शतरंज में भूचाल: धोखाधड़ी के आरोप में ग्रैंडमास्टर किरिल शेवचेंको का खिताब रद्द, 3 साल का प्रतिबंध

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शतरंज खिलाड़ी किरिल शेवचेंको धोखाधड़ी के आरोप में

बोर्ड पर ग्रैंडमास्टर फ्रांसिस्को वैलेहो और किरिल शेवचेंको। इस तस्वीर के ठीक बाद ही विवादों का दौर शुरू हुआ।

शतरंज की बिसात पर चालें सिर्फ मोहरों की ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के दिमाग की भी होती हैं। यह एक ऐसा खेल है जो अपनी शुद्ध बौद्धिक क्षमता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता है। लेकिन जब इस महान खेल में कोई खिलाड़ी अनैतिक राह चुन ले, तो पूरा खेल जगत हिल जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है युवा ग्रैंडमास्टर किरिल शेवचेंको के साथ, जिन पर फीडे (FIDE) ने धोखाधड़ी के आरोप में न केवल तीन साल का प्रतिबंध लगाया है, बल्कि उनसे उनका प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब भी छीन लिया है। यह फैसला शतरंज के इतिहास में निष्पक्षता और अखंडता बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा और ऐतिहासिक संदेश है।

स्पेनिश टीम चैम्पियनशिप: जहां से शुरू हुई संदेह की कहानी

यह कहानी अक्टूबर 2024 की है, जब स्पेन के खूबसूरत शहर मेलिला में स्पेनिश टीम चैम्पियनशिप का आयोजन हो रहा था। 22 वर्षीय किरिल शेवचेंको, जो 2023 से रोमानियाई शतरंज महासंघ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, सिला टीम के लिए खेल रहे थे। उन्होंने पहले राउंड में अमीन बस्सेम और दूसरे में फ्रांसिस्को वैलेहो जैसे अनुभवी और मजबूत खिलाड़ियों को हराकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। लेकिन इन्हीं जीत के साथ, संदेह की एक हल्की परछाई भी उनके खेल पर मंडराने लगी। उनके विरोधियों ने उनके व्यवहार को लेकर आयोजकों से शिकायत की, जिसके बाद आनन-फानन में जांच शुरू हुई और शेवचेंको को महज दो राउंड के बाद ही टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया। उनके सभी परिणाम भी रद्द कर दिए गए।

अब सवाल यह था कि ऐसा क्या हुआ था, जिसने दो अनुभवी ग्रैंडमास्टरों को शिकायत करने पर मजबूर कर दिया? वैलेहो ने बताया कि शेवचेंको अपने दूसरे राउंड के खेल के दौरान बार-बार बोर्ड छोड़कर एक ही शौचालय में लंबे समय तक जाते रहे। वापस आकर वह कुछ तेजी से चालें चलते और फिर से चले जाते। पहले राउंड के उनके प्रतिद्वंद्वी बस्सेम ने भी ऐसी ही संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी आयोजकों को दी थी। यह हरकतें किसी भी बुद्धिमान खिलाड़ी को असामान्य लग सकती हैं।

शौचालय में मिले `राज` और एक हस्तलिखित नोट

जांच के दौरान, एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ जिसने मामले को एक नया मोड़ दे दिया। टूर्नामेंट शुरू होने से ठीक एक दिन पहले, उसी शौचालय में एक स्मार्टफोन मिला था। इससे भी अधिक हैरतअंगेज बात यह थी कि इसके साथ एक नोट भी था, जिसे बाद में शेवचेंको की हस्तलिपि के रूप में पहचाना गया। और तो और, कुछ समय बाद उसी क्यूबिकल में एक और फोन भी पाया गया।

टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार, सभी खिलाड़ियों को खेल शुरू होने से पहले अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जिनमें मोबाइल फोन भी शामिल थे, मुख्य मध्यस्थ (आर्बिटर) को सौंपने होते हैं। ऐसे में शौचालय में फोन का मिलना, और उस पर शेवचेंको का हस्तलिखित नोट, किसी भी तर्क से उनकी बेगुनाही को साबित नहीं कर सकता था। यह ठीक वैसा ही था जैसे कोई चोरी करते हुए पकड़ा जाए और कहे, “ये सामान मेरा नहीं, मैं तो बस `देख रहा` था!”

फीडे की कड़ी कार्रवाई: न्याय की बिसात पर अंतिम चाल

प्रारंभिक जांच के बाद, मध्यस्थता न्यायालय ने शेवचेंको को अयोग्य घोषित कर दिया और उनके दोनों खेल विरोधियों के नाम कर दिए। हालांकि, उनकी टीम सिला ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, यह तर्क देते हुए कि यह निर्णायक रूप से साबित नहीं हुआ था कि फोन उनके खिलाड़ी के थे, हालांकि क्लब ने भी माना कि संदेह गंभीर थे।

शेवचेंको ने लगातार अपनी बेगुनाही का दावा किया, लेकिन इस बीच उन्होंने सिला टीम छोड़ दी और अपनी फीस भी लौटा दी। पांच महीने बाद, फीडे की एथिक्स एंड डिसिप्लिनरी कमीशन (EDC) की फर्स्ट इंस्टेंस चैंबर ने इस घटना की गंभीरता से समीक्षा की, जिसमें ऑनलाइन सुनवाई भी शामिल थी, और एक सर्वसम्मत निर्णय दिया।

लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। फीडे एथिक्स एंड डिसिप्लिनरी कमीशन की अपील चैंबर, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती योलैंडर परसाउड ने की, ने शेवचेंको की अपील और फीडे फेयर प्ले कमीशन (FPL) की क्रॉस-अपील, दोनों की समीक्षा की। अपील पैनल ने सर्वसम्मति से शेवचेंको की चुनौती को खारिज कर दिया, उनके अपराध की पुष्टि की, और FPL की क्रॉस-अपील को बरकरार रखते हुए, फर्स्ट इंस्टेंस चैंबर द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया।

अंतिम निर्णय के मुख्य बिंदु:

  • ग्रैंडमास्टर किरिल शेवचेंको को फीडे अनुशासनात्मक संहिता के अनुच्छेद 11.7(ई) के तहत धोखाधड़ी का दोषी पाया गया।
  • उन पर तीन साल का विश्वव्यापी प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध 19 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 18 अक्टूबर 2026 तक सभी फीडे-रेटेड आयोजनों में भाग लेने से रोकेगा। प्रतिबंध का एक वर्ष निलंबित रहेगा, जो भविष्य में किसी और कदाचार की अनुपस्थिति पर निर्भर करेगा और 18 अक्टूबर 2027 तक प्रभावी रहेगा।
  • उनका ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब इस निर्णय के प्रकाशित होने की तारीख से तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। यह किसी भी शतरंज खिलाड़ी के लिए शायद सबसे बड़ी सजा है।

फीडे मैनेजमेंट बोर्ड की डिप्टी चेयर, दाना रेइज़नीसे ने शतरंज की अखंडता के प्रति फीडे की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला फीडे के सभी डिवीजनों – फेयर प्ले, आर्बिटर और एथिक्स – में पता लगाने वाली प्रणालियों को मजबूत करने, निवारक प्रशिक्षण को परिष्कृत करने और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित अनुशासनात्मक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के बढ़ते प्रयासों को दर्शाता है। उनका बयान साफ था: शतरंज में धोखाधड़ी का कोई स्थान नहीं है।

शतरंज की गरिमा और भविष्य पर असर

यह फैसला युवा ग्रैंडमास्टर किरिल शेवचेंको के करियर पर एक काला धब्बा है। उनका GM खिताब रद्द होना और तीन साल का प्रतिबंध, किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बहुत बड़ी सजा है, जो उनके भविष्य के लिए गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। यह घटना शतरंज जगत के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि खेल की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे खिलाड़ी का कद कितना भी बड़ा क्यों न हो।

शतरंज, अपने स्वभाव से ही एक ऐसा खेल है जो ईमानदारी और शुद्ध बौद्धिक क्षमता पर पनपता है। धोखाधड़ी के ऐसे मामले न केवल खेल की भावना को ठेस पहुँचाते हैं, बल्कि उन लाखों खिलाड़ियों और प्रशंसकों के विश्वास को भी कमज़ोर करते हैं जो इस खेल को अपनी निष्पक्षता और चुनौती के लिए पसंद करते हैं। फीडे का यह सख्त रुख यह सुनिश्चित करता है कि शतरंज अपनी गरिमा और ईमानदारी बनाए रखे, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ भी बिना किसी संदेह के इस महान खेल का आनंद ले सकें।

यह घटना दर्शाती है कि तकनीकी प्रगति, भले ही वह शतरंज में मदद करने के लिए हो, का दुरुपयोग किया जा सकता है। लेकिन साथ ही, यह भी दिखाता है कि संगठन इसे रोकने के लिए कितने गंभीर हैं। अंत में, यह एक अनुस्मारक है कि सबसे जटिल चालें हमेशा बोर्ड पर ही चली जानी चाहिए, न कि किसी छिपी हुई तकनीक की मदद से। शतरंज की दुनिया में “फेयर प्ले” केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक अटल सिद्धांत है, जिसकी रक्षा के लिए फीडे प्रतिबद्ध है।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।