टेनिस की दुनिया में, कुछ उपलब्धियाँ मात्र जीत से कहीं बढ़कर होती हैं। वे किंवदंती बनती हैं, खिलाड़ियों को अमर कर देती हैं। ऐसी ही एक उपलब्धि है `करियर ग्रैंड स्लैम`। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट जीतना नहीं, बल्कि खेल के चारों सबसे बड़े मंचों पर अपनी धाक जमाना है। आज, जब हम इस विशेष क्लब के इतिहास पर नज़र डालते हैं, तो दो युवा सितारे, यानिक सिनर और कार्लोस अल्कराज़, इसके दरवाज़े पर दस्तक देते नज़र आ रहे हैं।
क्या है `करियर ग्रैंड स्लैम`?
टेनिस के चार प्रमुख टूर्नामेंट – ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन (रोलैंड गैरोस), विंबलडन और यूएस ओपन – को “ग्रैंड स्लैम” कहा जाता है। `करियर ग्रैंड स्लैम` का मतलब है किसी खिलाड़ी द्वारा अपने पूरे करियर के दौरान इन चारों टूर्नामेंटों को कम से कम एक बार जीतना। यह ज़रूरी नहीं कि ये जीत एक ही कैलेंडर वर्ष में हों। यह “कैलेंडर ग्रैंड स्लैम” से अलग है, जिसमें सभी चार खिताब एक ही वर्ष में जीते जाते हैं, जो और भी दुर्लभ उपलब्धि है (जिसे पुरुषों के एकल में केवल डॉन बज, रॉड लेवर और नोवाक जोकोविच ने हासिल किया है, हालांकि जोकोविच का कैलेंडर ग्रैंड स्लैम प्रयास 2021 में यूएस ओपन फाइनल में रुका था)।
क्या आप जानते हैं? अब तक, टेनिस के इतिहास में केवल आठ पुरुष खिलाड़ी ही `करियर ग्रैंड स्लैम` का गौरव हासिल कर पाए हैं। यह दिखाता है कि यह उपलब्धि कितनी दुर्लभ और कठिन है। यह सिर्फ प्रतिभा का नहीं, बल्कि दृढ़ता, अनुकूलन क्षमता और हर तरह की सतह पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की क्षमता का प्रमाण है।
इतिहास के वे आठ दिग्गज
यह क्लब इतना विशिष्ट है कि इसमें शामिल होने वाले हर खिलाड़ी ने टेनिस के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाया है। ये वे नाम हैं जिनकी गाथाएं आज भी टेनिस प्रशंसकों को प्रेरित करती हैं:
- फ्रेड पेरी: ब्रिटिश टेनिस के महान खिलाड़ी।
- डॉन बज: पहले व्यक्ति जिन्होंने “कैलेंडर ग्रैंड स्लैम” भी हासिल किया।
- रॉड लेवर: दो बार “कैलेंडर ग्रैंड स्लैम” जीतने वाले एकमात्र पुरुष खिलाड़ी।
- रॉय इमर्सन: ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज।
- आंद्रे अगासी: ओपन एरा के पहले खिलाड़ी जिन्होंने चारों मेजर जीते।
- रोजर फेडरर: “बिग थ्री” के सदस्य, जिनकी कलात्मकता अद्वितीय है।
- राफेल नडाल: मिट्टी के बादशाह, जिन्होंने रोलांड गैरोस में अभूतपूर्व सफलता हासिल की।
- नोवाक जोकोविच: “बिग थ्री” के दूसरे सदस्य, जिन्होंने रिकॉर्ड ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं।
सिनर और अल्कराज़: अगले संभावित नाम
अब बात करते हैं आज के सितारों की, जो इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने के कगार पर हैं। ये दो युवा खिलाड़ी, जिन्होंने हाल के वर्षों में टेनिस की दुनिया में तहलका मचाया है, अपनी खेल शैली और जुनून से लाखों दिलों पर राज कर रहे हैं।
- यानिक सिनर: इतालवी सनसनी सिनर ने ऑस्ट्रेलियन ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन में जीत हासिल की है। उन्हें इस क्लब में शामिल होने के लिए केवल एक फ्रेंच ओपन (रोलैंड गैरोस) खिताब की आवश्यकता है। हाल ही में विंबलडन जीतकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी सतह पर कमाल कर सकते हैं। फ्रेंच ओपन, अपनी मिट्टी की सतह के साथ, उनके लिए अंतिम चुनौती है, जिस पर वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
- कार्लोस अल्कराज़: स्पेनिश प्रतिभा अल्कराज़ ने फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन में विजय प्राप्त की है। इस विशेष क्लब में अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें अब ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब की तलाश है। उनकी आक्रामक खेल शैली और कोर्ट पर ऊर्जा उन्हें भविष्य के महान खिलाड़ियों में से एक बनाती है।
एक नई प्रतिद्वंद्विता, एक नया युग
सिनर और अल्कराज़ की यह यात्रा टेनिस के लिए एक रोमांचक नए युग का प्रतीक है। फेडरर, नडाल और जोकोविच के “बिग थ्री” के प्रभुत्व के बाद, यह प्रतिद्वंद्विता खेल में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है। दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे को लगातार बेहतर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, और उनके बीच के मुकाबले टेनिस के इतिहास के कुछ सबसे यादगार पलों को जन्म दे रहे हैं।
कुछ प्रशंसक तो इतने भावुक हो जाते हैं कि हार को भी `नैतिक जीत` मान लेते हैं, खासकर जब बात रोलांड गैरोस में सिनर के “मैच पॉइंट” गंवाने की आती है। खैर, खेल में `नैतिक जीत` जैसी कोई चीज नहीं होती, रिकॉर्ड वही होता है जो स्कोरबोर्ड पर लिखा होता है। लेकिन यह बहस ही खेल के प्रति उनके जुनून को दर्शाती है।
ग्रैंड स्लैम का पीछा करना आसान नहीं है। खिलाड़ी को शारीरिक रूप से मज़बूत, मानसिक रूप से दृढ़ और हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहना होता है। हर टूर्नामेंट की अपनी अलग चुनौतियाँ होती हैं – ऑस्ट्रेलियन ओपन की गर्मी, रोलांड गैरोस की धीमी मिट्टी, विंबलडन की तेज़ घास, और यूएस ओपन का शोरगुल। इन सभी बाधाओं को पार करके शीर्ष पर पहुँचना ही एक सच्चे चैंपियन की निशानी है।
निष्कर्ष
यानिक सिनर और कार्लोस अल्कराज़ न केवल भविष्य के चैंपियन हैं, बल्कि वे उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो टेनिस के रिकॉर्ड बुक को फिर से लिखने के लिए तैयार है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन पहले इस `करियर ग्रैंड स्लैम` क्लब में शामिल होता है, या क्या दोनों एक साथ ही इस उपलब्धि को हासिल करते हैं। एक बात तो तय है – टेनिस प्रशंसकों के लिए आने वाले वर्ष बेहद रोमांचक होने वाले हैं। अपनी कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए, क्योंकि यह सवारी अभी खत्म नहीं हुई है!