थाईलैंड में महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप: नवागतों का उदय और दिग्गजों का प्रदर्शन

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थाईलैंड की धरती पर, जहां मुस्कुराहटें जितनी आम हैं, उतनी ही तीखी वॉलीबॉल स्पाइक्स भी! 2025 FIVB महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप अपने शुरुआती चरणों में ही एक ऐसा नज़ारा पेश कर रही है, जो खेल प्रेमियों को अपनी सीटों से हिलने नहीं दे रहा। यह सिर्फ खेल नहीं, यह जुनून है, संघर्ष है और इतिहास रचने का मौका है। बैंकॉक से लेकर फुकेत तक, हर कोर्ट पर एक नई कहानी लिखी जा रही है। तो चलिए, इस रोमांचक महासंग्राम में अब तक क्या-क्या हुआ, उस पर एक नज़र डालते हैं।

स्लोवेनिया का ऐतिहासिक पलटवार: नवागतों का गौरव

अगर आप खेल में नई कहानियों के शौकीन हैं, तो स्लोवेनिया की कहानी आपके लिए है। इस विश्व चैंपियनशिप में पहली बार कदम रखने वाली स्लोवेनियाई टीम ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा लिया है। नखोन रत्चसिमा में, अपने पूल डी के अंतिम गेम में, उन्होंने अर्जेंटीना को 3-0 के सीधे सेटों में हराकर न सिर्फ अपनी पहली जीत दर्ज की, बल्कि राउंड ऑफ 16 में भी अपनी जगह पक्की कर ली। फाटोमट्टा सिलाह, 22 वर्षीय इस आउटसाइड हिटर ने मैच जीतने वाले पॉइंट के साथ यह सुनिश्चित किया कि स्लोवेनियाई खिलाड़ी जीत का जश्न मना सकें। यह सिर्फ एक जीत नहीं, यह एक नई शुरुआत है, एक छोटे से देश के बड़े सपनों का प्रमाण है। अर्जेंटीना के लिए भले ही यह निराशाजनक रहा हो, पर स्लोवेनिया के लिए यह किसी राष्ट्रीय पर्व से कम नहीं था। वाकई, खेल में नए चेहरों का चमकना किसे पसंद नहीं?

धुरंधर टीमों का दबदबा: कौन रोकेगा इन्हें?

जबकि कुछ टीमें इतिहास रचने में व्यस्त थीं, वहीं कुछ अपनी धमक बनाए रखने में। मौजूदा चैंपियन और रैंकिंग में शीर्ष पर रहने वाली टीमों ने दिखाया कि वे यूं ही शीर्ष पर नहीं हैं:

  • फ्रांस का साहसिक आगे बढ़ना

    पूल सी से, फ्रांस ने आठवें फाइनल में अपनी जगह पक्की की। चियांग माई में, उन्होंने ग्रीस के कड़े प्रतिरोध को 3-1 से हराकर खुद को शीर्ष दो में बनाए रखा। ग्रीस ने बेशक पहले सेट में चौंकाया, लेकिन फ्रांसीसी टीम ने अपनी पकड़ नहीं छोड़ी और अंततः जीत हासिल की। यह दिखाता है कि अनुभव और धैर्य का कोई विकल्प नहीं होता।

  • इटली की अजेय गाथा

    पूल बी में, गत ओलंपिक और वॉलीबॉल नेशंस लीग चैंपियन इटली ने बेल्जियम को 3-1 से हराकर पूल में शीर्ष स्थान हासिल किया। फुकेत के कोर्ट पर उन्होंने 15 किल ब्लॉक्स के साथ एक `ब्लॉक पार्टी` का आयोजन किया, जो दिखाता है कि वे अपनी लय में हैं। बेल्जियम ने संघर्ष किया, लेकिन इटली की दीवार को भेदना आसान नहीं था। इतालवी टीम ने अपने अजेय रिकॉर्ड को बनाए रखा है।

  • ब्राजील की विजय यात्रा

    पूल सी में, नंबर दो रैंकिंग वाली ब्राजील ने अपने पूल चरण को अपराजित रहते हुए समाप्त किया। प्यूर्टो रिको को 3-0 से हराकर उन्होंने दिखाया कि वे इस चैंपियनशिप में एक गंभीर दावेदार हैं। बैंकॉक में होने वाले एलिमिनेशन राउंड के लिए वे पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं। उनकी हर जीत एक घोषणा है: “हम आ रहे हैं!”

  • यूएसए का शानदार प्रदर्शन

    2014 की विश्व चैंपियन यूएसए ने पूल डी में चेकिया को 3-0 से हराकर शीर्ष स्थान पर रहते हुए अगले दौर में प्रवेश किया। नखोन रत्चसिमा में उन्होंने पहले सेट में ज़बरदस्त वापसी की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह एक चेतावनी है बाकी टीमों के लिए कि अमेरिका पूरी तैयारी से आया है, और उनके इरादे बिल्कुल साफ हैं।

स्वीडन का धमाकेदार आगाज: हाक का जादुई प्रदर्शन

स्वीडन के लिए भी यह एक यादगार चैंपियनशिप रही। इज़ाबेल हाक, उनकी स्टार खिलाड़ी, ने मिस्र के खिलाफ 39 अंकों का अविश्वसनीय प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को विश्व चैंपियनशिप में पहली ऐतिहासिक जीत दिलाई। 3-1 की इस जीत में हाक ने 34 स्पाइकिंग पॉइंट्स, तीन किल ब्लॉक्स और दो एसेस के साथ अकेले दम पर टीम को जीत की ओर खींचा। यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी अपने दम पर भी मैच का रुख कैसे बदल सकता है। मिस्र की टीम भले ही खाली हाथ घर लौट रही हो, लेकिन हाक का प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाएगा, और शायद वॉलीबॉल की पाठशालाओं में उनके शॉट्स पढ़ाए जाएंगे।

मेजबान का जुझारूपन और हॉलैंड की जीत: एक रोमांचक संघर्ष

बैंकॉक में, मेजबान थाईलैंड और नीदरलैंड्स के बीच पूल ए में शीर्ष स्थान के लिए एक महाकाव्य लड़ाई हुई। यह एक नाटकीय पांच-सेट का मुकाबला था, जिसमें नीदरलैंड्स ने 3-2 से जीत हासिल की। थाईलैंड ने दर्शकों के अपार समर्थन के साथ डच टीम को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंततः नीदरलैंड्स ने अपने अजेय रिकॉर्ड को बरकरार रखते हुए एलिमिनेशन राउंड में प्रवेश किया। मेजबान टीम ने अपना पूरा दम दिखाया, हर पॉइंट के लिए लड़ा, लेकिन खेल के आखिरी पलों में अनुभव और संयम भारी पड़ा। दिल टूटा होगा, लेकिन सम्मान तो मिला!

क्यूबा की सम्मानजनक विदाई: एक सकारात्मक अंत

जहां कुछ टीमें आगे बढ़ रही थीं, वहीं क्यूबा जैसी तीन बार की विश्व चैंपियन टीम के लिए यह चैंपियनशिप का अंत था। हालांकि, उन्होंने फुकेत में स्लोवाकिया को 3-1 से हराकर एक सकारात्मक नोट पर अपनी भागीदारी समाप्त की। दोनों ही टीमें पहले ही एलिमिनेशन राउंड से बाहर हो चुकी थीं, लेकिन सम्मान की इस लड़ाई में क्यूबा ने जीत हासिल की। यह दिखाता है कि हार-जीत के बावजूद, खेल भावना और आखिरी मैच तक लड़ने का जज़्बा कितना महत्वपूर्ण होता है। अंत भला तो सब भला!

आगे क्या? रोमांच अभी बाकी है!

पूल चरण के ये मुकाबले सिर्फ ट्रेलर थे। अब जब टीमें बैंकॉक की ओर बढ़ रही हैं, असली इम्तिहान शुरू होगा। नॉकआउट चरण में हर गलती महंगी पड़ सकती है। क्या स्लोवेनिया और स्वीडन अपनी ऐतिहासिक लय बनाए रख पाएंगी? क्या इटली, ब्राजील और यूएसए का दबदबा जारी रहेगा? और क्या नीदरलैंड्स जैसी टीमें अंतिम तक संघर्ष कर पाएंगी? थाईलैंड में हो रही यह महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप वाकई में एक अविस्मरणीय अनुभव बनने जा रही है। अपनी कुर्सी की पेटी बांध लें, क्योंकि रोमांच अभी बाकी है!

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।