मिलान का आरंभिक झटका: अलेग्री की नज़र में ‘खतरे की अनदेखी’ और आक्रामक रवैये का अभाव

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फुटबॉल जगत में, एक नई सीज़न की शुरुआत अक्सर उम्मीदों, उत्साह और नई रणनीति के वादों से भरी होती है। लेकिन कभी-कभी, यह उन गहरी समस्याओं को भी उजागर कर देती है जो पिछली सीज़न से विरासत में मिली होती हैं। एसी मिलान के लिए, सीरी ए (Serie A) के नए सीज़न का आगाज़ कुछ ऐसा ही रहा – निराशाजनक और चिंताजनक। एक नवोदित टीम क्रेमोनीज़ (Cremonese) के खिलाफ घरेलू मैदान पर हार ने न केवल प्रशंसकों को हतप्रभ कर दिया, बल्कि टीम के अनुभवी कोच मासिमिलियानो अलेग्री (Massimiliano Allegri) को भी अपनी टीम की मूलभूत कमियों पर खुलकर बात करने के लिए मजबूर कर दिया।

कोच अलेग्री की वापसी और कड़वी सच्चाई

अलेग्री ने वापसी पर मुस्कुराते हुए कहा था, “मैं एक साल से बेंच पर नहीं बैठा हूँ, उम्मीद है कि मैं ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा।” शायद यह केवल भावनात्मक क्षण को कम करने का उनका तरीका था, लेकिन परिणाम कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। पिछले सीज़न की निराशाजनक प्रदर्शन की `त्रासदीपूर्ण निरंतरता` नए सीज़न के पहले ही मैच में साफ नज़र आई। पुरानी आदतें, बार-बार दोहराई जाने वाली गलतियाँ – ये सभी मैदान पर मौजूद थीं।

विशेष रूप से दो मुख्य समस्याएँ सामने आईं:

  1. एक सुसंगठित और मज़बूत रक्षात्मक टीम को भेदने में अक्षमता।
  2. एक बेहद कमज़ोर और आसानी से टूट जाने वाली रक्षा पंक्ति।

अलेग्री ने स्वीकार किया कि इन स्थितियों के लिए कोच की ज़िम्मेदारी होती है, लेकिन उन्होंने खिलाड़ियों की व्यक्तिगत गलतियों पर भी ज़ोर दिया। उनका कहना था, “हम ऐसे दो गोल नहीं खा सकते। हम खतरे को भांप नहीं पाते।” यह केवल एक बयान नहीं, बल्कि एक गहरी तकनीकी समस्या की ओर इशारा था।

`खतरे की पहचान` – एक मूलभूत आवश्यकता

फुटबॉल में, `खतरे की पहचान` (Perception of Danger) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसका सीधा अर्थ है कि खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि कब विरोधी टीम गोल करने की स्थिति में है, कब बचाव में अतिरिक्त प्रयास की ज़रूरत है, और कब संभावित खतरे को पहले ही भांपकर उसे निष्प्रभावी करना है। अलेग्री ने साफ शब्दों में कहा:

“हमने गोल पर बहुत शॉट लगाए, लेकिन असली फर्क उस आक्रामक रवैये से आता है जिससे आप हमला करते हैं और खासकर जिससे आप बचाव करते हैं। हमने दो ऐसे गोल खाए जो थोड़ी और सावधानी और आक्रामक रवैये से टाले जा सकते थे। हमें खतरे को भांपने की क्षमता में सुधार करना होगा, क्योंकि हम इसे भांप नहीं पाते: पेनल्टी एरिया में, पाँच के मुकाबले तीन खिलाड़ी होने पर भी, विरोधी खिलाड़ी अकेला नहीं कूद सकता।”

उनकी टिप्पणी, “हमें मैच को थोड़ा `गंदा` (sporche) खेलने के लिए भी तैयार रहना चाहिए, क्योंकि अगर हम हर मैच को केवल `साफ` खेलने की कोशिश करेंगे तो हमें मज़बूती नहीं मिलेगी,” भारतीय क्रिकेट के संदर्भ में `पिच पर टिके रहना` या `गेंद को सम्मान देना` जैसे मुहावरों की याद दिलाती है। फुटबॉल में `गंदा` खेलने का मतलब बेईमानी नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से मज़बूत, दृढ़ और हर गेंद के लिए लड़ने वाला खेल दिखाना है, जहाँ विरोधी को आसानी से खेलने न दिया जाए।

व्यक्तिगत त्रुटियाँ बनाम सामरिक मुद्दे

अलेग्री ने खिलाड़ियों की व्यक्तिगत त्रुटियों को भी रेखांकित किया: पावलॉविक (Pavlovic) द्वारा गलत शॉट मारना, एस्टुपिनन (Estupinan) का गेंद पर नियंत्रण खोना, फोफाना (Fofana) का लक्ष्य से चूकना, और गिमेनेज़ (Gimenez) का गेंद को सही से बचा न पाना। यह सब मिलकर एक सामूहिक समस्या की ओर इशारा करता है – टीम में गुणवत्ता की कमी (lack of quality)। यह एक ऐसा क्षण था जब कोच एक तरह से कह रहे थे, “देखो, मैं रणनीति बना सकता हूँ, लेकिन अगर खिलाड़ी बुनियादी गलतियाँ करते रहेंगे, तो मैं क्या करूँ?” यह ठीक वैसा ही है जैसे एक अनुभवी शेफ बेहतरीन रेसिपी बनाए, लेकिन रसोइए नमक और चीनी में अंतर न कर पाएँ!

आगे की राह: क्या मिलान सीखेगा?

बिना किसी यूरोपीय प्रतियोगिता के, यह सीज़न मिलान के लिए घरेलू लीग पर ध्यान केंद्रित करने का एक सुनहरा अवसर माना जा रहा था। लेकिन नवोदित टीम के खिलाफ घर में मिली इस हार ने `अप्रत्याशित` विचारों को जन्म दिया है। प्रशंसकों के कमेंट्स में भी निराशा और अलेग्री की रणनीतियों पर सवाल साफ झलकते हैं। कुछ ने तो अलेग्री के पुराने क्लब जुवेंटस (Juventus) के दिनों की तुलना करते हुए कहा कि `खतरे को न भांपने` की यह समस्या उनके साथ जुवेंटस में भी थी।

यह केवल एक फुटबॉल मैच की हार नहीं है, बल्कि एक गहरी सोच की ज़रूरत का संकेत है। मिलान को न केवल अपनी रक्षात्मक सतर्कता बढ़ानी होगी, बल्कि हमले और बचाव दोनों में एक नई, अधिक `आक्रामक` और दृढ़ मानसिकता विकसित करनी होगी। “खतरे की पहचान” करना केवल मैदान पर खिलाड़ियों का काम नहीं, बल्कि टीम की समग्र मानसिकता और प्रशिक्षण का परिणाम है। अगर मिलान इस मूलभूत पाठ को सीख लेता है, तो शायद यह कड़वी हार उनके लिए एक नई शुरुआत का संकेत बन जाए। अगर नहीं, तो यह सीज़न भी पिछले की तरह ही `खतरे की अनदेखी` में गुज़र सकता है।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।