वॉलीबॉल के मैदान पर ही नहीं, अब श्रीलंका के वॉलीबॉल महासंघ के गलियारों में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों ने खेल के भविष्य के लिए एक नई दिशा तय की है, जिसमें साजीवा मेडावाट्टे ने अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला है।
श्रीलंका में वॉलीबॉल सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक जुनून है। इस द्वीप राष्ट्र की मिट्टी में वॉलीबॉल की जड़ें गहरी हैं, और यह खेल यहाँ के लोगों के दिल में बसता है। ऐसे में, जब 31 मई 2025 को कोलंबो के नेशनल ओलंपिक कमेटी ऑडिटोरियम में श्रीलंका वॉलीबॉल महासंघ के चुनावों की घोषणा हुई, तो सभी की निगाहें इस महत्वपूर्ण घटना पर टिक गईं। यह सिर्फ पदों का बंटवारा नहीं था, बल्कि देश में वॉलीबॉल के अगले दो वर्षों की रणनीति और विकास की नींव रखने का पल था।
नेतृत्व परिवर्तन: नई उम्मीदों का संचार
इन चुनावों के परिणाम ने साजीवा मेडावाट्टे को महासंघ के नए अध्यक्ष के रूप में स्थापित किया। उनके साथ, एक नई कार्यकारी समिति भी चुनी गई है, जिसे अगले दो वर्षों तक वॉलीबॉल को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह एक ऐसा क्षण है जब अनुभवी और युवा प्रतिभाओं का संगम देखा जा सकता है, जो मिलकर खेल को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध हैं।
नई टीम, नई जिम्मेदारियाँ
मेडावाट्टे के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए, अखिल डी अलविस को महासचिव के रूप में चुना गया है। उनकी भूमिका संघ के दैनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने और अध्यक्ष के दृष्टिकोण को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा, महासंघ को दिशा देने के लिए छह उपाध्यक्ष भी चुने गए हैं, जिनमें चंदन विजेसिंघे, बंदारा हेराथ, के. पी. एम. करियावासम, अशोक अंबरपोला, एस. एम. ए. एन. आई. संबंधपेरुमा और चामिंडा लक्ष्मण शामिल हैं। इतने सारे उपाध्यक्ष, मानो वॉलीबॉल के मोर्चे पर एक पूरी सेना खड़ी कर दी गई हो, हर दिशा से खेल को सहारा देने के लिए!
अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी अनुभवी और समर्पित व्यक्तियों को जिम्मेदारी मिली है:
- सहायक सचिव: कंथासिरी मीगामुवा, कपिला विजेमन्ना और एस.एस.एन.के. फर्नांडो।
- कोषाध्यक्ष: जी. डी. टी. एस. परेरा।
- मुख्य आयोजक: दानपाला जयपठ्मा।
- ग्राउंड सचिव: कैप्टन के. आर. के. टी. मेलिंदा।
कार्यकारी समिति को अजित नेतासिंगे, अरुणा शांता, दीपल एकनायका, ललित प्रियांत, विमल अमरसिंघे, ए. रविवर्मन, सजित नंदसिरी, कृष्णपिल्लई मनोहरन, रमानी कुलाथिलाके, एस.एन.एस. किथसिरिस और रेनुका निलमिनी जैसे कई और सदस्यों के साथ पूरा किया गया है। यह लंबी सूची बताती है कि महासंघ ने हर क्षेत्र और हर स्तर से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की कोशिश की है।
चुनौतियाँ और उज्जवल भविष्य की संभावनाएँ
साजीवा मेडावाट्टे और उनकी नई टीम के सामने कई चुनौतियाँ और अवसर हैं। श्रीलंका में वॉलीबॉल को और अधिक लोकप्रिय बनाना, जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को पोषित करना, राष्ट्रीय टीमों के प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुधारना और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना कुछ प्रमुख लक्ष्य होंगे। क्या यह दो साल का कार्यकाल वाकई में वॉलीबॉल को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए काफी होगा, या यह सिर्फ एक शुरुआती बिंदु है? समय ही बताएगा, और वॉलीबॉल प्रेमियों की नजरें बनी रहेंगी।
यह नेतृत्व परिवर्तन श्रीलंका के वॉलीबॉल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उम्मीद है कि यह नई टीम, अपने अनुभव और उत्साह के साथ, देश में वॉलीबॉल के खेल को एक नई दिशा प्रदान करेगी और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत पहचान दिलाएगी। अगले दो वर्षों में खेल के विकास की यात्रा देखना रोमांचक होगा।
नई समिति के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ! आशा है कि वे श्रीलंका में वॉलीबॉल के खेल को एक नया आयाम देंगे।