सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स: मैकलारेन के विजयोत्सव में ऑस्कर पियास्त्री की ‘अनदेखी’ – क्या थी असली वजह?

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फॉर्मूला 1 की दुनिया, सिर्फ रफ्तार और इंजीनियरिंग का कमाल नहीं, बल्कि नियमों, प्रोटोकॉल और कभी-कभी मानवीय भावनाओं का भी एक जटिल मिश्रण है। हाल ही में संपन्न हुए सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया। मैकलारेन टीम ने इस रेस में शानदार प्रदर्शन करते हुए कंस्ट्रक्टर्स चैंपियनशिप का ताज अपने नाम किया। पोडियम पर जश्न का माहौल था, `वी आर द चैंपियंस` की धुन गूंज रही थी, और टीम के सदस्य, सीईओ ज़ैक ब्राउन और टीम प्रिंसिपल एंड्रिया स्टेला, उत्साह से झूम रहे थे। लेकिन इस ऐतिहासिक पल में एक चेहरा गायब था – टीम के युवा सनसनीखेज ड्राइवर ऑस्कर पियास्त्री। उनकी अनुपस्थिति ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर सवालों और अटकलों का तूफान खड़ा कर दिया। क्या यह टीम के भीतर किसी विवाद का संकेत था? या कहानी कुछ और ही थी?

रेस ट्रैक पर पनपा विवाद: क्या पियास्त्री थे नाराज?

मैकलारेन के विजयोत्सव से पियास्त्री की अनुपस्थिति को समझने के लिए, हमें रेस के शुरुआती पलों में झांकना होगा। रेस के पहले लैप में ही, टर्न 3 पर, पियास्त्री के टीम साथी और ड्राइवर्स चैंपियनशिप के प्रतिद्वंद्वी लैंडो नॉरिस ने एक आक्रामक चाल चली। नॉरिस ने पियास्त्री को लगभग दीवार से टकरा दिया, जिससे वह तीसरे स्थान पर आ गए। पियास्त्री ने तुरंत रेडियो पर अपनी निराशा व्यक्त की, यह कहते हुए कि “यह ठीक नहीं है। अगर उसे (मैक्स वेरस्टैपेन) से बचने के लिए अपने टीम साथी से टकराना पड़ता है, तो यह टालने का बहुत घटिया तरीका है।”

नॉरिस की इस चाल ने न केवल उन्हें ट्रैक पर बढ़त दिलाई, बल्कि पियास्त्री के ड्राइवर्स चैंपियनशिप में उनकी बढ़त को भी कम करके मात्र तीन अंकों तक सीमित कर दिया। यह घटना निश्चित रूप से पियास्त्री के मन में कसक छोड़ गई होगी, लेकिन क्या यही उनकी पोडियम से अनुपस्थिति का कारण था? अटकलें यही थीं, लेकिन सच्चाई कहीं अधिक `तकनीकी` थी।

फॉर्मूला 1 का सख्त प्रोटोकॉल: जश्न पर भारी नियम

फॉर्मूला 1 में ड्राइवरों को रेस के बाद कुछ सख्त प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है, जो उनकी अंतिम स्थिति पर निर्भर करता है।

  • शीर्ष तीन फिनिशर: विजेता, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले ड्राइवर सीधे अपनी कारों से निकलकर F1 टीवी इंटरव्यू के लिए जाते हैं। इसके बाद वे प्रसिद्ध कूलडाउन रूम में जाते हैं, जहां उनकी रेस के बारे में बातचीत दर्शकों को सुनाई जाती है। अंत में, वे पारंपरिक पोडियम समारोह में शामिल होते हैं, जहां शैंपेन उड़ाई जाती है और उन्हें FIA द्वारा ट्रॉफियां दी जाती हैं।
  • चौथे या उससे कम स्थान पर फिनिश करने वाले: इन ड्राइवरों को पहले FIA वजन स्केल पर जाना होता है, और फिर मीडिया पेन में टीवी और लिखित मीडिया के लिए इंटरव्यू देने होते हैं।

चूंकि ऑस्कर पियास्त्री चौथे स्थान पर रहे थे, इसलिए उन्हें पोडियम पर नहीं, बल्कि FIA के नियमों के अनुसार वजन स्केल और मीडिया पेन में होना आवश्यक था। मजेदार बात यह है कि अक्सर मीडिया इंटरव्यू और पोडियम समारोह के बीच समय का टकराव होता है। कई बार चौथे या निचले स्थान पर रहने वाले ड्राइवर राष्ट्रीय गान बजने के दौरान भी मीडिया को इंटरव्यू दे रहे होते हैं। पियास्त्री ने भी नॉरिस घटना के बारे में मीडिया पेन में ही अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि उन्हें पूरी घटना को विस्तार से देखने की जरूरत है, इससे पहले कि वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।

“मुझे ईमानदारी से घटना को और विस्तार से देखने की जरूरत है,” पियास्त्री ने लिखित मीडिया पेन में नॉरिस की घटना के बारे में पूछे जाने पर कहा। “मुझे लगता है कि एक बार जब मुझे चीजों की पूरी तस्वीर मिल जाएगी, तो हाँ, हम निश्चित रूप से इसके बारे में बात करेंगे। मैं कोई निष्कर्ष निकालने से पहले यह देखना चाहता हूँ कि वास्तव में क्या हुआ।”

टीम के भीतर का असली जश्न: एक और `अनुपस्थिति`

यह सब इस धारणा को जन्म दे सकता है कि पियास्त्री टीम के जश्न से पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए थे, लेकिन ऐसा नहीं था। टीम के सूत्रों ने पुष्टि की कि पोडियम पर होने वाला यह अप्रत्याशित जश्न F1 प्रबंधन द्वारा मैकलारेन को रेस के अंत में सुझाया गया था। टीम को अंधविश्वास के कारण पहले से इसकी योजना बनाने में हिचकिचाहट थी। रेस के बाद, जब गणितीय रूप से उनकी जीत सुनिश्चित हो गई, तो अचानक यह पोडियम जश्न आयोजित किया गया, जिसकी जानकारी कई टीम सदस्यों को भी नहीं थी।

असली टीम एकजुटता का क्षण इसके बाद आया, जब टीम ने हमेशा की तरह पिट-लेन में एक आधिकारिक तस्वीर खिंचवाई। इस तस्वीर में दोनों ड्राइवर, ऑस्कर पियास्त्री और लैंडो नॉरिस, टीम के अन्य सदस्यों और टीम प्रिंसिपल एंड्रिया स्टेला के साथ मौजूद थे। विडंबना देखिए, इस बार टीम के सीईओ ज़ैक ब्राउन ही इस तस्वीर से नदारद थे! वह अपनी सिंगापुर से निकलने वाली फ्लाइट पकड़ने के लिए पहले ही सर्किट छोड़ चुके थे। यह दर्शाता है कि फॉर्मूला 1 पैडक की लॉजिस्टिक्स कितनी गतिशील और अप्रत्याशित हो सकती है।

निष्कर्ष: नियमों का सम्मान और टीम की भावना

तो, ऑस्कर पियास्त्री मैकलारेन के यादगार पोडियम पल से इसलिए नदारद नहीं थे क्योंकि वह टीम से नाराज थे या उन्हें दरकिनार किया गया था। बल्कि, यह फॉर्मूला 1 के कड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करने का परिणाम था। हालांकि ट्रैक पर प्रतिद्वंद्विता और विवाद होते रहते हैं, खासकर जब दो प्रतिभाशाली टीम साथी ड्राइवर्स चैंपियनशिप के लिए एक-दूसरे से भिड़ रहे हों (पियास्त्री अभी भी नॉरिस से 22 अंकों से आगे हैं), टीम की भावना अंततः प्रबल होती है।

सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स ने हमें सिखाया कि फार्मूला 1 सिर्फ तेज कारों और बहादुरी वाले ड्राइवर्स का खेल नहीं है; यह एक ऐसी दुनिया है जहां प्रोटोकॉल अक्सर सार्वजनिक धारणा को आकार देता है, और जहां असली जश्न अक्सर चमक-धमक वाली सुर्खियों के पीछे होता है। पियास्त्री की `अनुपस्थिति` एक गलतफहमी थी, जिसने हमें खेल की आंतरिक कार्यप्रणाली की एक दिलचस्प झलक दी।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।