विश्व वॉलीबॉल के इतिहास में कुछ टीमें ऐसी हैं, जिनका नाम सुनते ही स्वर्णिम युग की यादें ताज़ा हो जाती हैं। क्यूबा की महिला वॉलीबॉल टीम `लास मोरेनास डेल कैरिबे` उन्हीं में से एक है। 2022 संस्करण में अनुपस्थित रहने के बाद, यह टीम अब 2025 FIVB महिला विश्व चैम्पियनशिप में धमाकेदार वापसी के लिए तैयार है। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट में भागीदारी नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के गौरव और एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहाँ अतीत की चमक को भविष्य की आकांक्षाओं से जोड़ा जाएगा।
गौरवशाली अतीत: जब क्यूबा का वॉलीबॉल में दबदबा था
क्यूबा की महिला वॉलीबॉल टीम का इतिहास उपलब्धियों से भरा पड़ा है, जो किसी भी खेल प्रेमी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे 1978, 1994 और 1998 में **तीन विश्व चैम्पियनशिप खिताब** जीतने वाली टीमों में से एक हैं, साथ ही 1986 में उन्होंने रजत पदक भी जीता था। लेकिन उनकी सबसे अविश्वसनीय उपलब्धि **ओलंपिक में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतना** है – बार्सिलोना 1992, अटलांटा 1996 और सिडनी 2000 में। वॉलीबॉल के इतिहास में किसी भी अन्य महिला टीम ने ऐसी लगातार जीत का रिकॉर्ड नहीं बनाया है, जो उनकी खेल क्षमता का अद्भुत प्रमाण है।
क्यूबा की टीम अपनी शारीरिक शक्ति, जबरदस्त आक्रमण और 1990 के दशक में बेजोड़ दबदबे के लिए जानी जाती थी। रेगुला टॉरेस, मिरेया लुईस और रेगुला बेल जैसी खिलाड़ियों ने उस युग को आकार दिया, जिसने खेल पर एक स्थायी छाप छोड़ी। उनकी खेल शैली में एक खास कैरिबियाई जोश था, जो विरोधियों को अक्सर मैदान पर ही पस्त कर देता था – मानो वे सिर्फ जीत के लिए नहीं, बल्कि अपने देश के सम्मान के लिए खेल रही हों।
कठिन दौर और नए सिरे से निर्माण की यात्रा
2018 विश्व चैम्पियनशिप में 22वें स्थान पर रहने और 2022 संस्करण में भाग न लेने के बाद, क्यूबा के वॉलीबॉल कार्यक्रम को एक लंबे पुनर्गठन दौर से गुजरना पड़ा। यह वह समय था जब प्रशंसकों को लग रहा था कि उनका गौरवशाली अतीत कहीं धुंधला न पड़ जाए और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी पहचान धूमिल हो रही है। लेकिन अब, एक नई पीढ़ी उभर रही है, जिसमें 2024 महिला U23 पैन अमेरिकन कप जीतने वाली टीम के कई युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल हैं। यह जीत एक स्पष्ट संकेत है कि क्यूबा का वॉलीबॉल फिर से उठ खड़ा होने को तैयार है, अपनी जड़ों से प्रेरणा लेकर।
थाईलैंड में होने वाली चैम्पियनशिप में जिन युवा खिलाड़ियों पर निगाहें होंगी, उनमें **लिसानिया ग्राफोर्ट** (2024 U23 पैन अमेरिकन कप की MVP), सेटर **ग्रेटेल मोरेनो** और मिडिल ब्लॉकर्स **जेसिका अगुइलेरा** और **लॉरा सुआरेज़** शामिल हैं। ये सभी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय अनुभव के साथ टीम को मजबूती प्रदान कर रही हैं, और उम्मीद है कि ये ही भविष्य की `लास मोरेनास डेल कैरिबे` बनेंगी।
एक नया नेतृत्व: ब्राजीलियन गुरु की चुनौती और दूरदृष्टि
क्यूबा की टीम को थाईलैंड में नए मुख्य कोच **लूसिज़ोमर डी मौरा** का नेतृत्व मिलेगा, जिन्होंने टूर्नामेंट शुरू होने से कुछ ही हफ्ते पहले चार साल का अनुबंध किया है। अनुभवी ब्राजीलियाई कोच का रिज्यूमे काफी प्रभावशाली है, जिसमें केन्या, पेरू और ब्राजील की युवा राष्ट्रीय टीमों के साथ-साथ क्लब पावरहाउस ओसास्को को कोचिंग देने का अनुभव शामिल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह क्यूबा के अद्वितीय खेल स्वभाव को अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ कैसे जोड़ते हैं।
मौरा कहते हैं, “यह एक सम्मान की बात है कि मैं एक ऐसी परियोजना का नेतृत्व कर रहा हूँ, जिसका उद्देश्य क्यूबा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर वापस लाना और इतने सारे गौरवशाली इतिहास को फिर से स्थापित करना है।” वह आगे कहते हैं, “घोषणा के बाद से, मुझे उन प्रशंसकों के संदेश मिले हैं, जिन्होंने महान जीतें देखी हैं और क्यूबा वॉलीबॉल के सर्वश्रेष्ठ दिनों की वापसी की कामना करते हैं।” उनकी यह टिप्पणी दर्शाती है कि उन पर कितना दबाव और उम्मीदें हैं, और शायद थोड़ी सी इरोनी भी कि एक विदेशी कोच को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
FIVB का समर्थन और मिरेया लुईस की भावुक भूमिका
यह सब FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट सपोर्ट का हिस्सा है, जिसने क्यूबा के कार्यक्रम की सहायता के लिए तकनीकी कर्मचारियों को भी प्रदान किया है। लूसिज़ोमर के साथ सहायक कोच जेफरसन एरोस्टी, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग ट्रेनर जोआओ फिलिप, फिजियोथेरेपिस्ट थियागो मेनेजेस लेसा मोरीरा और टीम मैनेजर रॉबर्टो ओपिस नेटो जैसे विशेषज्ञ जुड़े हैं। यह टीम क्यूबा के खिलाड़ियों को आधुनिक वॉलीबॉल की सभी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, जैसे रिकवरी उपकरण, आंकड़े और प्रदर्शन विश्लेषण – वे उपकरण जिनकी उन्हें पहले कमी महसूस होती थी।
कोच **मिरेया लुईस** की भूमिका को भी रेखांकित करते हैं, जो क्यूबा की महिला वॉलीबॉल के सबसे बड़े नामों में से एक हैं और अब FIVB की कार्यकारी सदस्य हैं। मौरा कहते हैं, “मैक्सिको में पैन-अमेरिकन कप में, मैंने मिरेया को आंसू बहाते देखा। वह अपनी विरासत की रक्षा नहीं करना चाहती, बल्कि क्यूबा को फिर से शुरू करने में मदद करना चाहती है।” यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी के रूप में अपनी अविश्वसनीय विरासत को पीछे छोड़कर, अपने देश के लिए कुछ करने की उनकी ललक कितनी गहरी और निस्वार्थ है।
आगे का रास्ता: नई उम्मीदें, नई चुनौतियां
क्यूबा की महिला टीम को पूल बी में रखा गया है, जहां उनके पहले दौर के प्रतिद्वंद्वी **इटली, बेल्जियम और स्लोवाकिया** हैं। 22 अगस्त को थाईलैंड के फुकेट में बेल्जियम के खिलाफ उनका अभियान शुरू होगा, जिसके बाद 24 अगस्त को इटली और 26 अगस्त को स्लोवाकिया के खिलाफ मैच होंगे। यह प्रतियोगिता उनके लिए अपनी क्षमता साबित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान फिर से बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
क्यूबा के लिए, समय इससे अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। उभरती हुई युवा प्रतिभा और उनके विकास के पीछे नए समर्थन के साथ, टीम के पास ऐसा भविष्य बनाने का मौका है जो उनके शानदार अतीत का सम्मान करता है। थाईलैंड में उनकी चुनौती महत्वाकांक्षा को परिणामों में बदलना होगा, और ऐसा करके, क्यूबा के वॉलीबॉल इतिहास में एक नया अध्याय लिखने की दिशा में पहला कदम उठाना होगा। क्या `लास मोरेनास डेल कैरिबे` अपनी पुरानी चमक वापस ला पाएंगी, या फिर एक नए युग की शुरुआत करेंगी, जो अतीत से भी बढ़कर हो? यह देखना दिलचस्प होगा!