प्रोफेशनल टेनिस में सतह की गति हमेशा से एक गरमागरम बहस का विषय रही है। हाल ही में, दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक, अलेक्जेंडर ज़्वेरेव ने इस मुद्दे को फिर से हवा दी, आरोप लगाया कि टूर्नामेंट आयोजक जानबूझकर कोर्ट की गति धीमी कर रहे हैं। उनके इस बयान ने टेनिस जगत में हलचल मचा दी, और अब सिनसिनाटी मास्टर्स के निदेशक बॉब मोरन ने ज़्वेरेव के आरोपों का सीधा जवाब दिया है। यह सिर्फ कोर्ट की गति का मामला नहीं, बल्कि खेल की प्रकृति, निष्पक्षता और खिलाड़ियों की रणनीतिक प्राथमिकताओं का एक गहरा विश्लेषण है।
ज़्वेरेव का आरोप: क्या धीमी गति से कुछ खिलाड़ियों को मिलता है फायदा?
ज़्वेरेव की शिकायत शंघाई मास्टर्स में सामने आई थी, जहां उन्होंने आयोजकों पर आरोप लगाया कि वे कोर्ट को “मानकीकृत” (standardize) कर रहे हैं और उनकी गति धीमी कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह स्थिति कार्लोस अल्काराज़ और जानिक सिनर जैसे खिलाड़ियों को अनावश्यक लाभ पहुंचाती है, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और ऑल-कोर्ट खेल के लिए जाने जाते हैं। ज़्वेरेव का मानना है कि टेनिस को अपनी विविधता बनाए रखनी चाहिए, जहां विभिन्न सतहों पर अलग-अलग चुनौतियाँ हों, न कि सभी कोर्ट एक जैसे लगें। यह आरोप स्वाभाविक रूप से खिलाड़ियों के मन में उठने वाले उस सवाल को दर्शाता है कि क्या खेल वास्तव में सभी के लिए समान अवसर प्रदान कर रहा है, या कुछ विशिष्ट शैलियों को अनजाने में बढ़ावा दिया जा रहा है?
बॉब मोरन का स्पष्टीकरण: एकरूपता और खिलाड़ियों की प्राथमिकता
सिनसिनाटी मास्टर्स के निदेशक बॉब मोरन ने ज़्वेरेव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका तर्क बेहद सीधा और तार्किक है: “हम कभी भी ऐसी परिस्थितियाँ बनाने की कोशिश नहीं करते जो विशिष्ट खिलाड़ियों की मदद करें – ऐसा विचार भी हमारे मन में नहीं था।” मोरन ने जोर देकर कहा कि सिनसिनाटी में कोर्ट हमेशा से तेज़ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन सालों से खिलाड़ी लगातार सिनसिनाटी के कोर्ट को “बहुत तेज़” बताते रहे हैं।
मोरन के अनुसार, इस साल उनका मुख्य लक्ष्य अमेरिकी श्रृंखला (वाशिंगटन से यूएस ओपन तक) में कंसिस्टेंसी (एकरूपता) लाना था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य मध्यम-तेज़ से तेज़ गति और स्थिर गेंदों वाली सतह प्रदान करना है। उनका दावा है कि यही वह चीज़ है “जो खिलाड़ी चाहते हैं।” यह बयान टेनिस आयोजकों के सामने आने वाली एक बड़ी चुनौती को उजागर करता है: खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद को पूरा करना और साथ ही टूर्नामेंट श्रृंखला में एकरूपता बनाए रखना।
टेनिस में कोर्ट की गति का महत्व: रणनीति और प्रदर्शन पर प्रभाव
कोर्ट की गति टेनिस में खिलाड़ी की रणनीति और प्रदर्शन पर गहरा असर डालती है:
- तेज़ कोर्ट: ये कोर्ट खिलाड़ियों को अपनी पावर-हिटिंग और आक्रामक खेल का प्रदर्शन करने का मौका देते हैं। यहाँ सर्विस और फ़ोरहैंड जैसे शॉट्स अधिक प्रभावी होते हैं, और अंक जल्दी समाप्त होते हैं।
- धीमे कोर्ट: ये कोर्ट लंबे रैलियों और रणनीतिक खेल को बढ़ावा देते हैं। यहाँ धैर्य, फिटनेस और कोर्ट कवरेज महत्वपूर्ण हो जाते हैं। स्पिन और ड्रॉप शॉट जैसे कौशल अधिक मायने रखते हैं।
यदि सभी कोर्ट की गति समान हो जाती है, तो स्वाभाविक रूप से कुछ खेल शैलियों को अधिक लाभ मिलेगा, जबकि अन्य संघर्ष कर सकते हैं। यह टेनिस की ऐतिहासिक विविधता को भी कम कर सकता है, जहां ग्रास, क्ले और हार्ड कोर्ट की अलग-अलग चुनौतियां खेल को रोमांचक बनाती थीं।
क्या टेनिस को मानकीकृत किया जा रहा है?
यह बहस सिर्फ कोर्ट की गति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस व्यापक सवाल को जन्म देती है कि क्या आधुनिक टेनिस अपनी विविधता खो रहा है। क्या सभी टूर्नामेंट, भले ही वे अलग-अलग महाद्वीपों पर हों, एक ही तरह का अनुभव प्रदान कर रहे हैं? एक तरफ, एकरूपता खिलाड़ियों के लिए तैयारी आसान बना सकती है और चोटों के जोखिम को कम कर सकती है। वे हर नए टूर्नामेंट में पूरी तरह से नई सतह के अनुकूल होने के दबाव से बचते हैं। दूसरी ओर, यह खेल के कुछ मूलभूत पहलुओं, जैसे कि विभिन्न सतहों पर विशेषज्ञता की कला को धूमिल कर सकता है।
मजेदार बात यह है कि खिलाड़ी अक्सर एकरूपता की बात करते हैं, लेकिन जब यह उनके व्यक्तिगत खेल शैली के अनुकूल नहीं होती, तो अचानक यही एकरूपता एक `साजिश` या `अनुचित लाभ` बन जाती है। आयोजकों का काम किसी एक खिलाड़ी को खुश करना नहीं, बल्कि पूरे खेल के लिए एक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी माहौल बनाना है।
निष्कर्ष: संतुलन की तलाश
अलेक्जेंडर ज़्वेरेव और बॉब मोरन के बीच यह बहस टेनिस जगत में एक महत्वपूर्ण बातचीत को जन्म देती है। क्या टेनिस को विभिन्न सतहों पर अपनी अनूठी चुनौतियों को बनाए रखना चाहिए, या खिलाड़ियों के लिए एक सुसंगत अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? आयोजकों को हमेशा एक नाजुक संतुलन बनाना पड़ता है: खिलाड़ियों की सुरक्षा, प्रतिस्पर्धी निष्पक्षता और खेल की ऐतिहासिक विविधता को बनाए रखने के बीच। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में टेनिस टूर्नामेंट कोर्ट की गति और सतह के मानकीकरण के इस मुद्दे से कैसे निपटते हैं, ताकि खेल सभी के लिए रोमांचक और निष्पक्ष बना रहे।

 
																																											 
																																											 
																																											 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								