लुसियानो डी सेको: वॉलीबॉल के मैदान का वो जादूगर, जिसने रचा इतिहास!

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वॉलीबॉल की दुनिया में जहां हर खिलाड़ी अपने देश के लिए एक बार विश्व चैंपियनशिप खेलने का सपना देखता है, वहीं एक नाम ऐसा भी है जिसने इसे नहीं, बल्कि इतिहास को ही अपना खेल बना लिया है। हम बात कर रहे हैं अर्जेंटीना के महान सेटर लुसियानो डी सेको की, जिन्होंने हाल ही में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो किसी भी खिलाड़ी – पुरुष या महिला – ने पहले कभी नहीं किया। फिलिपिंस के क्वेज़ोन सिटी में चल रही 2025 FIVB वॉलीबॉल पुरुष विश्व चैंपियनशिप में फिनलैंड के खिलाफ अर्जेंटीना के उद्घाटन मैच में, 37 वर्षीय डी सेको ने लगातार अपनी छठी विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया।

मैच का रोमांच और डी सेको का जादुई प्रवेश

यह मैच खुद एक नाटकीय कहानी थी। अर्जेंटीना ने फिनलैंड के खिलाफ पहले दो सेट गंवा दिए थे। स्थिति गंभीर थी, और कोच मार्सेलो रोडोल्फो मेंडेज़ ने युवा माटियास सांचेज़ पेजेस को शुरुआती लाइनअप में चुना था। लेकिन जब टीम दो सेटों से पिछड़ गई, तो उन्हें पता था कि उनके पास एक गुप्त हथियार है – अनुभवी डी सेको। तीसरे सेट से मैदान में उतरते ही, डी सेको ने अपनी असाधारण सूझबूझ और शांत स्वभाव से खेल का रुख ही बदल दिया। उनकी उपस्थिति ने टीम में नई ऊर्जा भर दी और अर्जेंटीना ने 3-2 (19-25, 18-25, 25-22, 25-22, 15-11) से शानदार वापसी करते हुए मैच जीत लिया। यह किसी ऐसे व्यक्ति का प्रभाव था जिसने खेल को दशकों तक जिया है, न कि सिर्फ खेला है।

अतुलनीय लंबी पारी: एक ऐसा रिकॉर्ड जो अटूट लगता है

लगातार छठी विश्व चैंपियनशिप में भाग लेना कोई छोटी बात नहीं है; यह एक खिलाड़ी के अटूट समर्पण, शारीरिक फिटनेस और खेल के प्रति जुनून का प्रमाण है। 19 साल से अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व कर रहे डी सेको ने 2006 में 18 साल की उम्र में अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप खेली थी। उसके बाद 2010, 2014, 2018 और 2022 में भी वे अर्जेंटीना की नीली-सफेद जर्सी में मैदान पर उतरे। प्रत्येक बार, उन्होंने न केवल अपनी टीम का नेतृत्व किया, बल्कि अपने असाधारण खेल से लाखों प्रशंसकों का दिल भी जीता। उनकी यह निरंतरता उन्हें वॉलीबॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक बनाती है।

ओलंपिक से क्लब तक: एक शानदार करियर का सफर

विश्व चैंपियनशिप के मंच पर भले ही अर्जेंटीना को अभी तक पोडियम स्थान नहीं मिला हो, लेकिन डी सेको की कप्तानी में टीम ने टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। यह उनकी नेतृत्व क्षमता का स्पष्ट प्रमाण है। वे लगातार चार ओलंपिक खेलों – लंदन 2012, रियो 2016, टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 – में भी हिस्सा ले चुके हैं।

क्लब स्तर पर भी डी सेको का करियर उतना ही शानदार रहा है। उन्होंने इटली और पोलैंड जैसे देशों की शीर्ष लीगों में खेला है, जहाँ उन्होंने:

  • तीन इतालवी सेरी ए खिताब
  • चार इतालवी कप ट्रॉफियां
  • CEV चैंपियंस लीग और FIVB क्लब विश्व चैंपियनशिप में पोडियम स्थान

वर्तमान में वे पोलिश क्लब Steam Hemarpol Politechnika Częstochowa से जुड़े हैं, और वहां भी उनका जादू बरकरार है।

लुसियानो डी सेको: वॉलीबॉल कोर्ट पर अनुभव का वरदान

कई बार तो ऐसा लगता है कि डी सेको ने वॉलीबॉल को केवल खेलना नहीं, बल्कि उसे साँसों में बसा लिया है। उनकी उम्र 37 है, और जिस तरह से वे कोर्ट पर खेल को नियंत्रित करते हैं, वह किसी नौजवान खिलाड़ी के लिए भी ईर्ष्या का विषय हो सकता है। उन्हें पहले दो सेटों में बेंच पर बिठाना शायद कोच की एक रणनीतिक चाल थी, या हो सकता है कि वे डी सेको के “अदृश्य” जादू को थोड़ा देर से इस्तेमाल करना चाहते थे – एक ऐसा जादू जो संकट के समय ही सबसे ज्यादा असर दिखाता है! उनकी उपस्थिति मात्र से ही टीम का मनोबल बढ़ता है, और उनकी हर चाल विपक्षी टीम के लिए एक पहेली बन जाती है। वे सिर्फ गेंदों को सेट नहीं करते, वे खेल को `पढ़ते` हैं और अपनी टीम के लिए जीतने का रास्ता बनाते हैं।

एक किंवदंती की विरासत और आगे की राह

लुसियानो डी सेको सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनकी यात्रा दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प, अनुभव और अटूट विश्वास के साथ, आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं और इतिहास रच सकते हैं। जैसे-जैसे अर्जेंटीना इस विश्व चैंपियनशिप में अपनी दूसरी पोडियम फिनिश का पीछा कर रहा है, कोच मेंडेज़ अच्छी तरह जानते हैं कि उनके पास डी सेको के रूप में एक अमूल्य रत्न और अनुभव का अथाह सागर है। क्या मनीला में डी सेको को उनके करियर का सबसे बड़ा “ताज” मिलेगा? यह तो समय बताएगा, लेकिन एक बात निश्चित है: लुसियानो डी सेको वॉलीबॉल के इतिहास में एक अमर किंवदंती के रूप में दर्ज हो चुके हैं और उनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।