एक नए युग की शुरुआत, एक ऐतिहासिक पल और एक खेल भावना का अद्भुत संगम – फिलीपींस ने पहली बार FIVB पुरुष वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी कर विश्व मंच पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्र गौरव, सांस्कृतिक उत्सव और खेल कौशल का एक विशाल पर्व है।
मनीला में स्थित एसएम मॉल ऑफ एशिया एरेना, शुक्रवार को एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी बना, जब FIVB पुरुष वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप 2025 का भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन फिलीपींस के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है – एक तो यह पहली बार इस प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है, और दूसरा, मेजबान टीम स्वयं पहली बार इसमें भाग ले रही है। अगले दो सप्ताह तक, 32 देशों की टीमें वॉलीबॉल के सर्वोच्च खिताब के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगी, और यह रोमांच वाकई देखने लायक होगा।
संस्कृति, पॉप और खेल का शानदार मिश्रण
उद्घाटन समारोह किसी भव्य उत्सव से कम नहीं था। इसमें फिलीपींस की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। रामोन ओबुसन फोकलोरिक ग्रुप ने पारंपरिक नृत्य और संगीत से फिलीपींस की आत्मा को दर्शाया, तो वहीं बुगांडा ड्रमलाइन और डांसर्स ने अपनी ताल और ऊर्जा से माहौल को जीवंत कर दिया। यह सब देखकर ऐसा लगा, जैसे देश अपनी सारी खुशी एक ही मंच पर उड़ेल रहा हो।
फिर स्थानीय पॉप कलाकारों G22 और कैरेंसिटा ने मंच संभाला, जिसमें कैरेंसिटा ने विश्व चैंपियनशिप का आधिकारिक थीम सॉन्ग गाया। इसके बाद सभी प्रतियोगी देशों के झंडों की परेड हुई, जिसमें रंग-बिरंगे परिधानों में सजे एथलीटों ने अपने-अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया। समारोह का समापन दक्षिण कोरियाई समूह बॉयनेक्स्टडोर के शानदार K-पॉप प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। पारंपरिक विरासत और आधुनिक K-पॉप का यह बेमेल मेल, जिसने एक ही छत के नीचे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वॉलीबॉल खिलाड़ियों और प्रशंसकों को एकजुट किया, वाकई देखने लायक था।
नेतृत्व की बातें: खेल भावना का संदेश
इस ऐतिहासिक अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। फिलीपींस स्पोर्ट्स कमीशन के अध्यक्ष पैट्रिक सी. ग्रेगोरियो ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन सिर्फ विश्व स्तरीय मनोरंजन नहीं है, बल्कि “हर प्रतियोगिता के पीछे हमारे बेहतरीन दिमाग और उद्योग काम कर रहे हैं।” उनका यह बयान राष्ट्रीय समर्थन और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए किए गए अथक प्रयासों को दर्शाता है।
FIVB के अध्यक्ष फैबियो अज़ेवेडो ने भी दर्शकों को संबोधित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह 21वीं विश्व चैंपियनशिप एशिया में लौट रही है और पहली बार दक्षिण पूर्व एशिया में आयोजित की जा रही है, जिसमें रिकॉर्ड 32 टीमें भाग ले रही हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा, “आप इस आयोजन की धड़कन हैं – कड़ी मेहनत करें, निष्पक्ष खेलें, एक-दूसरे का सम्मान करें।” प्रशंसकों को खेल का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने फिलीपींस के लोगों का भी धन्यवाद किया और “वॉलीबॉल की सुंदरता; सहयोग, दोस्ती, टीमवर्क” का जश्न मनाने का आह्वान किया। यह किसी भी खेल आयोजन के लिए एक आदर्श वाक्य है, जिसे शायद हमें जीवन में भी अपनाना चाहिए।
राष्ट्रपति का पहला सर्व: टूर्नामेंट का आधिकारिक शुभारंभ
खेल शुरू होने से पहले, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर और प्रथम महिला लीजा अरानेटा मार्कोस ने कोर्ट पर कदम रखा और एक प्रतीकात्मक “सेरेमोनियल सर्व” किया, जिससे आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट का उद्घाटन हो गया। उनके साथ उनके बेटे जोसेफ साइमन और विलियम विंसेंट भी थे, जिनमें से विलियम विंसेंट प्रतियोगिता की स्थानीय आयोजन समिति (LOC) के सह-अध्यक्ष हैं। यह पारिवारिक जुड़ाव इस आयोजन के प्रति राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
मेजबान टीम का पहला मुकाबला: जज्बा और अनुभव
समारोह के बाद, फिलीपींस की पुरुष राष्ट्रीय टीम ने अपने बहुप्रतीक्षित विश्व चैंपियनशिप की शुरुआत की, पूल ए में ट्यूनीशिया का सामना किया। हालांकि उत्तर अफ्रीकी टीम ने अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए फिलीपींस को 3-0 (25-13, 25-17, 25-23) से हरा दिया, लेकिन मेजबान टीम ने अपनी पूरी ताकत लगाई और तीसरे सेट में एक करीबी मुकाबला पेश करते हुए खेल के सबसे बड़े मंच पर अपना जोरदार परिचय दिया। दर्शकों के जबरदस्त समर्थन ने फिलीपींस की टीम में नया जोश भर दिया, भले ही नतीजा उनके पक्ष में न रहा हो। यह एक कड़वा-मीठा अनुभव था, लेकिन इसने दिखाया कि फिलीपींस में वॉलीबॉल का भविष्य उज्ज्वल है।
आगे क्या? रोमांच अभी बाकी है!
यह टूर्नामेंट मनीला के एसएम मॉल ऑफ एशिया एरेना और स्मार्ट अरनेटा कोलिज़ीयम में 28 सितंबर तक जारी रहेगा। अंत में, यह देखा जाएगा कि क्या गत चैंपियन इटली अपने खिताब का बचाव कर पाता है या इस बार कोई नया चैंपियन उभरेगा। वॉलीबॉल प्रेमियों के लिए यह दो सप्ताह का महाकुंभ किसी उत्सव से कम नहीं होगा। हर मैच में दांव पर सिर्फ जीत-हार नहीं होगी, बल्कि टीमें अपनी प्रतिष्ठा और देश का गौरव बचाने के लिए भी संघर्ष करेंगी।