पूरी टीम मुझे प्रभावित कर रही है।” उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी अपने काम पर केंद्रित हैं और बहुत आगे नहीं देख रही हैं। पिछले शनिवार को जर्मनी पर मिली जीत से टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है, जो एक मनोवैज्ञानिक रूप से कठिन मुकाबला था।

जूलियो वेलास्को इटली के खिलाड़ियों के साथ

कोच जूलियो वेलास्को अपनी टीम की युवा खिलाड़ी स्टेला नर्विनि के साथ।

वेलास्को का सुरक्षात्मक रवैया और थाईलैंड का प्यार

एक दिलचस्प घटना दूसरे सेट की शुरुआत में हुई, जब वेलास्को पोलिश कोर्ट की ओर गुस्से में देखे गए। उन्होंने बताया कि पोलैंड की एक खिलाड़ी ने नर्विनि (जो टीम की सबसे युवा खिलाड़ी हैं) को ब्लॉक करने के बाद उन्हें एक उत्तेजक नज़र से देखा। वेलास्को ने कहा, “मेरे हिसाब से उसने थोड़ी ज़्यादा अति कर दी थी। जश्न मनाना ठीक है, लेकिन अगर आप स्टेला (नर्विनि) को छूते हैं, जो समूह की सबसे छोटी है, तो मुझे गुस्सा आता है। तब मैंने अपनी उँगलियों से उसे मेरी तरफ देखने का इशारा किया।” यह छोटी सी घटना वेलास्को के अपने खिलाड़ियों के प्रति सुरक्षात्मक रवैये और उनके मजबूत बॉन्ड को दर्शाती है। खिलाड़ियों के लिए वे सिर्फ कोच नहीं, बल्कि एक अभिभावक की तरह भी हैं।

टीम के लिए सार्वजनिक उत्साह भी हर मैच के साथ बढ़ता जा रहा है। वेलास्को ने मुस्कुराते हुए बताया, “इटली लौटने के लिए उन्हें एक अतिरिक्त सूटकेस खरीदना होगा, क्योंकि हर मैच के बाद, वे किसी न किसी से मिले ढेर सारे उपहारों के साथ बस में चढ़ती हैं।” यह थाईलैंड में इटली की टीम की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है।

यह भी एक सुखद संयोग है कि इस टीम के साथ वेलास्को का पहला खिताब, नेशन्स लीग, भी बैंकॉक में ही जीता गया था। वे थाईलैंड के प्रशंसकों की सराहना करते हैं, जो इटली की लड़कियों का समर्थन करते हैं। “टीम और खिलाड़ी पसंद आते हैं। यहाँ वे किसी का भी समर्थन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने हमारी लड़कियों को चुना,” वेलास्को ने कहा।

आगे का रास्ता: सेमीफाइनल की चुनौती

इटली अब सेमीफाइनल में ब्राजील या फ्रांस में से किसी एक का सामना करेगा। वेलास्को की हल्के-फुल्के अंदाज में की गई टिप्पणी कि “मैं हारने वाली टीम से मिलना पसंद करूंगा (हंसते हुए)” यह दर्शाती है कि वह अपनी टीम की ताकत में कितना विश्वास रखते हैं, फिर भी विपक्षी की शक्ति को कम नहीं आँकते। यह विश्व चैंपियनशिप के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक होने वाला है, और दुनिया भर के वॉलीबॉल प्रशंसक इटली की इस बेहतरीन टीम से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। जूलियो वेलास्को के मार्गदर्शन में, इटली की महिला टीम ने साबित कर दिया है कि वे केवल खेलने नहीं, बल्कि जीतने आई हैं।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।