टेनिस के प्रतिस्पर्धी संसार में, जहाँ हर शॉट, हर पॉइंट और हर मैच का महत्व होता है, वहाँ एक युवा खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च स्तर पर अपनी जगह बनाना किसी चुनौती से कम नहीं। लेकिन कभी-कभी, कुछ ऐसे क्षण आते हैं जो न केवल खेल को बल्कि खिलाड़ी की पूरी मानसिकता को एक नई दिशा देते हैं। मारत शरीपोव, दुनिया के 276वीं रैंक के टेनिस खिलाड़ी, ऐसे ही एक अविस्मरणीय अनुभव से गुज़रे हैं। उन्होंने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच और अन्य सर्बियाई टेनिस दिग्गजों के साथ कोर्ट साझा किया। यह सिर्फ एक अभ्यास सत्र नहीं था, बल्कि प्रेरणा और आत्मविश्वास का एक अमूल्य पाठ था, जो अक्सर कोर्ट पर घंटों बिताने से भी अधिक प्रभावी सिद्ध होता है।
जब शीर्ष पर बैठा खिलाड़ी बन जाए आपका मार्गदर्शक
कल्पना कीजिए, आप एक महत्वाकांक्षी युवा एथलीट हैं, और आपको दुनिया के सबसे महान टेनिस खिलाड़ियों में से एक, नोवाक जोकोविच के साथ प्रशिक्षण का दुर्लभ अवसर मिलता है। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए एक सपने जैसा ही है। मारत शरीपोव के लिए यह सपना तब साकार हुआ जब उन्होंने सर्बिया में जोकोविच और मियोमीर केकमैनोविच जैसे सितारों के साथ अभ्यास किया। शरीपोव बताते हैं कि जोकोविच का अभ्यास सत्र अधिकतम डेढ़ घंटे का होता है, लेकिन यह अविश्वसनीय रूप से केंद्रित और उत्पादक होता है। जोकोविच इतने कम समय में भी अपनी सभी महत्वपूर्ण रणनीतियों और तकनीकों को इतनी कुशलता से निखार लेते हैं कि यह दर्शाता है कि गुणवत्ता, मात्रा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होती है। शायद यही वह रहस्य है जिससे वह इतने कम समय में इतना कुछ साध लेते हैं!
और यहाँ आता है वह दिलचस्प मोड़: इस प्रशिक्षण के ठीक एक हफ़्ते बाद, नोवाक जोकोविच ने जिनेवा में अपना 100वाँ करियर ख़िताब जीता। क्या शरीपोव को इसमें अपनी “भागीदारी” महसूस हुई? शरीपोव हँसते हुए कहते हैं, “नहीं… मुझे नहीं लगता।” यह उनकी विनम्रता है, लेकिन इसमें एक सूक्ष्म सत्य भी छिपा है – कभी-कभी एक छोटे से पल का प्रभाव दूरगामी होता है, भले ही हम उसे सीधे श्रेय न दे पाएँ। शायद ब्रह्मांड ने एक संक्षिप्त, शक्तिशाली प्रशिक्षण सत्र के बाद अपनी ऊर्जाओं को संरेखित कर दिया हो – आखिर, कोर्ट पर कुछ भी संभव है!
तकनीक से परे: मानसिक `बूस्ट` का महत्व
जब शरीपोव से पूछा गया कि जोकोविच जैसे खिलाड़ी के साथ प्रशिक्षण से उन्हें सबसे ज़्यादा क्या फ़ायदा हुआ – तकनीक, शारीरिक फिटनेस या मनोविज्ञान? उनका जवाब सीधा और स्पष्ट था: “वास्तव में, मनोविज्ञान के लिए इस तरह के प्रशिक्षण सबसे अधिक `बूस्ट` देते हैं।”
यह शायद टेनिस की सबसे बड़ी अनकही सच्चाइयों में से एक है। जब एक शीर्ष खिलाड़ी आपके खेल की सराहना करता है, जब वह कहता है कि आपके पास `अच्छा पोटेंशियल` है या `भविष्य में उच्च स्तर पर खेलने के लिए अच्छे शॉट्स` हैं, तो यह बात किसी भी नए फॉरहैंड ड्रिल या घंटे भर की शारीरिक कसरत से कहीं ज़्यादा मूल्यवान होती है। शरीपोव बताते हैं, “यह प्रेरणा बढ़ाता है, क्योंकि फिर आप `चैलेंजर` टूर्नामेंट खेलने जाते हैं और सोचते हैं: `अगर मैंने अभी टॉप-100 के खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण लिया है, तो मैं वहाँ अच्छा क्यों नहीं खेल सकता?` ऐसी ट्रेनिंग के बाद अच्छा प्रदर्शन करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।” यह एक अद्भुत मनोवैज्ञानिक खेल है। किसी दिग्गज द्वारा आपकी क्षमता को पहचानना आपके आत्मविश्वास में वह `बूस्ट` भर देता है जिसकी आपको सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। अचानक, बाधाएं छोटी लगने लगती हैं और आत्मविश्वास का स्तर आसमान छूने लगता है। यह सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में भी आपकी सोच को बदल देता है। यह अहसास कि `अगर वह कहते हैं कि मैं कर सकता हूँ, तो मैं सचमुच कर सकता हूँ!`, किसी भी ट्रॉफी से कम नहीं होता।
सर्बियाई कनेक्शन: दोस्ती और सीखने का सिलसिला
जोकोविच ही एकमात्र शीर्ष खिलाड़ी नहीं थे जिनके साथ शरीपोव ने प्रशिक्षण लिया। उन्होंने मियोमीर केकमैनोविच, हमाद मेजेडोविच (जो उनके बचपन के दोस्त भी हैं), दुसान लाजोविच, फिलिप क्रायिनोविच और लास्लो डजेरे जैसे कई अन्य खिलाड़ियों के साथ भी कोर्ट साझा किया। यह दर्शाता है कि शीर्ष खिलाड़ियों के नेटवर्क में शामिल होना कितना महत्वपूर्ण है। उनके कोच इन प्रशिक्षण सत्रों की व्यवस्था करते हैं, जिससे शरीपोव को लगातार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ सीखने और अपने खेल को निखारने का अवसर मिलता है। आखिर, टेनिस में कौन नहीं चाहेगा कि उसका नेटवर्क टॉप-50 और उससे भी आगे तक फैला हो?
हमाद मेजेडोविच के साथ उनका रिश्ता ख़ास है, क्योंकि वे बचपन में जूनियर ग्रैंड स्लैम में युगल खेलते थे और एक ही अकादमी में थे। यह न केवल प्रतिस्पर्धा का स्वस्थ माहौल बनाता है, बल्कि दोस्ती और एक-दूसरे के खेल को समझने की गहराई भी प्रदान करता है। कोर्ट पर प्रतिद्वंद्वी और कोर्ट के बाहर दोस्त, यह खिलाड़ियों के विकास के लिए एक आदर्श समीकरण है।
निष्कर्ष: सफलता की राह में प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ
मारत शरीपोव का अनुभव हमें सिखाता है कि खेल में सफलता केवल शारीरिक कौशल और तकनीकी महारत से नहीं मिलती। इसके लिए एक मजबूत मानसिक दृढ़ता, अटूट आत्मविश्वास और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। नोवाक जोकोविच जैसे दिग्गजों के साथ प्रशिक्षण, भले ही वह समय में संक्षिप्त क्यों न हो, एक युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा का एक प्रकाशस्तंभ बन सकता है। यह उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि वे भी शीर्ष पर पहुँच सकते हैं, और यह सोच ही उन्हें अगले स्तर तक ले जाती है। अंततः, खेल सिर्फ स्कोरबोर्ड का खेल नहीं है; यह मन का खेल भी है, जहाँ एक महान खिलाड़ी के कुछ शब्द आपके पूरे करियर की दिशा बदल सकते हैं और आपको अपने सपनों के करीब ले जा सकते हैं।