माराथन के सुनहरे रेत पर उगते युवा सितारे: FIVB सशक्तिकरण का कमाल

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ग्रीस के ऐतिहासिक शहर माराथन में हाल ही में संपन्न हुई BVA U20 बीच वॉलीबॉल बाल्कन चैंपियनशिप युवा प्रतिभाओं के लिए एक ऐसा मंच साबित हुई, जहाँ अथक प्रयास और सही निवेश के अद्भुत परिणाम देखने को मिले। इस रोमांचक प्रतियोगिता में, FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम द्वारा समर्थित दो राष्ट्रों – ग्रीस और मोल्दोवा – ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल छह उपलब्ध पोडियम स्थानों में से आधे पर कब्जा जमाया। यह केवल पदकों की संख्या की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस दूरदर्शिता की कहानी है, जिसने युवा एथलीटों को उनके सपनों को साकार करने में मदद की है।

सशक्तिकरण की शक्ति: एक निवेश जो रंग लाया

FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम खेल के विकास और उभरती प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एक ऐसी रणनीति है जो केवल वर्तमान में नहीं, बल्कि भविष्य में भी लाभांश देती है। इस कार्यक्रम के तहत, ग्रीस के बीच वॉलीबॉल विभाग को अपने राष्ट्रीय युगल खिलाड़ियों के लिए कुल 262,500 अमेरिकी डॉलर का महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। यह राशि कोई छोटी-मोटी मदद नहीं, बल्कि एक गंभीर निवेश है, जिसने कोचों कॉन्स्टेंटिनोस पोथिटाकिस और एफ्स्टाथियोस चांद्रिनोस के मार्गदर्शन में एथलीटों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाया। वहीं, मोल्दोवा, जो बीच वॉलीबॉल के मानचित्र पर शायद उतना प्रमुख नाम नहीं है, को अपने राष्ट्रीय टीमों के लिए 42,000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्राप्त हुआ है। यह राशि उन्हें बुल्गारियाई कोच व्लादिमीर ओरलोव के नेतृत्व में अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करती है। देखा जाए तो, ये आंकड़े केवल वित्तीय सहायता नहीं दर्शाते, बल्कि यह विश्वास और प्रतिबद्धता दिखाते हैं कि सही समर्थन से छोटी टीमें भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं और जीत हासिल कर सकती हैं।

महिला वर्ग: ग्रीस का अजेय अभियान और मोल्दोवा की वापसी

महिला वर्ग की प्रतियोगिता में, ग्रीस की एलेनी एलेक्सोग्लो और मायर्टो पास्चालाकी ने अपनी प्रतिद्वंद्वियों पर पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण पदक पर कब्जा किया, जो उनके असाधारण कौशल और टीम वर्क का प्रमाण था। सेमीफाइनल में, उन्होंने हमवतन ऐकाटेरिनी लिओफ्टी और किरियाकी कौकौडिट्स्का को 2-0 (21-7, 21-18) से हराया, जिससे पता चलता है कि वे कितनी आत्मविश्वास से भरी थीं। स्वर्ण पदक मुकाबले में, उन्होंने तुर्किये की सू सिमदिम और बहार डोगन को भी 2-0 (21-19, 21-14) से मात दी। इस प्रदर्शन ने न केवल ग्रीस को गौरव दिलाया, बल्कि यह भी दिखाया कि जब प्रतिभा को सही पोषण मिलता है, तो वह कैसे चमक सकती है।

मोल्दोवा की डारिया उसातोवा और वालेरिया घेर्मन ने कांस्य पदक जीतकर सबको चौंका दिया। सेमीफाइनल में तुर्किये से 2-0 (21-16, 21-8) से हारने के बाद, उन्होंने हार नहीं मानी। कांस्य पदक मुकाबले में, उन्होंने ग्रीस की लिओफ्टी और कौकौडिट्स्का के खिलाफ 2-0 (22-20, 21-19) की एक बेहद कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की। यह वापसी उनकी दृढ़ता और जीतने की इच्छा का एक शानदार उदाहरण था।

पुरुष वर्ग: बुल्गारिया का संघर्षपूर्ण स्वर्ण और मोल्दोवा का एक और कांस्य

पुरुष वर्ग की प्रतियोगिता भी उतनी ही रोमांचक रही। बुल्गारिया के जाहरी ज़गुरोव और जॉर्ज एंटोव ने स्वर्ण पदक पर कब्जा किया, लेकिन उनका सफर आसान नहीं था। पूल स्टेज में वे बिना कोई सेट गंवाए आगे बढ़े, पर फाइनल तक पहुंचने के लिए उन्हें दो निर्णायक टाई-ब्रेकर से जूझना पड़ा। सेमीफाइनल में, उन्होंने मोल्दोवा के डैनियल डिडोरसियुक और एलेक्सेई उसतोव के मजबूत प्रतिरोध को पार करते हुए 2-1 (18-21, 21-16, 15-12) से वापसी की। स्वर्ण पदक के लिए हुए कड़े मुकाबले में, बुल्गारियाई जोड़ी ने तुर्किये के तूना इम्दाद और बारिस गुडाली के खिलाफ एक साँस रोक देने वाली 2-1 (21-19, 22-24, 17-15) जीत दर्ज की। यह जीत उनकी मानसिक शक्ति और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता का प्रमाण थी।

पुरुष वर्ग में भी मोल्दोवा ने पोडियम पर अपनी जगह बनाई। डैनियल डिडोरसियुक और एलेक्सेई उसतोव ने सेमीफाइनल में हारने के बाद हिम्मत नहीं हारी। कांस्य पदक मुकाबले में, उन्होंने तुर्किये के नेवज़ात कान इरोल और पोलाट केमल एसर को 2-0 (21-19, 21-15) से हराकर दक्षिण यूरोपीय जोनल पोडियम पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मोल्दोवा के लिए दो कांस्य पदक एक बड़ी उपलब्धि थी, जो FIVB सशक्तिकरण कार्यक्रम के सीधे प्रभाव को दर्शाता है।

एक उज्जवल भविष्य की ओर

माराथन में आयोजित यह BVA U20 बीच वॉलीबॉल बाल्कन चैंपियनशिप सिर्फ युवा एथलीटों के बीच प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं थी, बल्कि यह खेल के वैश्विक विकास में रणनीतिक निवेश की सफलता की कहानी भी थी। बुल्गारिया, ग्रीस, कोसोवो, मोल्दोवा, रोमानिया, सर्बिया और तुर्किये के आठ महिला और आठ पुरुष टीमों ने इस चैंपियनशिप में भाग लिया, जो क्षेत्रीय स्तर पर बीच वॉलीबॉल के बढ़ते दायरे को दर्शाता है। FIVB सशक्तिकरण कार्यक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सही दिशा में किया गया निवेश और समर्पित कोचिंग, छोटे राष्ट्रों को भी अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर चमकने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इन युवा सितारों ने माराथन के सुनहरे रेत पर जो चमक बिखेरी है, वह निश्चित रूप से आने वाले समय में बीच वॉलीबॉल के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल संकेत है।

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धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।