शंघाई मास्टर्स में यानिक सिनर: ऐंठन, वापसी और टेनिस की कठोर हकीकत

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टेनिस की दुनिया में, जहाँ हर शॉट एक कहानी कहता है और हर मैच शारीरिक और मानसिक शक्ति की परीक्षा होता है, वहाँ कभी-कभी अप्रत्याशित बाधाएँ भी आती हैं। हाल ही में शंघाई मास्टर्स में यानिक सिनर के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। एक युवा सनसनी, जो अपने दमदार खेल के लिए जानी जाती है, उसे महज ऐंठन के कारण कोर्ट छोड़ना पड़ा। यह घटना न केवल मैच का रुख बदल गई, बल्कि यह आधुनिक टेनिस के कठोर कार्यक्रम और खिलाड़ियों के शरीर पर पड़ने वाले उसके प्रभावों पर भी एक गहरा सवाल खड़ा करती है।

अप्रत्याशित अंत: सिनर का ऐंठन भरा अलविदा

शंघाई मास्टर्स, जहाँ दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी अपनी बादशाहत साबित करने आते हैं, वहीं एक नाटकीय मोड़ पर इटली के यानिक सिनर को अपने अभियान का अधूरा अंत करना पड़ा। मैच हॉलैंड के ग्रिकस्पूर के खिलाफ था, और स्कोर 6-7, 7-5, 3-2 से ग्रिकस्पूर के पक्ष में था, जब सिनर ने मैदान छोड़ दिया। कारण था: मांसपेशियों में ऐंठन। यह किसी बड़ी चोट का दर्द नहीं था, बल्कि एक ऐसी सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया थी जिसने उन्हें खेल जारी रखने में असमर्थ बना दिया।

दूसरे सेट के अंत से ही सिनर को कुछ परेशानी महसूस होने लगी थी। तीसरे सेट की शुरुआत में तो उन्होंने वापसी का प्रयास किया, लेकिन चौथे गेम में, उनकी दाहिनी टांग में ऐंठन इतनी बढ़ गई कि वे लड़खड़ाने लगे। कोर्ट पर, जहाँ हर कदम मायने रखता है, वहाँ इस तरह की शारीरिक बाधा किसी आपदा से कम नहीं होती। उन्होंने सर्विस गंवा दी और 3-2 पर फिजियोथेरेपिस्ट को बुलाया, लेकिन उपचार पर्याप्त नहीं था। खेल फिर से शुरू हुआ, लेकिन सिनर का लड़खड़ाना जारी रहा, और अंततः, उन्होंने ग्रिकस्पूर के पास जाकर अपनी हार स्वीकार कर ली।

नियमों का खेल: जब ऐंठन को चोट नहीं माना जाता

यह टेनिस की दुनिया का एक अजीबोगरीब नियम है – मांसपेशियों में ऐंठन को खेल की चोट नहीं माना जाता। इसका मतलब है कि खिलाड़ी मेडिकल टाइम-आउट का सहारा नहीं ले सकता, जो कि अन्य चोटों के लिए तीन मिनट का अतिरिक्त समय प्रदान करता है। ऐंठन के मामले में, खिलाड़ियों को केवल सामान्य चेंजओवर के दौरान, जो प्रत्येक दो गेम के बाद एक मिनट का होता है, ही उपचार मिल सकता है।

यह एक विडंबना ही है कि एक खिलाड़ी, जो कोर्ट पर अपनी पूरी जान लगा देता है, उसे शरीर की इस बुनियादी विफलता के लिए पर्याप्त चिकित्सीय सहायता से वंचित कर दिया जाता है। क्या यह नहीं कहा जा सकता कि यदि शरीर इतनी बुरी तरह से प्रतिक्रिया कर रहा है, तो यह भी एक प्रकार की “चोट” ही है? शायद, लेकिन नियम, नियम होते हैं, और सिनर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

शंघाई की भीषण परिस्थितियाँ और शारीरिक मांग

शंघाई में इन दिनों जिस तरह की जलवायु परिस्थितियाँ हैं, वे किसी भी एथलीट के लिए एक चुनौती हैं। 85% से 90% तक की आर्द्रता (humidity) के साथ, शरीर का निर्जलीकरण (dehydration) बहुत तेजी से होता है, और यही अक्सर ऐंठन का मुख्य कारण बनती है। एक पेशेवर चिकित्सक के शब्दों में, “ऐसी गर्मी और आर्द्रता में खेलना पूरी तरह से अव्यवहारिक है और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को खतरे में डालता है।” सिनर के साथ भी ऐसा ही हुआ, उनके शरीर ने इस भीषण चुनौती के सामने घुटने टेक दिए।

आगे का रास्ता: एक सप्ताह का आराम और व्यस्त कार्यक्रम

अब सिनर को एक सप्ताह का अनिवार्य आराम मिलेगा। यह उनके शरीर को ठीक होने और आगामी व्यस्त कार्यक्रम के लिए तैयार होने का मौका देगा। पेशेवर टेनिस का कैलेंडर इतना पैक होता है कि खिलाड़ियों को सांस लेने की फुरसत नहीं मिलती:

  • 15 से 18 अक्टूबर: रियाद में प्रदर्शनी मैच।
  • 20 अक्टूबर से: वियना 500 टूर्नामेंट में वापसी।
  • 27 अक्टूबर से: पेरिस मास्टर्स 1000।
  • 9 नवंबर से: ट्यूरिन में एटीपी फाइनल्स का अंतिम चरण।

इसके अतिरिक्त, 18 से 23 नवंबर तक बोलोग्ना में होने वाले डेविस कप फाइनल्स में उनकी भागीदारी अभी भी अनिश्चित है। यह व्यस्तता दर्शाती है कि शीर्ष स्तर पर बने रहने के लिए खिलाड़ियों को कितनी शारीरिक और मानसिक अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है। ऐंठन जैसी छोटी समस्या, जो किसी अन्य परिस्थिति में मामूली लग सकती है, एक पेशेवर खिलाड़ी के पूरे सीजन की गति को धीमा कर सकती है।

यानिक सिनर की शंघाई मास्टर्स से ऐंठन के कारण हुई वापसी, आधुनिक टेनिस की निर्मम वास्तविकता की एक कड़ी याद दिलाती है। यह सिर्फ एक खिलाड़ी के मैच हारने की कहानी नहीं है, बल्कि यह शरीर की सीमाओं, कठोर नियमों और उन भीषण परिस्थितियों के बीच संतुलन साधने की कहानी है, जिनमें एथलीटों को प्रदर्शन करना पड़ता है। उम्मीद है कि सिनर इस झटके से जल्दी उबरेंगे और अपने अगले मुकाबलों में पूरी ताकत के साथ वापसी करेंगे, क्योंकि आखिर में, यह खिलाड़ियों का जुनून ही है जो उन्हें इन चुनौतियों से जूझने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।