एंडोरा, यूरोप का एक छोटा सा देश। इतना छोटा कि नक्शे पर ढूंढने के लिए शायद मैग्नीफाइंग ग्लास चाहिए हो। लेकिन खेल की दुनिया में आकार हमेशा सब कुछ नहीं होता। खासकर जब बात वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल की हो। कई सालों तक, एंडोरा में इन खेलों की स्थिति ऐसी थी, मानो कोई पुरानी किताब धूल फांक रही हो – न पूरे समय के कोच, न नियमित अंतरराष्ट्रीय मुकाबले, बस जैसे-तैसे काम चलाऊ ढाँचा। खेल था तो सही, पर उसकी साँसें धीमी चल रही थीं।
लेकिन 2023 में कहानी ने एक रोमांचक करवट ली। अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ (FIVB) ने अपनी `वॉलीबॉल एम्पावरमेंट` पहल के तहत इस छोटे देश की ओर मदद का हाथ बढ़ाया। शायद उन्होंने सोचा, क्यों न इस पिग्मी को भी थोड़ी ताकत दी जाए? और ताकत भी कैसी! करीब 168,000 अमेरिकी डॉलर का फंड (जो एंडोरा के खेल बजट के हिसाब से तो किसी लॉटरी से कम नहीं), दो पूरे समय के समर्पित कोच (एक इंडोर वॉलीबॉल के लिए और एक बीच वॉलीबॉल के लिए) और खेल का ज़रूरी सामान – मिकासा की चमचमाती गेंदें और सेनोह के मज़बूत नेट सिस्टम।
यह सिर्फ पैसे और सामान की बात नहीं थी। यह सोच में आया बदलाव था। अब “जैसे-तैसे” नहीं, बल्कि “पूरी लगन और योजना” के साथ काम शुरू हुआ। 2023 की शुरुआत से, एंडोरा के राष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ ने ठोस विकास योजनाएँ लागू कीं: नियमित और संरचित ट्रेनिंग सेशन, युवा खिलाड़ियों के लिए स्पष्ट रास्ते बनाना, और दोनों ही विधाओं में राष्ट्रीय टीमों की सक्रियता बढ़ाना।
वॉलीबॉल कोच एबेल बर्नाल इस बदलाव के प्रत्यक्षदर्शी हैं। उन्होंने बताया, “FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम ने हमारे काम करने के तरीके में एक बहुत बड़ा बदलाव लाया है। पहले हमारी संरचना अर्ध-पेशेवर लोगों पर आधारित थी। अब देश में वॉलीबॉल के लिए समर्पित दो कोच होने का असर सिर्फ राष्ट्रीय टीम पर नहीं, बल्कि पूरे महासंघ पर पड़ा है। एंडोरा जैसे छोटे देश के लिए यह एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है।”
तकनीकी निदेशक लुई हिलेयर पुरानी मुश्किलों को याद करते हुए बताते हैं कि कैसे पेशेवर कर्मचारियों की कमी और सीमित संसाधनों ने वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से दूर रखा। उनके शब्दों में, “तकनीकी विकास और प्रतिभा की पहचान पर ज़रूरी ध्यान नहीं दिया जा रहा था।”
लेकिन FIVB के समर्थन के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। महासंघ ने युवा विकास के लिए एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार किया है, जिसका लक्ष्य बीच वॉलीबॉल में `स्मॉल स्टेट्स ऑफ यूरोप` के आगामी ज़ोनल चैंपियनशिप और भविष्य में U20 वॉलीबॉल चैंपियनशिप में भागीदारी है। अब अगली पीढ़ी को तैयार करने की एक साफ़ रणनीति है।
और समर्पण का फल कोर्ट पर साफ दिखा। `एंडोरा 2025 गेम्स ऑफ द स्मॉल स्टेट्स ऑफ यूरोप` (जिसकी मेजबानी एंडोरा ने ही की) में, देश की बीच वॉलीबॉल टीमों ने पुरुष और महिला दोनों स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते। इंडोर वॉलीबॉल में भी पुरुष टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। और एक अलग प्रतियोगिता में, U20 टीम ने `स्मॉल कंट्रीज़ एसोसिएशन चैंपियनशिप` (यह भी एंडोरा में ही हुई) जीत ली। ये उपलब्धियाँ, वैश्विक मंच पर भले ही छोटी लगें, लेकिन उस महासंघ के लिए बहुत मायने रखती हैं जिसने हाल ही में क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में वापसी की थी। हिलेयर मानते हैं कि ये पदक सीधा परिणाम हैं “लगातार ट्रेनिंग और विकास के रास्ते बनाने की हमारी क्षमता का।”
खिलाड़ियों के लिए, इन बदलावों का व्यक्तिगत और सीधा फायदा हुआ है। राष्ट्रीय बीच वॉलीबॉल खिलाड़ी क्रिश्चियन रिबेरो ने बताया कि नए प्रशिक्षण माहौल ने कैसे उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन और एंडोरा में खेल की संस्कृति को बदला है। उन्होंने कहा, “मैं दो साल से बीच वॉलीबॉल में एंडोरा का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ। मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूँ कि FIVB कोचों के आने के बाद, मेरा प्रदर्शन और सामान्य तौर पर देश में वॉलीबॉल का विकास, दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वे जो काम कर रहे हैं, खासकर जमीनी स्तर की ट्रेनिंग में, वह बहुत सकारात्मक है। वे संभावना वाले खिलाड़ियों की पहचान कर रहे हैं और एंडोरा में वॉलीबॉल के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं, जो मेरी राय में उनकी उपस्थिति का मुख्य उद्देश्य है।”
एंडोरा अब इस गर्मी में कई ज़ोनल आयु-समूह टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करने की तैयारी में है, जिसमें U17 और U19 क्वालीफ़ायर शामिल हैं, दोनों बीच वॉलीबॉल और वॉलीबॉल में। पास के कैटेलोनिया और फ्रांस में रोज़ाना ट्रेनिंग और मैच होना, और बार-बार आयु-समूह विकास शिविरों का आयोजन अब सामान्य बात है, जिसने पहले के सीमित गतिविधि वाले दिनों की जगह ले ली है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राष्ट्रीय महासंघ अब लंबी अवधि की सोच रहा है। जमीनी स्तर पर विकास पर ध्यान केंद्रित करके, एंडोरा को उम्मीद है कि वह एथलीटों की एक स्थायी पाइपलाइन तैयार कर पाएगा जो भविष्य में सीनियर स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर सकें। हिलेयर का लक्ष्य स्पष्ट है, “कम उम्र से खिलाड़ियों को विकसित करना और युवा टीमें बनाना वर्तमान में वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल दोनों के लिए हमारा मुख्य उद्देश्य है। इससे हम भविष्य में `स्मॉल कंट्रीज़ एसोसिएशन` के भीतर ज़्यादा प्रतिस्पर्धी बन पाएंगे।”
FIVB `वॉलीबॉल एम्पावरमेंट` ने एंडोरा को एक अधिक स्थिर और जुड़े हुए सिस्टम बनाने के लिए आवश्यक उपकरण दिए हैं। स्पष्ट योजनाओं, लगातार प्रशिक्षण और दोनों खेलों को समर्थन मिलने से, यह छोटा देश अब आत्मविश्वास से अपने दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जैसा कि हिलेयर ने कहा, “आधार को मजबूत करना आने वाले सालों में राष्ट्रीय सीनियर टीम को पोषित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। हमारे लिए, यह एक पीढ़ीगत बदलाव है जिसकी हम आत्मविश्वास से तैयारी कर रहे हैं।”
एंडोरा की कहानी दिखाती है कि सही समर्थन, समर्पण और योजना के साथ, आकार कोई बाधा नहीं होती। वॉलीबॉल की दुनिया में इस छोटे से देश की यात्रा अभी शुरू हुई है, और यह निश्चित रूप से देखने लायक होगी।