खेल प्रशासन का एक अदम्य गाथा: जुनून, नेतृत्व और निरंतरता

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खेल जगत में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनकी यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि की कहानी कहती है, बल्कि पूरे खेल तंत्र के विकास और जटिलताओं को भी दर्शाती है। इटली के ज्यानी पेत्रुची जैसे दिग्गज, जिन्होंने आठ दशक की अपनी जीवन यात्रा में खेल प्रशासन के विभिन्न आयामों को छुआ है, ऐसी ही एक प्रेरणादायक गाथा प्रस्तुत करते हैं। यह कहानी केवल एक व्यक्ति के बारे में नहीं, बल्कि खेल और राजनीति के सहजीवन, व्यक्तिगत दर्शन और उस अटूट जुनून के बारे में है जो किसी को दशकों तक शीर्ष पर बनाए रखता है।

एक अप्रत्याशित शुरुआत

पेत्रुची की खेल प्रशासन में प्रवेश की कहानी किसी सुनियोजित योजना का हिस्सा नहीं थी। उनके परिवार में अकादमिक और व्यवसायिक पृष्ठभूमि के लोग थे, लेकिन खेल की ओर उनका झुकाव एक अलग दिशा में ले गया। जैसा कि अक्सर होता है, एक रिश्तेदार के माध्यम से, उन्हें कोनिस (CONI – इटली की ओलंपिक समिति) में काम करने का अवसर मिला – एक ऐसी जगह जहाँ से उन्होंने खेल जगत की बारीकियाँ सीखीं। यह दिखाता है कि कैसे कभी-कभी सबसे महत्वपूर्ण करियर पथ अप्रत्याशित मोड़ों से शुरू होते हैं।

नेतृत्व का अनोखा दर्शन: कम नींद, अधिक काम

पेत्रुची का मानना है कि जो लोग कम सोते हैं, वे अधिक बुद्धिमान होते हैं, क्योंकि उन्हें काम करने के लिए अधिक समय मिलता है। यह बात थोड़ी हास्यास्पद लग सकती है, लेकिन इसमें एक गहरा सत्य छिपा है: समर्पण और समय का सदुपयोग। हालांकि, वे दोपहर की झपकी के महत्व को भी समझते हैं, जैसा कि महान उद्योगपति ज्यानी आग्नेली ने भी सुझाया था। यह एक अनुशासित जीवनशैली का प्रतीक है, जहाँ ऊर्जा को सही जगह पर लगाया जाता है और आराम भी बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से किया जाता है। शायद यही वजह है कि वे आज भी सक्रिय हैं, अपने अस्सीवें वर्ष में भी बास्केटबॉल महासंघ का नेतृत्व कर रहे हैं।

खेल और राजनीति का गहरा रिश्ता

खेल प्रशासन में रहते हुए, पेत्रुची ने छह अलग-अलग सरकारों के साथ काम किया है, जो खेल और राजनीति के बीच के जटिल रिश्ते को दर्शाता है। उनका मानना है कि “खेल राज्य का है,” और राज्य कोनिस को और कोनिस महासंघों को अधिकार सौंपता है। यह दिखाता है कि खेल की स्वायत्तता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे `सामान्य ज्ञान` (grano salis) के साथ देखा जाना चाहिए, क्योंकि अधिकांश धन राज्य से आता है। यह एक ऐसा संतुलन है जिसे बनाए रखना किसी भी खेल प्रशासक के लिए चुनौती होती है, खासकर जब उन्हें आंद्रेओत्ती जैसे राजनीतिक दिग्गजों के साथ काम करना पड़े, जिन्होंने पेत्रुची को रोमा का उपाध्यक्ष बनने का सुझाव दिया था, भले ही वह खुद लाजियो के प्रशंसक थे! यह एक ऐसा उदाहरण है जहाँ पेशेवर कर्तव्य व्यक्तिगत पसंद पर भारी पड़ते हैं, और कई बार इसके लिए विरोध का सामना भी करना पड़ता है।

मुद्रित शब्द और ज्ञान का सम्मान

डिजिटल युग में भी, पेत्रुची जैसे व्यक्तित्व मुद्रित मीडिया के प्रति अपने प्रेम को नहीं छोड़ते। सुबह 6:30 बजे तक सभी अख़बारों को पढ़ना उनके दिनचर्या का हिस्सा है। उनका मानना है कि “जो नहीं पढ़ता, उसे भाग्य का साथ नहीं मिलता।” यह निरंतर सीखने, जानकारी से जुड़े रहने और दुनिया को समझने की उनकी भूख को दर्शाता है। यह एक ऐसा गुण है जो किसी भी क्षेत्र में दीर्घकालिक सफलता के लिए आवश्यक है।

ऊँचे और नीचे: खेल के भावनात्मक पहलू

किसी भी खेल प्रशासक का करियर जीत और हार, खुशी और निराशा के अनुभवों से भरा होता है। पेत्रुची के लिए, 2006 का फुटबॉल विश्व कप जीतना एक अविस्मरणीय पल था, जहाँ फ्रांसेस्को तोत्ती के पेनल्टी गोल पर वे मैदान में दौड़ पड़े थे। वहीं, बास्केटबॉल में दो यूरोपीय चैंपियनशिप जीतना भी उनके लिए गर्व का विषय रहा। लेकिन, करियर में कुछ ऐसी निराशाएँ भी होती हैं, जिन्हें भूला नहीं जा सकता, जैसे कि डोपिंग के मामले। महान डिएगो माराडोना का भी नाम इसमें शामिल था, जो पेत्रुची के लिए फुटबॉल के सबसे महान खिलाड़ी थे। यह दिखाता है कि खेल की दुनिया में नैतिकता और ईमानदारी की चुनौतियाँ हमेशा मौजूद रहती हैं।

Sandro Gamba and Dan Peterson, legendary basketball coaches with Messina in 2011.
खेल जगत के दिग्गज – सैंड्रो गैम्बा और डैन पीटरसन, जो खेल के सुनहरे पलों के गवाह रहे हैं।

विरासत और भविष्य

ज्यानी पेत्रुची की कहानी केवल उनके स्वयं के करियर की नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति कैसे दृढ़ संकल्प, रणनीतिक सोच और अटूट जुनून के साथ खेल प्रशासन के जटिल क्षेत्र में दशकों तक प्रासंगिक बना रह सकता है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि नेतृत्व केवल पद धारण करना नहीं है, बल्कि यह सीखने, अनुकूलन करने और खेल के मूल मूल्यों को बनाए रखने की निरंतर प्रक्रिया है। जैसे-जैसे खेल जगत विकसित होता रहेगा, पेत्रुची जैसे दिग्गजों का अनुभव आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य मार्गदर्शक बना रहेगा, जो उन्हें खेल के भविष्य को आकार देने के लिए प्रेरित करेगा।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।