गेमिंग की दुनिया एक सतत विकासशील क्षेत्र है, जहाँ ट्रेंड्स तेज़ी से बदलते हैं। हाल के वर्षों में `लाइव-सर्विस` (Live-Service) गेम्स का बोलबाला रहा है – ऐसे खेल जो लगातार नए कंटेंट, इवेंट्स और अपडेट्स के साथ खिलाड़ियों को लंबे समय तक जोड़े रखने का वादा करते हैं। पर क्या यह मॉडल हर गेम के लिए उपयुक्त है? बंगी (Bungie) जैसी दिग्गज गेमिंग कंपनी के पूर्व सीईओ, हेरोल्ड रेयान (Harold Ryan), का जवाब है `नहीं`।
`लाइव-सर्विस बबल` का फटना
रेयान, जिन्होंने `हेलो` (Halo) और `डेस्टिनी` (Destiny) जैसे सफल लाइव-सर्विस टाइटल को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, अब एक अलग नज़रिया पेश करते हैं। उनका मानना है कि गेमर्स अब अपने बटुए से बोल रहे हैं और यह बता रहे हैं कि लाइव-सर्विस मॉडल हर खेल के लिए “उपयुक्त नहीं” है। `सुसाइड स्क्वाड: किल द जस्टिस लीग` (Suicide Squad: Kill the Justice League) और `कॉन्कॉर्ड` (Concord) जैसे कई बड़े नामों की हालिया असफलताएँ इस बात की गवाही देती हैं कि शायद यह “बबल” अब फूटने लगा है। ऐसा लगता है, सिर्फ़ मुट्ठी भर लाइव-सर्विस गेम्स ही बाज़ार पर हावी हैं, जबकि बाकी संघर्ष कर रहे हैं या बंद हो रहे हैं।
“यह मॉडल कुछ खेलों के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन सभी खेलों के लिए नहीं,” रेयान ने GI.biz को बताया। “और मेरा मानना है कि उपभोक्ता हमें बता रहे हैं कि यह सभी उपभोक्ताओं के लिए उपयुक्त नहीं है।”
उनकी यह बात गेमिंग उद्योग में व्याप्त एक गंभीर चिंतन को दर्शाती है: क्या हम खिलाड़ी की पसंद से ज़्यादा बिज़नेस मॉडल को प्राथमिकता दे रहे हैं?
गेमर्स की बदलती पसंद: रेखीय अनुभव की वापसी
दिलचस्प बात यह है कि रेयान जैसे अनुभवी व्यक्ति मानते हैं कि कम कीमत वाले, अधिक रेखीय (linear) खेलों के लिए अब भी एक बड़ा बाज़ार है, जिन्हें खेलने के लिए बहुत अधिक समय की प्रतिबद्धता की आवश्यकता नहीं होती। `माफिया: द ओल्ड कंट्री` (Mafia: The Old Country) जैसे खेलों का $50 में लॉन्च होना इस बढ़ती हुई मांग का एक स्पष्ट संकेत है। खिलाड़ी केवल मनोरंजन चाहते हैं, न कि दूसरा फुल-टाइम जॉब, जहाँ उन्हें लगातार नए `सीज़न पास` खरीदने या नए `ग्राइंड` में घंटों बिताने पड़ें। यह उन गेमर्स के लिए एक ताज़ी हवा का झोंका है, जो एक पूरी कहानी का अनुभव करना चाहते हैं और फिर अगले गेम की ओर बढ़ना चाहते हैं, बिना किसी मासिक सदस्यता के बोझ के।
बिज़नेस मॉडल बनाम गेम का विचार: असली प्राथमिकता क्या है?
2016 में बंगी छोड़ने के बाद, रेयान ने `प्रॉबलीमॉन्स्टर्स` (ProbablyMonsters) नामक एक कंपनी की स्थापना की, जो गेम डेवलपर्स को शुरुआती चरण में सहायता प्रदान करती है। उनकी कंपनी ने हाल ही में दो नए गेम्स की घोषणा की है: एक रोग-लाइक एक्शन गेम `स्टॉर्म लांसर्स` (Storm Lancers) और एक मनोवैज्ञानिक हॉरर गेम `इरे: ए प्रोलॉग` (Ire: A Prologue)। ये दोनों ही `लाइव-सर्विस` श्रेणी में नहीं आते, जो रेयान की बदलती सोच को दिखाता है।
विडंबना देखिए, प्रॉबलीमॉन्स्टर्स ने ही `कॉन्कॉर्ड` के डेवलपर फायरवॉक स्टूडियोज को सोनी को बेचा था, जो बाद में विफल रहा और बंद हो गया। यह बताता है कि कभी-कभी, `लाइव-सर्विस` का तमगा ही डूबने का कारण बन सकता है, चाहे इरादे कितने भी नेक क्यों न हों। रेयान इस बात पर ज़ोर देते हैं कि एक डेवलपर को बिज़नेस मॉडल पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए। “टिकाऊ करियर और उद्योग के लिए, यह स्पष्ट है कि हम केवल एक बिज़नेस मॉडल चुनकर यह नहीं कह सकते कि यह गेम बनाने का एक कारण है,” वे कहते हैं। खेल का मूल विचार और उसके लक्षित दर्शक सबसे पहले आने चाहिए, बिज़नेस मॉडल बाद में।
गेमिंग उद्योग का यथार्थवादी चेहरा
बंगी भी हाल ही में बड़े बदलावों से गुज़री है, जिसमें कर्मचारियों की छंटनी और प्रमुख स्टूडियो पुनर्गठन शामिल है। बंगी का अगला गेम, `मैराथन` (Marathon), एक लाइव-सर्विस टाइटल है, जिसे सोनी का विश्वास है कि वह `कॉन्कॉर्ड` जैसा हश्र नहीं भुगतेगा। लेकिन गेम अनिश्चित काल के लिए विलंबित हो चुका है। सोनी और यूबीसॉफ्ट (Ubisoft) अभी भी लाइव-सर्विस में निवेशित हैं, लेकिन क्या वे उपभोक्ताओं की बढ़ती नाखुशी को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं?
रेयान के शब्दों में, “ऐसा लगता है कि वे उसी जगह पर हैं जहाँ उद्योग में लगभग हर कोई है, जहाँ पहले काम करने वाली और विश्वसनीय चीजें उतनी विश्वसनीय नहीं हैं।” यह कथन गेमिंग उद्योग के वर्तमान अस्थिर परिदृश्य का एक कटु सत्य है। जिन रणनीतियों ने अतीत में सफलता दिलाई, वे आज की बदलती बाज़ार की परिस्थितियों में उतनी प्रभावी नहीं रह गई हैं।
निष्कर्ष: सफलता का नया मंत्र
रेयान को उम्मीद है कि उद्योग भर के डेवलपर्स अपने खेलों के लिए एक “स्थिर व्यापार मॉडल” खोज सकते हैं, जो खिलाड़ियों को खुश करे और स्टूडियो को “बिल चुकाने” के लिए पर्याप्त राजस्व लाए। “हर कोई उद्योग में नंबर एक सबसे सफल गेम नहीं हो सकता,” उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे लगता है कि हम सभी सफल गेम शिप कर सकते हैं।”
यह एक सीधा-सा संदेश है: सफलता का मतलब केवल अधिकतम मुद्रीकरण नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की संतुष्टि और एक टिकाऊ रचनात्मक प्रक्रिया भी है। शायद अब समय आ गया है कि गेम डेवलपर्स सिर्फ़ सेवाएँ देने पर नहीं, बल्कि वास्तव में उत्कृष्ट गेम बनाने पर ध्यान केंद्रित करें – ऐसे गेम जो खिलाड़ियों को अपनी मौलिकता और गहराई से आकर्षित करें, न कि अंतहीन अपडेट और माइक्रो-ट्रांज़ैक्शन के वादों से। गेमिंग का भविष्य उन कहानियों और अनुभवों में निहित है जो सचमुच मायने रखते हैं, न कि सिर्फ़ एक बिज़नेस मॉडल के जाल में।