क्यूबा वॉलीबॉल: अदृश्य विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण की तलाश

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क्यूबा की पुरुष वॉलीबॉल टीम 2025 में FIVB वॉलीबॉल पुरुष विश्व चैम्पियनशिप में अपनी 17वीं भागीदारी दर्ज कराने को तैयार है। यह 1966 के बाद से उनकी लगातार 16वीं उपस्थिति है, जो खेल में उनकी निरंतरता का एक प्रभावशाली प्रमाण है। वे विश्व वॉलीबॉल के इतिहास में सबसे सुसंगत टीमों में से एक रहे हैं, जिन्होंने चार बार पोडियम पर जगह बनाई है और पांच बार सेमीफाइनल तक पहुंचे हैं। लेकिन, एक दुखद विडंबना यह है कि इन सभी सफलताओं और दशकों के अथक प्रयास के बावजूद, वह बहुप्रतीक्षित विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक अभी भी उनकी पहुँच से ठीक बाहर रहा है। यह एक दूर के सपने जैसा रहा है, जिसे छूने की ललक क्यूबा की हर नई पीढ़ी को प्रेरित करती रही है।

क्यूबा के खिलाड़ी रॉबर्टलैंडी साइमन वॉलीबॉल कोर्ट पर
क्यूबा के दिग्गज मिडिल ब्लॉकर रॉबर्टलैंडी साइमन, टीम की उम्मीदों का एक बड़ा आधार।

दशकों का संघर्ष: पोडियम पर पहचान, पर स्वर्ण की कमी

क्यूबा ने वॉलीबॉल विश्व चैम्पियनशिप में कई यादगार क्षण दिए हैं। 1990 और 2010 में उन्होंने दो बार रजत पदक जीतकर विश्व मंच पर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया। इसके अतिरिक्त, 1978 और 1998 में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने पुरुषों के वॉलीबॉल की शीर्ष टीमों में अपनी मजबूत स्थिति बनाई। 1994 में चौथा स्थान भी उनकी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन की कहानी कहता है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी, उन्होंने दुनिया की सबसे शक्तिशाली टीमों को कड़ी टक्कर दी है, यह साबित करते हुए कि वे किसी से कम नहीं। फिर भी, सबसे ऊपर का स्थान—सोने का तमगा—हमेशा एक कदम दूर रहा है। यह ऐसा है मानो इतिहास उन्हें बार-बार निर्णायक क्षणों में रोक लेता है, जिससे वह अंतिम गौरव उनसे दूर रहता है।

एक नई सुबह: बदलती रणनीति और दृढ़ संकल्प की गूंज

2022 में निराशाजनक 14वें स्थान पर रहने के बाद, इस बार क्यूबा एक मजबूत नींव और नए जुनून के साथ मैदान में उतर रहा है। हाल के परिणाम उनके उल्लेखनीय सुधार और विकास को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। 2025 वॉलीबॉल नेशंस लीग (VNL) में, उन्होंने ब्राजील और पोलैंड जैसी पूर्व विश्व चैंपियन और लगातार मजबूत दावेदार टीमों के खिलाफ प्रभावशाली जीत दर्ज की। यह केवल जीत नहीं थी, बल्कि एक घोषणा थी कि क्यूबा की टीम ने न केवल रणनीतिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी महत्वपूर्ण विकास किया है, और अब वे सबसे बड़े मंच पर सर्वश्रेष्ठ टीमों को चुनौती देने में पूरी तरह सक्षम हैं।

FIVB सशक्तिकरण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण योगदान

इस नई ऊर्जा और प्रगति के पीछे FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट प्रोग्राम का महत्वपूर्ण समर्थन है। 2023 और 2025 के बीच, क्यूबा को अपनी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 35,000 डॉलर की कोचिंग सहायता मिली। इस वित्तीय और तकनीकी सहायता ने उनके प्रशिक्षण प्रणालियों को बेहतर बनाने, खिलाड़ियों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने और एक ऐसी टीम में स्थिरता प्रदान करने में मदद की है, जिसके पास पहले से ही दुनिया के सबसे एथलेटिक खिलाड़ियों में से एक रोस्टर मौजूद है। यह निवेश केवल धन का नहीं, बल्कि क्यूबा के वॉलीबॉल के उज्जवल भविष्य में विश्वास का प्रतीक है।

अनुभवी नेतृत्व और विस्फोटक प्रतिभा का संगम

इस टीम के केंद्र में अनुभवी नेताओं और युवा, विस्फोटक प्रतिभा का एक बेहतरीन संयोजन है। सभी की निगाहें अनुभवी रॉबर्टलैंडी साइमन पर होंगी, जिन्हें अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन मिडिल ब्लॉकर्स में से एक माना जाता है। 37 साल की उम्र में उनकी वापसी टीम में अनुभव और एक ऐसी शक्तिशाली उपस्थिति लाती है जो आक्रमण और ब्लॉक दोनों को मजबूती देती है। उनके इर्द-गिर्द, आउटसाइड हिटर और कप्तान मिगुएल एंजेल लोपेज लगातार स्कोरिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं, जबकि मार्लोन यान्ट और ओस्नील मेल्गारेजो आक्रमण में संतुलन और गहराई प्रदान करते हैं। यह अनुभव और युवा ऊर्जा का मिश्रण है, जो किसी भी प्रतिद्वंद्वी के लिए एक घातक संयोजन हो सकता है।

क्षेत्रीय वर्चस्व से वैश्विक महत्वाकांक्षा तक की यात्रा

क्यूबा की वॉलीबॉल विरासत बेहद समृद्ध और मजबूत है। उन्होंने 16 बार NORCECA चैम्पियनशिप जीती है और पांच पैन अमेरिकन गेम्स स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं, जो इस क्षेत्र में उनके अजेय प्रभुत्व की पुष्टि करता है। उन्होंने 2022 चैलेंजर कप भी जीता, जिसने उन्हें VNL में अपनी जगह सुरक्षित करने में मदद की। ये उपलब्धियां क्यूबा में प्रतिभा की एक निरंतर और अटूट धारा को दर्शाती हैं – एक परंपरा जो आज भी जारी है, क्योंकि क्यूबा के युवा खिलाड़ी यूरोप की शीर्ष लीगों में अपनी छाप छोड़ने के बाद राष्ट्रीय कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए वापस लौटते हैं। यह एक ऐसा चक्र है जो उनकी राष्ट्रीय टीम को लगातार नई ऊर्जा और जोश देता रहता है।

आगे का रास्ता: पूल डी और निर्णायक मुकाबले

क्यूबा पूल डी में प्रतिस्पर्धा करेगा। उनका अभियान 13 सितंबर को पुर्तगाल के खिलाफ शुरू होगा, जिसके बाद 15 सितंबर को कोलंबिया और 17 सितंबर को संयुक्त राज्य अमेरिका से मुकाबला होगा। ये सभी मैच फिलीपींस के पासे सिटी में एसएम मॉल ऑफ एशिया एरिना में खेले जाएंगे। ये मुकाबले केवल मैच नहीं, बल्कि क्यूबा के लिए अपने दशकों पुराने सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम होंगे।

क्या इस बार सपना होगा सच?

एक ऐसे राष्ट्र के लिए जिसकी वॉलीबॉल में एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक पहचान है, विश्व चैम्पियनशिप क्यूबा को उस एकमात्र खिताब का पीछा करने का मौका देती है जो लंबे समय से उनसे दूर रहा है। यह क्यूबा के वॉलीबॉल को उस स्थान पर वापस लाने का भी एक स्वर्णिम अवसर है जहाँ उनका मानना है कि वे वास्तविक रूप से संबंधित हैं: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के बीच। क्या इस बार क्यूबा की टीम इतिहास रचेगी और वह अदृश्य स्वर्ण अपने नाम कर पाएगी? पूरी दुनिया की निगाहें उन पर टिकी होंगी, और क्यूबा के खिलाड़ी निश्चित रूप से इस बार अपने देश को वह गौरव दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, जिसकी वे इतने लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।