स्कॉटलैंड का बीच वॉलीबॉल में ऐतिहासिक दबदबा: एर में घरेलू धरती पर शानदार जीत की दास्तान

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हाल ही में एर (Ayr), स्कॉटलैंड में आयोजित यूरोप की स्मॉल कंट्रीज एसोसिएशन (SCA) बीच वॉलीबॉल चैंपियनशिप ने खेल प्रेमियों को हैरान कर दिया। यह किसी एक देश की ऐसी अभूतपूर्व जीत थी, जिसने घरेलू मैदान पर वर्चस्व स्थापित करने का एक नया बेंचमार्क स्थापित किया। प्रतियोगिता को देखकर ऐसा लग रहा था मानो यह स्कॉटलैंड का ही आंतरिक मुकाबला हो, जहाँ अन्य देशों के खिलाड़ी सिर्फ दर्शक बनकर रह गए हों! स्कॉटलैंड ने न केवल महिला वर्ग के तीनों शीर्ष पदक अपने नाम किए, बल्कि पुरुष वर्ग में भी स्वर्ण और रजत पदक पर कब्जा कर लिया। यह जीत FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम के समर्थन का भी एक शानदार उदाहरण है।

महिला वर्ग में स्कॉटलैंड का अजेय प्रदर्शन

महिला वर्ग में स्कॉटलैंड की खिलाड़ियों ने वाकई कमाल कर दिया। उन्होंने पूरे पोडियम पर कब्जा जमाकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। यह शायद ही कभी देखने को मिलता है जब एक ही देश की टीमें स्वर्ण, रजत और कांस्य तीनों पदक जीत लें।

  • स्वर्ण पदक: लिन बीटी (Lynne Beattie) और मैरी वैलेस (Mhairi Wallace) की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं गंवाया और सेमीफाइनल में उत्तरी आयरलैंड की तारा मूनी और ग्रेस एलन को 2-0 (21-9, 21-18) से शिकस्त दी। फाइनल में भी उन्होंने साथी स्कॉटिश जोड़ी को एक कड़े मुकाबले में हराया।
  • रजत पदक: कैथरीन बारबोर (Kathryn Barbour) और एलेक्सिस क्रूसी (Alexis Crusey) ने रजत पदक अपने नाम किया। सेमीफाइनल में उन्हें अपने ही देश की एक अन्य जोड़ी से कड़ी टक्कर मिली और 2-1 (15-21, 23-21, 15-11) से जीत हासिल की।
  • कांस्य पदक: एलेक्जेंड्रा क्लेग-मैककॉन (Alexandra Clegg-Mckeown) और मेलिसा कूट्स (Melissa Coutts) ने कांस्य पदक जीतकर स्कॉटलैंड के क्लीन स्वीप को पूरा किया। उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में उत्तरी आयरलैंड की मूनी और एलन को 2-0 (21-15, 21-11) से आसानी से हराया।

स्वर्ण पदक के लिए हुए फाइनल मुकाबले में बीटी और वैलेस ने बारबोर और क्रूसी को एक रोमांचक तीन-सेट के मुकाबले में 2-1 (21-9, 23-25, 16-14) से मात दी। यह मुकाबला दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं था, जहाँ हर पॉइंट पर रोमांच चरम पर था।

पुरुष वर्ग में भी स्कॉटलैंड का दबदबा

पुरुष वर्ग में भी स्कॉटलैंड का जलवा बरकरार रहा। जेम्स मैकहार्डी (James McHardy) और रॉस मैककेल्वी (Ross McKelvie) ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनके हमवतन एयुआन मैकेंजी फ्रेजर (Euan Mackenzie Fraser) और बेन मैकहार्डी (Ben McHardy) ने रजत पदक पर कब्जा किया। पुरुष वर्ग में एकमात्र पदक जो स्कॉटलैंड के बाहर गया, वह मोनाको के पास्कल फेरी (Pascal Ferry) और विन्सेंट फेरी (Vincent Ferry) ने जीता, जिन्होंने कांस्य पदक हासिल किया।

मैकहार्डी और मैककेल्वी की स्वर्ण पदक की यात्रा आसान नहीं थी। उन्हें अपने चार में से तीन मैच टाई-ब्रेकर में जीतने पड़े, जो उनकी दृढ़ता और खेल भावना को दर्शाता है। सेमीफाइनल में उन्होंने मोनाको की फेरी बंधुओं को 2-1 (16-21, 21-17, 15-8) से हराया। दूसरी ओर, फ्रेजर और मैकहार्डी ने फाइनल तक का सफर बिना एक भी सेट गंवाए तय किया, यह उनकी श्रेष्ठ रणनीति और प्रदर्शन का प्रमाण है।

पुरुषों का फाइनल भी एक कड़ा मुकाबला रहा, जहाँ मैकहार्डी और मैककेल्वी ने 2-1 (17-21, 22-20, 15-10) से जीत हासिल कर ज़ोनल खिताब अपने नाम किया।

FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट का महत्वपूर्ण योगदान

स्कॉटिश वॉलीबॉल एसोसिएशन को FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम के तहत बीच वॉलीबॉल टीमों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली है। अब तक उन्हें राष्ट्रीय बीच वॉलीबॉल टीमों के कोचों के समर्थन के लिए 126,000 अमेरिकी डॉलर और राष्ट्रीय टीम के कोचों के विकास के लिए ज्ञान हस्तांतरण कार्यक्रम के लिए 6,000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्राप्त हुआ है। इस वित्तीय और तकनीकी सहायता ने स्कॉटिश खिलाड़ियों को शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए हैं। न्यूजीलैंड की राचेल गन और सीन कुक जैसे विशेषज्ञ कोचों के मार्गदर्शन में स्कॉटिश खिलाड़ी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका परिणाम इस चैंपियनशिप में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। यह दिखाता है कि सही निवेश और समर्थन से किस तरह एक देश खेल के किसी भी क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त कर सकता है।

प्रतियोगिता में शामिल अन्य देश

इस चैंपियनशिप में कुल 12 महिला और 14 पुरुष जोड़ियों ने भाग लिया, जो एंडोरा, आइसलैंड, आयरलैंड, लिकटेंस्टीन, माल्टा, मोनाको, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। हालांकि, यह प्रतियोगिता स्कॉटलैंड के नाम रही, जिसने अपने घरेलू मैदान पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की और भविष्य के बीच वॉलीबॉल टूर्नामेंटों के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा।

यह जीत सिर्फ पदकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्कॉटलैंड में बीच वॉलीबॉल के बढ़ते स्तर और खेल के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। निश्चित रूप से, आने वाले समय में स्कॉटलैंड के बीच वॉलीबॉल खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी बड़े कारनामे करते नजर आ सकते हैं।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।