
सिंगापुर में हाल ही में संपन्न हुई विश्व एक्वेटिक्स चैंपियनशिप में, इटली की युवा तैराक सारा कर्टिस ने 100 मीटर फ्रीस्टाइल फाइनल में आठवाँ स्थान हासिल करके अपने देश का गौरव बढ़ाया। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी, विशेषकर एक ऐसे खेल में जहाँ वैश्विक प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र होती है। हालांकि, इस खेल प्रदर्शन के बाद, सारा को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कुछ अप्रत्याशित और घिनौने हमलों का सामना करना पड़ा, जिससे खेल के मैदान से बाहर की एक कड़वी सच्चाई सामने आई।
ऑनलाइन नफरत और उसकी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर कुछ `सज्जनों` ने सारा कर्टिस के इतालवी रिकॉर्डों को “नाइजीरियाई” कहना शुरू कर दिया, जो उनकी माँ के नाइजीरियाई मूल पर आधारित था। यह आरोप न केवल बेबुनियाद था, बल्कि एक खिलाड़ी की पहचान और उसकी कड़ी मेहनत पर सीधा हमला भी था। इन टिप्पणियों ने सारा को गहरा दुख पहुँचाया, और उन्होंने अपनी भावनाओं को स्पष्ट शब्दों में व्यक्त किया।
“कुछ लोग लिखते हैं कि मेरे इतालवी रिकॉर्ड वास्तव में नाइजीरियाई हैं। ये ऐसे वाक्य हैं जो मुझे घृणा से भर देते हैं। इन महानुभावों को संविधान पढ़ना चाहिए, यह जानना चाहिए कि नागरिकता प्राप्त करने की आवश्यकताओं में से एक यह है कि कम से कम एक माता-पिता इतालवी होना चाहिए।”
सारा का यह जवाब, अपनी गरिमा और कानूनी स्पष्टता के साथ, उन लोगों के लिए एक करारा तमाचा था जो अज्ञानता और पूर्वाग्रह के अंधेरे में जीते हैं। उन्होंने अपनी पहचान को गर्व के साथ प्रस्तुत किया: “मेरे पिताजी इतालवी हैं, मेरी माँ नाइजीरिया में पैदा हुई थीं, जहाँ मैं कभी नहीं गई, लेकिन एक दिन ज़रूर जाऊँगी। दो अलग-अलग संस्कृतियों से जन्मी होना ही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।” यह कितनी विडंबना है कि एक खिलाड़ी को, जिसने अपने देश के लिए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए हैं, अपनी राष्ट्रीयता और योग्यता साबित करनी पड़ रही है। खेल की दुनिया में जहाँ प्रतिभा सर्वोपरि होनी चाहिए, वहाँ इस तरह के संकीर्ण विचार दुखद हैं।
एक चैंपियन का दृढ़ संकल्प
फाइनल में आठवाँ स्थान प्राप्त करने के बाद, सारा ने अपनी रेस पर भी टिप्पणी की। उन्होंने स्वीकार किया कि फाइनल से पहले वह थोड़ी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने इसे बेहतरीन तरीके से जीने की कोशिश की। उनका प्रदर्शन, जो उनके इतालवी रिकॉर्ड (53`02) से थोड़ा दूर था, फिर भी विश्व स्तर पर शीर्ष आठ में आना उनकी असाधारण प्रतिभा का प्रमाण है।
अपने भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बात करते हुए, सारा ने कहा कि वह “अपने दिमाग में जो कुछ भी है उसे हासिल करना चाहती हैं, और कड़ी मेहनत व प्रशिक्षण से वह यह कर पाएंगी।” यह कथन उनकी अडिग भावना और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह दिखाता है कि ऑनलाइन नफरत उन्हें विचलित नहीं कर पाई, बल्कि शायद उनके इरादों को और मजबूत कर गई।
भविष्य की ओर एक कदम
सारा कर्टिस सितंबर से अमेरिका के वर्जीनिया विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के लिए स्थानांतरित होंगी। यह कदम उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो उन्हें और अधिक विकसित होने तथा अपनी क्षमताओं को निखारने का अवसर देगा। एक युवा एथलीट के रूप में, उनका फोकस अपने खेल और व्यक्तिगत विकास पर बना हुआ है, चाहे ऑनलाइन दुनिया में कोई भी शोर क्यों न हो।
सारा कर्टिस की कहानी सिर्फ तैराकी की नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार करने, नफरत का सामना करने और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने की है। यह उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो खेल या जीवन के किसी भी क्षेत्र में रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों से जूझते हैं।