गोल्फ की दुनिया में टाइगर वुड्स एक ऐसा नाम है, जो सिर्फ़ बेहतरीन खेल ही नहीं, बल्कि अथक संघर्ष और चोटों के एक अंतहीन सिलसिले का भी पर्याय बन चुका है। अपनी अद्भुत प्रतिभा और खेल पर अद्वितीय पकड़ के दम पर उन्होंने गोल्फ को एक नए मुकाम पर पहुँचाया, लेकिन उनके करियर का दूसरा पहलू उनके शरीर द्वारा झेली गई अनगिनत चोटें और सर्जरी हैं। यह सिर्फ़ एक एथलीट के शारीरिक पतन की कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसे दिग्गज की गाथा है जिसने हर बार गिरने के बाद उठ खड़े होने का ज़ज्बा दिखाया। आइए, उनके इस दर्दनाक, लेकिन प्रेरणादायक सफर पर एक नज़र डालते हैं।
शुरुआती झटके: घुटनों से शुरू हुई मुश्किलें
वुड्स के चोटों का सिलसिला उनके घुटनों से शुरू हुआ। साल 2007 में, ब्रिटिश ओपन के बाद घर पर दौड़ते समय उनके बाएं घुटने का एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (ACL) टूट गया था। चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्होंने सर्जरी से इनकार कर दिया और इस चोट के साथ ही अगले छह में से पांच इवेंट जीते। यह उनकी उस अदम्य इच्छाशक्ति का पहला प्रमाण था, जो उनके करियर भर में दिखती रही।
हालांकि, 2008 में मास्टर्स में दूसरा स्थान हासिल करने के दो दिन बाद, उन्हें घुटने की आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी करानी पड़ी। चार से छह हफ़्तों में वापसी की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने वापसी की और US ओपन जीत लिया, जबकि उन्हें उसी घुटने में दोहरा स्ट्रेस फ्रैक्चर भी था। यह जीत शायद उनके करियर की सबसे साहसिक जीतों में से एक थी, जिसने यह भी उजागर किया कि एक महान खिलाड़ी अपने शरीर को कितनी हद तक धकेल सकता है। बाद में, ACL की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के लिए उन्हें 2008 का पूरा सीज़न गंवाना पड़ा।
अकिलीज़: जब एक छोटी नस बनी बड़ी दुश्मन
घुटनों के बाद, उनकी अकिलीज़ टेंडन एक बड़ी समस्या बनकर उभरी। साल 2008 में दाहिने अकिलीज़ टेंडन को फाड़ने के बाद भी उन्होंने खेलना जारी रखा, और 2009 में इसे कई बार फिर से चोटिल किया। लेकिन यह सब 2011 में और गंभीर हो गया, जब उन्होंने प्लेयर्स चैंपियनशिप से बीच में ही नाम वापस ले लिया। बाद में पता चला कि उन्हें बाएं अकिलीज़ टेंडन में खिंचाव और घुटने के लिगामेंट में मोच थी।
हाल ही में, मार्च 2025 में, 49 साल की उम्र में, उन्होंने घर पर प्रशिक्षण के दौरान अपने बाएं अकिलीज़ टेंडन को फिर से फाड़ दिया, जिसके लिए उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी। यह शायद एक गोल्फर के करियर में चोट की प्रकृति का एक मर्मस्पर्शी उदाहरण है; एक ऐसी नस, जो आपके पूरे शरीर का भार उठाती है, कितनी नाजुक हो सकती है, और एक बार ठीक होने के बाद भी कितनी आसानी से दोबारा टूट सकती है।
रीढ़ की हड्डी: टाइगर की सबसे बड़ी चुनौती
टाइगर वुड्स के करियर में सबसे ज़्यादा कहर उनकी रीढ़ की हड्डी ने ढाया है। यह एक ऐसा संघर्ष है जो सालों से चला आ रहा है और बार-बार उनके करियर को पटरी से उतारता रहा है। उनकी पीठ की समस्याएँ एक दुःस्वप्न की तरह लौटती रही हैं:
- अप्रैल 2014: उन्हें अपनी पहली माइक्रोडिसेक्टोमी सर्जरी करवानी पड़ी, जिसके कारण वह मास्टर्स से बाहर हो गए। यह एक संकेत था कि उनके शरीर पर गोल्फ के लगातार तनाव का असर दिखना शुरू हो गया था।
- सितंबर 2015: एक साल से भी कम समय में उन्हें दूसरी माइक्रोडिसेक्टोमी सर्जरी करवानी पड़ी। एक महीने बाद, अक्टूबर 2015 में, उन्हें उसी जगह पर फिर से एक फॉलो-अप प्रक्रिया से गुज़रना पड़ा। यह दर्शाता है कि पीठ की समस्याएँ कितनी जटिल और जिद्दी हो सकती हैं।
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अप्रैल 2017: उनकी पीठ और पैर के दर्द को कम करने के लिए एक और सफल पीठ की सर्जरी हुई। इस समय उन्होंने एक दिल छू लेने वाला बयान दिया था:
“जब ठीक हो जाऊँगा, तो सामान्य जीवन में लौटने, अपने बच्चों के साथ खेलने, पेशेवर गोल्फ में प्रतिस्पर्धा करने और बिना दर्द के जीने की उम्मीद करता हूँ।”
यह पंक्ति उनके दर्द की गहराई को और एक सामान्य जीवन की लालसा को बयाँ करती है।
- दिसंबर 2020: उन्हें अपनी पाँचवीं पीठ की सर्जरी करवानी पड़ी, जो चौथी माइक्रोडिसेक्टोमी थी। इतने ऑपरेशन के बावजूद दर्द का बार-बार लौटना उनके प्रशंसकों के लिए निराशाजनक था।
- सितंबर 2024: पीठ के निचले हिस्से में तंत्रिका संपीड़न (nerve impingement) के लिए माइक्रोडिसेक्टोमी सर्जरी हुई।
- अक्टूबर 2025: यह उनके करियर की सातवीं पीठ की सर्जरी थी, जिसमें कमर की डिस्क को बदला गया। यह आँकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है – क्या कोई शरीर इतने सर्जिकल हस्तक्षेपों के बाद भी पहले जैसा हो सकता है? यह एक तरह का डार्क ह्यूमर है कि `ठीक` होने के लिए उन्हें कितनी बार `ठीक` करना पड़ा है।
इन अनगिनत पीठ की सर्जरी ने न केवल उनके खेल को प्रभावित किया है, बल्कि उनके दैनिक जीवन को भी मुश्किल बना दिया है। हर बार जब वह वापसी का ऐलान करते हैं, तो प्रशंसक उत्साहित होते हैं, लेकिन मन में एक डर भी रहता है कि कहीं फिर से वही पुराना दर्द न लौट आए।
2021 की भयानक कार दुर्घटना: जीवन-मौत का सवाल
फ़रवरी 2021 में, एक भयानक कार दुर्घटना ने उनके करियर को ही नहीं, बल्कि उनके जीवन को भी ख़तरे में डाल दिया। उनकी कार कई बार पलटी, और उन्हें गंभीर चोटों के साथ गाड़ी में फँसा हुआ पाया गया। उनके दाहिने निचले पैर में “ओपन फ्रैक्चर” हुए, टिबिया में रॉड डाली गई, और पैर व टखने में स्क्रू व पिन लगाए गए। इस घटना ने पूरे खेल जगत को हिला दिया था। यह सिर्फ़ एक एथलीट की चोट नहीं थी, बल्कि एक इंसान के अस्तित्व का सवाल था।
इस दुर्घटना के परिणामों से निपटने के लिए, अप्रैल 2023 में, उन्हें अपने दाहिने टखने में पोस्ट-ट्रॉमेटिक गठिया के इलाज के लिए सर्जरी करानी पड़ी। यह चोट उस कार दुर्घटना का सीधा परिणाम थी और एक और लंबी रिकवरी का मार्ग प्रशस्त किया। उसी साल, अप्रैल 2023 में, उन्हें प्लांटर फैसीसाइटिस की वजह से मास्टर्स के बीच में ही हटना पड़ा, जो बताता है कि एक चोट दूसरी को कैसे प्रभावित करती है।
अदम्य भावना: वापसी की हर बार की कोशिश
इतनी सारी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, टाइगर वुड्स का हर बार मैदान पर लौटने का ज़ज्बा असाधारण है। चाहे वह घुटने की सर्जरी के बाद US ओपन जीतना हो या भयानक कार दुर्घटना के बाद गोल्फ खेलना हो, उन्होंने हर बार साबित किया है कि उनकी मानसिक दृढ़ता उनके शारीरिक दर्द से कहीं अधिक शक्तिशाली है। उनकी कहानी सिर्फ़ गोल्फ के प्रशंसकों के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। वह एक ऐसे जीवित किंवदंती हैं जो यह दिखाते हैं कि मानवीय इच्छाशक्ति की सीमा क्या हो सकती है।
टाइगर वुड्स का करियर एक ऐसी गाथा है जहाँ महानता और कष्ट साथ-साथ चलते हैं। हर एक चोट एक व्यक्तिगत त्रासदी थी, लेकिन हर वापसी एक सार्वजनिक जीत। उनका नाम गोल्फ के इतिहास में सिर्फ़ उनके रिकॉर्ड्स के लिए ही नहीं, बल्कि उस अदम्य भावना के लिए भी हमेशा अमर रहेगा, जिसने उन्हें बार-बार उठने और लड़ने की प्रेरणा दी। हम सिर्फ़ यह उम्मीद कर सकते हैं कि यह महान गोल्फर अब बिना दर्द के अपने खेल और जीवन का आनंद ले सके, क्योंकि उनके करियर की हर वापसी ने यह सवाल उठाया है कि आखिर कितनी बार एक दिग्गज अपने शरीर को चुनौती दे सकता है और जीत सकता है।
