सेरी ए (Serie A) फ़ुटबॉल के हालिया मुकाबले में, मौजूदा चैंपियन नेपोली (Napoli) ने अपने घरेलू मैदान डिएगो आर्मंडो माराडोना स्टेडियम में पिसा (Pisa) के खिलाफ़ 3-2 की रोमांचक जीत दर्ज की। यह मैच न केवल गोलों की बौछार बल्कि अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव और अंत तक दिल दहला देने वाले पलों से भरा था। इस जीत ने नेपोली को जुवेंटस (Juventus) पर 2 अंकों की बढ़त दिला दी है, लेकिन यह भी साफ़ कर दिया कि चैंपियंस का सफर उतना आसान नहीं होने वाला जितना एकतरफ़ा स्कोरलाइन से लग सकता है।
एक संघर्षपूर्ण शुरुआत: जब पिसा ने चैंपियंस को पसीना छुड़ाया
मैच की शुरुआत में नेपोली ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, और बिली गिल्मर (Billy Gilmour) ने पहले हाफ में एक शानदार गोल दागकर टीम को बढ़त दिलाई। ऐसा लग रहा था कि नेपोली अपने चिर-परिचित अंदाज़ में पिसा को आसानी से मात दे देगी। लेकिन फ़ुटबॉल की ख़ूबसूरती ही यह है कि वह कब पलट जाए, कोई नहीं जानता। पिसा, जो लीग में कहीं भी नेपोली के बराबर नहीं मानी जाती, ने अपनी रणनीति और ज़बरदस्त लड़ाई से चैंपियंस को हैरान कर दिया।
दूसरे हाफ़ में, पिसा को एक पेनाल्टी मिली, जिसे एन्ज़ोला (Nzola) ने गोल में बदलकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इस गोल ने पिसा के खेमे में आत्मविश्वास भर दिया और नेपोली के प्रशंसकों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दीं। पिच पर माहौल ऐसा हो गया था मानो दो बराबर की टीमें आमने-सामने हों, जबकि कागज़ पर ऐसा बिल्कुल नहीं था। पिसा की रक्षा पंक्ति ने एक अभेद्य किले का निर्माण कर दिया था, जिसे तोड़ना नेपोली के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।
लुक्का का शानदार आगमन: `लुकाकू का वारिस`
जब मैच पूरी तरह से संघर्ष में बदल गया था, तब नेपोली के कोच ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर आए लोरेंजो लुक्का (Lorenzo Lucca) ने आते ही अपना जलवा बिखेरा। उनके विशालकाय शरीर और शक्तिशाली शॉट को देखकर शायद ही कोई सोच पाता कि यह खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में कुछ अनिश्चितताओं का सामना कर रहा था। उन्हें `लुकाकू का अगला वारिस` कहा जा रहा था, और उन्होंने इस मैच में इसे कुछ हद तक साबित भी किया। मैदान पर आने के महज़ पांच मिनट बाद, लुक्का ने अपने दमदार दाहिने पैर से ऐसा शॉट मारा कि गेंद सीधे गोलपोस्ट में जा घुसी। यह गोल सिर्फ़ एक अंक नहीं था; यह नेपोली के लिए प्रेरणा का एक स्रोत था, जिसने टीम को फिर से गेम में वापसी दिलाई।
“यह नेपोली की आत्मा है – वे जीतते हैं, चाहे इसके लिए उन्हें दिल के दौरे का जोखिम ही क्यों न लेना पड़े। दर्शकों को अपने साथ `फ़िब्रिलेटर` (Defibrillator) लाना चाहिए।”
स्पिनज़ोला का जादू और पिसा का अंतिम प्रहार
लुक्का के गोल के बाद, नेपोली ने थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन मैच में ड्रामा अभी ख़त्म नहीं हुआ था। लियोनार्डो स्पिनज़ोला (Leonardo Spinazzola) ने 20 मीटर की दूरी से एक शानदार शॉट लगाकर नेपोली को 3-1 की बढ़त दिला दी। ऐसा लगा कि अब नेपोली जीत की ओर बढ़ रही है। लेकिन पिसा ने हार नहीं मानी। कप्तान डि लोरेंज़ो (Di Lorenzo) की एक रक्षात्मक चूक का फ़ायदा उठाते हुए, पिसा के लोरान (Lorran) ने एक और गोल दागकर स्कोर 3-2 कर दिया। आख़िरी मिनटों में पिसा ने नेपोली के दिलों में डर पैदा कर दिया, और माराडोना स्टेडियम में मौजूद हर प्रशंसक की सांसे अटक गईं। यह जीत नेपोली को भले ही मिल गई, लेकिन यह उनकी कमियों को भी उजागर करती है।
आगामी चुनौतियां और चैंपियंस का सफर
यह जीत नेपोली को जुवेंटस से 2 अंक आगे तो कर देती है, लेकिन यह भी बताती है कि इस सीज़न में लीग की दौड़ इतनी आसान नहीं होगी। नेपोली को अपनी रक्षात्मक स्थिरता और मैच पर पकड़ बनाए रखने की क्षमता में सुधार करना होगा। मिडफ़ील्ड में लोबोटका (Lobotka) और एंगुइसा (Anguissa) जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से महसूस की गई। अगले हफ़्ते मिलान (Milan) के खिलाफ़ होने वाला मैच चैंपियंस के लिए एक असली अग्निपरीक्षा होगी, जहां एंटोनियो कॉन्टे (Antonio Conte) की टीम को मैक्स एलेग्री (Max Allegri) की जुवेंटस से भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
यह मैच नेपोली की `दिल दहला देने वाली जीत` की आदत को दर्शाता है, जैसा कि उन्होंने इससे पहले कैग्लियारी (Cagliari) के खिलाफ़ भी देखा था। फ़ुटबॉल प्रेमियों के लिए, यह ऐसा मैच था जिसे वे जल्द नहीं भूलेंगे।