फ़िलीपींस में होने वाली FIVB वॉलीबॉल पुरुष विश्व चैंपियनशिप 2025 के लिए मंच तैयार हो चुका है, और इस बड़े टूर्नामेंट में एक ऐसी टीम भी शामिल होगी जिसकी कहानी महत्वाकांक्षा, दृढ़ संकल्प और वैश्विक पहचान की तलाश से भरी है: मिस्र की राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम। अफ्रीका की निर्विवाद बादशाह, मिस्र की टीम अब विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने के लिए कमर कस चुकी है। यह उनकी 11वीं विश्व चैंपियनशिप उपस्थिति होगी, और इस बार उनका लक्ष्य सिर्फ भागीदारी से कहीं बढ़कर है।
अफ्रीका के बेताज बादशाह: एक गौरवशाली इतिहास
मिस्र की वॉलीबॉल टीम का अफ्रीकी महाद्वीप पर दबदबा किसी से छिपा नहीं है। वे नौ बार अफ्रीकी चैंपियन का खिताब जीत चुके हैं, जिसकी शुरुआत 1976 में हुई और नवीनतम जीत 2023 में दर्ज की गई। दशकों से उनकी निरंतरता ने उन्हें CAVB (अफ्रीकी वॉलीबॉल परिसंघ) क्षेत्र में एक मजबूत प्रतिष्ठा दिलाई है। उनके घरेलू क्लब, जैसे अल अहली और ज़मालेक, विशाल प्रशंसक आधार रखते हैं और नियमित रूप से महाद्वीपीय खिताबों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह घरेलू ताकत ही राष्ट्रीय टीम की रीढ़ रही है, जिसने उन्हें क्षेत्रीय स्तर पर अजेय बनाया है। वर्तमान में, वे FIVB विश्व रैंकिंग में 22वें स्थान पर हैं, जो अफ्रीकी टीमों में सबसे ऊपर है, और इसी के आधार पर उन्होंने चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है।
वैश्विक मंच पर संघर्ष: क्षेत्रीय सफलता का नया आयाम
हालांकि, अफ्रीकी प्रभुत्व को वैश्विक सफलता में बदलना हमेशा एक कठिन चुनौती रही है। मिस्र का सर्वश्रेष्ठ विश्व चैंपियनशिप प्रदर्शन 2010 में आया था, जब वे 13वें स्थान पर रहे थे। तब से, वे किसी भी संस्करण में पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। उनके ओलंपिक में सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शन रियो 2016 में नौवां स्थान था। जबकि उन्होंने 2024 में चैलेंजर कप का खिताब जीता, FIVB के प्रमुख टूर्नामेंटों में गहराई तक जाना अभी भी उनके लिए एक दूर का सपना बना हुआ है। यह एक दिलचस्प विरोधाभास है: अफ्रीका के मैदानों पर उनका प्रभुत्व किसी राजा से कम नहीं, लेकिन विश्व मंच पर वे अभी भी अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। इस बार, यह विरोधाभास उनके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
बदलाव की बयार: रणनीतिक निवेश और कोचिंग क्रांति
मिस्र वॉलीबॉल फेडरेशन (EVBF) ने इस अंतर को पाटने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति अपनाई है। इसका मुख्य ध्यान खिलाड़ी विकास, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव और पेशेवर प्रगति पर है। इस प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम है, जिसने 2021 से पुरुष टीम में $300,000 से अधिक का निवेश किया है। इस सहायता का अधिकांश हिस्सा कोचिंग परियोजनाओं पर खर्च किया गया है, जिसमें कई अवधियों के लिए कोचिंग सहायता शामिल है।
विश्व स्तरीय मार्गदर्शन
मिस्र की टीम का नेतृत्व वर्तमान में जाने-माने हेड कोच मार्को बोनिट्टा कर रहे हैं, जिन्होंने 2002 में इतालवी महिला टीम को अपना पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब दिलाया था। उनकी उपस्थिति टीम को एक नई दिशा और अनुभव प्रदान कर रही है। हाल के वर्षों में, टीम ने FIVB-समर्थित कोचों जैसे फर्नांडो मुनोज़ और फ्लेवियो गुलिनेली (जिन्होंने सीनियर स्क्वाड के साथ काम किया) और पर्सी ऑनकेन (जिन्होंने युवा विकास कार्यक्रमों में योगदान दिया) के साथ भी काम किया है। यह सब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और रणनीति विकसित करने का प्रयास है।
खिलाड़ियों का विकास और भविष्य की योजना
फेडरेशन युवा और सीनियर स्तर के बीच के अंतर को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। खिलाड़ियों को मजबूत विदेशी लीगों में अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रशिक्षण संरचना, रिकवरी और प्रदर्शन निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी सुधार किए गए हैं। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य एक ऐसी टीम तैयार करना है जो शारीरिक और मानसिक रूप से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो। खिलाड़ी अब्देलरहमान एलहॉसिनी इस्सा जैसे युवा प्रतिभाएं इस विकास के प्रतीक हैं, जिन पर सबकी निगाहें होंगी।
विश्व चैंपियनशिप 2025: आगे की राह
2025 विश्व चैंपियनशिप में, मिस्र को पूल ए में ईरान, फ़िलीपींस और ट्यूनीशिया जैसी अनुभवी टीमों का सामना करना पड़ेगा। यह उनके लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर मेजबान फ़िलीपींस के खिलाफ खेलना।
- 14 सितंबर: ईरान
- 16 सितंबर: फ़िलीपींस
- 18 सितंबर: ट्यूनीशिया
ये सभी मैच पासे सिटी के एसएम मॉल ऑफ एशिया एरिना में होंगे। प्रत्येक मैच मिस्र की क्षमता और उनके विकास प्रयासों की अग्निपरीक्षा होगा। वर्षों की अफ्रीकी सफलता और हालिया विकास प्रयासों के समर्थन के साथ, मिस्र का लक्ष्य पिछले संस्करणों की तुलना में उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना और टूर्नामेंट में आगे बढ़ना है। यह केवल एक वॉलीबॉल टूर्नामेंट नहीं है; यह मिस्र के लिए वैश्विक वॉलीबॉल मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने का एक सुनहरा अवसर है। उनकी यात्रा प्रेरणादायक है, यह दिखाती है कि कड़ी मेहनत, सही रणनीति और अटूट दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। क्या मिस्र इस बार विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा पाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि वे इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।