स्टॉकहोम की सर्द हवाओं के बीच गरमाया टेनिस का मैदान: एटीपी 250 ओपन का पहला दौर
एटीपी टूर का रोमांच अपने चरम पर है, और स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में चल रहे एटीपी 250 टूर्नामेंट ने इस रोमांच को एक नया आयाम दिया है। हाल ही में मंगलवार को इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के पहले दौर के मुकाबले खेले गए, जहां कुछ जाने-पहचाने चेहरों ने अपनी छाप छोड़ी, तो कुछ खिलाड़ियों ने कड़ी टक्कर के बाद अगले दौर में अपनी जगह पक्की की। हार्ड कोर्ट पर खेली जा रही यह प्रतियोगिता साल के अंतिम बड़े आयोजनों में से एक है, और यहाँ हर जीत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर खिलाड़ी सीज़न के अंत में अपनी रैंकिंग सुधारने या महत्वपूर्ण अंक बटोरने की कोशिश में है।
बेरेटिनी की शानदार वापसी: जब इटालियन ने इटालियन को हराया
इटली के स्टार खिलाड़ी मैटियो बेरेटिनी, जो चोट के कारण कुछ समय से कोर्ट से दूर थे, ने अपनी वापसी का शानदार आगाज किया। उन्होंने अपने ही हमवतन जूलियो ज़ेप्पिएरी को सीधे सेटों में 6-4, 6-2 से हराकर यह साबित कर दिया कि वह अपनी पुरानी लय में लौट रहे हैं। यह मैच उनके लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा होगा, क्योंकि अपने ही देश के खिलाड़ी के खिलाफ खेलना कभी आसान नहीं होता, भले ही रैंकिंग में कितना भी बड़ा अंतर क्यों न हो। खैर, “जीत तो जीत होती है”, और बेरेटिनी ने यह जीत बड़े ही प्रोफेशनल अंदाज में दर्ज की। दर्शकों को उम्मीद है कि बेरेटिनी अपनी आक्रामक शैली से टूर्नामेंट में आगे बढ़ेंगे और अपनी पिछली फॉर्म को पूरी तरह हासिल कर लेंगे।
अनुभवी सिलिच की ठोस जीत: नार्वे के युवा को दी मात
एक और अनुभवी खिलाड़ी, क्रोएशिया के मारिन सिलिच, जिन्होंने ग्रैंड स्लैम खिताब का स्वाद चखा है, ने भी दूसरे दौर में अपनी जगह बनाई। उन्होंने नार्वे के युवा निकोलाई बुडको क्येर को 7-5, 6-3 से शिकस्त दी। सिलिच अपनी शांत और संयमित खेल शैली के लिए जाने जाते हैं, और इस मैच में भी उनका अनुभव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। युवा क्येर ने अपनी प्रतिभा ज़रूर दिखाई, लेकिन अनुभवी सिलिच के सामने उनकी रणनीतियाँ कम पड़ गईं। यह कुछ ऐसा था जैसे युवा जोश अनुभवी रणनीति से टकरा रहा हो, और इस बार अनुभव ने बाजी मार ली। सिलिच के लिए यह जीत आगामी मुकाबलों के लिए एक अच्छा संकेत है, खासकर जब उन्हें बड़े खिलाड़ियों का सामना करना होगा।
एचवेरी का जुझारू प्रदर्शन: अर्जेंटीना की नई उम्मीद
अर्जेंटीना के टॉमस मार्टिन एचवेरी ने एस्टोनिया के मार्क लायाल के खिलाफ एक बेहद कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की। यह मैच तीन सेट तक चला, जिसमें एचवेरी ने 7-6(5), 6-7(5), 6-3 से जीत हासिल की। यह जीत दर्शाती है कि एचवेरी न केवल शारीरिक रूप से मजबूत हैं बल्कि मानसिक रूप से भी दबाव झेलने में सक्षम हैं। उन्होंने अपनी हार न मानने की भावना से दर्शकों का दिल जीता और साबित किया कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं। अर्जेंटीनाई टेनिस प्रशंसकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, और इस तरह के संघर्षपूर्ण जीत उनके करियर को नई उड़ान देंगी।
वाईमर बनाम वाईमर: भाई-भाई के बीच कोर्ट पर जंग
इस दौर का सबसे दिलचस्प मुकाबला स्वीडन के दो भाईयों, इलियास वाईमर और मिकेल वाईमर के बीच देखने को मिला। जब परिवार ही प्रतिद्वंदी बन जाए, तो भावनाओं का उफान आना स्वाभाविक है। इलियास वाईमर ने अपने भाई मिकेल को 6-2, 7-6(4) से हराकर दूसरे दौर में प्रवेश किया। इस तरह के मैच न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि प्रशंसकों के लिए भी अनोखे होते हैं। यह एक ऐसी जीत है जिसका जश्न मनाना भी थोड़ा मुश्किल होता होगा, क्योंकि एक की जीत दूसरे की हार होती है। “कोर्ट पर प्रतिद्वंदी, कोर्ट के बाहर भाई” – यह कहावत ऐसे ही मैचों के लिए बनी है। निश्चित तौर पर इस मुकाबले ने कोर्ट पर भरपूर ड्रामा और इमोशन दिखाया।
अन्य उल्लेखनीय परिणाम
- पोलैंड के कामिल माइचझैक ने ऑस्ट्रिया के फिलिप मिसोलिक को आसानी से 6-2, 6-2 से मात दी। यह एक सीधी जीत थी जिसने माइचझैक को बिना ज्यादा पसीना बहाए अगले दौर में पहुंचा दिया।
आगे क्या? दूसरे दौर की उम्मीदें
पहले दौर के इन रोमांचक मुकाबलों के बाद अब सभी की निगाहें दूसरे दौर पर टिकी हैं। ये जीत हासिल करने वाले खिलाड़ी अब और भी कड़े प्रतिद्वंदियों का सामना करेंगे, जहाँ हर पॉइंट और हर गेम निर्णायक साबित हो सकता है। स्टॉकहोम ओपन का सफर अभी लंबा है, और हर मैच के साथ रोमांच बढ़ता ही जाएगा। देखना होगा कि कौन से खिलाड़ी अपनी लय बरकरार रख पाते हैं और इस प्रतिष्ठित खिताब को अपने नाम करने की दिशा में आगे बढ़ते हैं। क्या बेरेटिनी अपनी वापसी को एक यादगार जीत में बदल पाएंगे, या कोई नया चेहरा बाजी मारेगा? समय ही बताएगा!
