थाईलैंड में चल रही FIVB वॉलीबॉल महिला विश्व चैंपियनशिप 2025 में इटली की टीम ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित की है। विश्व की नंबर एक टीम इटली ने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए जर्मनी को आठवें फाइनल के मुकाबले में 3-0 से करारी शिकस्त दी और सीधे क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि इटली के वॉलीबॉल प्रभुत्व का एक और प्रमाण है, जिसने टूर्नामेंट में अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है।
जर्मनी पर अदम्य प्रहार: एकतरफा मुकाबले की कहानी
बैंकॉक में खेले गए इस निर्णायक मुकाबले में इटली ने जर्मनी को तीन सीधे सेटों में (25-22, 25-18, 25-11) से हराया। मैच की शुरुआत से ही इटली ने आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया, जिससे जर्मन टीम को संभलने का मौका ही नहीं मिला। पहले सेट में जर्मनी ने कुछ हद तक टक्कर दी और स्कोर को करीब रखा, लेकिन इटली की अनुभवी खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण क्षणों में संयम बनाए रखते हुए इसे अपने पक्ष में कर लिया। अगले दो सेटों में इटली की श्रेष्ठता स्पष्ट दिखाई दी, खासकर आखिरी सेट में, जहाँ जर्मनी पूरी तरह से दबाव में बिखर गई। ऐसा लगा मानो इटली ने वॉलीबॉल कोर्ट को अपनी `कला प्रदर्शन` का मंच बना लिया था, जहाँ हर शॉट एक ब्राइट स्ट्रोक था और हर ब्लॉक एक मजबूत दीवार।
पाओला एगोनू: इटली की जीत की धुरी और प्रदर्शन का शिखर
इस शानदार जीत की शिल्पकार रहीं इटली की स्टार खिलाड़ी, अपोजिट पाओला एगोनू। उन्होंने अकेले 21 अंक अर्जित किए, जो मैच में किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सर्वाधिक अंक थे। एगोनू ने टीम के कुल 48 अटैक पॉइंट्स में से एक तिहाई योगदान दिया, साथ ही 9 किल ब्लॉक्स में से 4 और 2 एसेस में से 1 भी उनके नाम रहा। एगोनू कोर्ट पर उतरते ही विरोधियों के लिए एक `संकट` बन जाती हैं, जिसकी वजह उनकी अप्रत्याशित शक्ति और सटीकता है।
उनके अलावा, 21 वर्षीय आउटसाइड हिटर स्टेला नेरविनी ने 11 अंक और मिडिल ब्लॉकर सारा फार ने 10 अंक का महत्वपूर्ण योगदान दिया। फार ने मैच-विनिंग पॉइंट भी अपने नाम किया, जो 82% की प्रभावशाली सफलता दर के साथ एक जोरदार `फर्स्ट-टेम्पो स्विंग` था। उनकी सटीकता और खेल की समझ अद्भुत थी, जिसने इटली को एक निर्णायक बढ़त दिलाई।
अभूतपूर्व विजयी स्ट्रीक: 33 लगातार जीत का सिलसिला
यह जीत इटली की आधिकारिक मैचों में लगातार 33वीं विजय थी! यह अविश्वसनीय स्ट्रीक जून 2024 से शुरू हुई थी और उन्हें पेरिस 2024 में ओलंपिक खिताब तथा लगातार दो वॉलीबॉल नेशंस लीग ट्रॉफी तक ले गई है। इस स्ट्रीक को देखकर तो ऐसा लगता है मानो इटली ने वॉलीबॉल में हारना ही छोड़ दिया हो; विरोधी टीमें शायद अब इटली के खिलाफ कोर्ट में उतरने से पहले `शुभकामनाएँ` के बजाय `ईश्वर हमारी रक्षा करे` प्रार्थना करती होंगी!
इटली की आउटसाइड हिटर मिरियम सिला, जिन्होंने इस मैच में आठ अंक जोड़े, ने जीत के बाद अपनी विनम्रता का परिचय देते हुए कहा:
यह कथन उनकी टीम की एकाग्रता और सामूहिक भावना को दर्शाता है, जहाँ हर खिलाड़ी एक ही दिशा में अग्रसर है, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए।
जर्मनी का संघर्ष और भविष्य की उम्मीदें
जर्मनी की टीम ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन वे इटली के आगे कमजोर पड़ गए। उनके पास 30 सफल स्विंग्स, पांच किल ब्लॉक और कोई ऐस नहीं था, जबकि इटली ने हर स्कोरिंग एलिमेंट में उन्हें पछाड़ दिया। हालांकि, जर्मनी ने इटली के बराबर 16 अनफोर्स्ड एरर किए, जिससे पता चलता है कि दबाव दोनों टीमों पर था। जर्मनी की आउटसाइड हिटर लीना अल्समीयर ने 10 अंक बनाए, जो उनकी टीम की तरफ से दोहरे अंक तक पहुंचने वाली एकमात्र खिलाड़ी थीं।
अल्समीयर ने हार के बाद अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा:
हालांकि, अल्समीयर ने भविष्य के लिए आशा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह नए ओलंपिक चक्र का पहला वर्ष है और टीम ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। उनके पास कई युवा खिलाड़ी हैं और वे एक नई टीम बना रहे हैं, जो भविष्य में और मजबूत होकर वापसी करेगी। यह हार उनके लिए एक सीखने का अनुभव है, और वे इसे एक कदम आगे बढ़ने के तौर पर देख रहे हैं।
अगला कदम: क्वार्टरफाइनल की चुनौती
अब इटली का सामना क्वार्टरफाइनल में पोलैंड और बेल्जियम के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। जिस तरह की फॉर्म में इटली की टीम है, उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि उन्हें हराना किसी भी टीम के लिए पहाड़ चढ़ने जैसा होगा। वॉलीबॉल प्रेमियों को अगले रोमांचक मुकाबले का बेसब्री से इंतजार है, जहाँ इटली अपनी अदम्य यात्रा जारी रखने की पूरी कोशिश करेगा। क्या कोई टीम इस विजयी रथ को रोक पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि इटली का विजय रथ कहाँ तक जाता है!