खेल जगत में सिर्फ जीत और हार ही मायने नहीं रखती, बल्कि उसके पीछे की भावना, नियम और ईमानदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने इसी भावना को बनाए रखने और खेल में किसी भी तरह के हेरफेर को रोकने के लिए अपने महत्वाकांक्षी `बिलीव इन स्पोर्ट` कार्यक्रम का विस्तार किया है। इसी कड़ी में, तुर्की की वॉलीबॉल की दिग्गज और पूर्व कप्तान एसरा गुमूस किरिसी को 2025 से 2028 तक के लिए इस कार्यक्रम का एम्बेसडर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति खेल में निष्पक्षता और अखंडता के प्रति आईओसी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और गुमूस किरिसी जैसी प्रतिष्ठित हस्ती का जुड़ना इस पहल को और भी बल प्रदान करेगा।
`बिलीव इन स्पोर्ट` आखिर है क्या?
यह कार्यक्रम सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि खेल की पवित्रता को बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतियोगिताओं में होने वाले हेरफेर (Competition Manipulation) के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। सीधे शब्दों में कहें तो, यह खिलाड़ियों और उनके सहयोगियों को सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग या किसी भी अनुचित तरीके से खेल के परिणाम को प्रभावित करने के खिलाफ शिक्षित करता है। इसके तहत एम्बेसडर खिलाड़ियों के साथ मिलकर काम करते हैं, उन्हें जोखिमों से अवगत कराते हैं, उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और सबसे महत्वपूर्ण, अखंडता और निष्पक्ष खेल (Integrity and Fair Play) के मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। हर एम्बेसडर, अपनी जिम्मेदारियों के लिए स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन स्थित ओलंपिक हाउस में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करता है। यह ऐसा है मानो खेल के लिए एक नया नैतिक `रक्षा कवच` तैयार किया जा रहा हो, ताकि खेल की आत्मा पर कोई दाग न लगे।
एसरा गुमूस किरिसी: एक चमकता सितारा, अब अखंडता की मशाल
एसरा गुमूस किरिसी का करियर अपने आप में प्रेरणा का स्रोत रहा है। उन्होंने 1995 में वाकिफबैंक इस्तांबुल के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की और जल्द ही तुर्की वॉलीबॉल के सबसे सम्मानित चेहरों में से एक बन गईं। एज़ासिबासी विटारा की कप्तान के रूप में, उन्होंने कई तुर्की लीग और कप खिताब जीते, और 2015 में CEV चैंपियंस लीग और FIVB वॉलीबॉल क्लब विश्व चैंपियनशिप दोनों जीतकर इतिहास रच दिया। अंतरराष्ट्रीय मंच पर, उन्होंने तुर्की के लिए लगभग 300 मैच खेले और लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया – जो तुर्की की महिला वॉलीबॉल टीम की पहली ओलंपिक उपस्थिति थी।
सेवानिवृत्ति के बाद भी, उनका खेल से रिश्ता नहीं टूटा। उन्होंने खेल विज्ञान में व्याख्याता, कमेंटेटर और तुर्की ओलंपिक समिति के साथ एक खेल प्रशासक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनका यह विशाल अनुभव, उन्हें `बिलीव इन स्पोर्ट` कार्यक्रम के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। आखिर, कौन बेहतर समझा सकता है खेल के अंदरूनी पहलुओं को, एक ऐसे व्यक्ति से ज्यादा जिसने हर स्तर पर खेल का अनुभव किया हो और उसके उतार-चढ़ाव को जिया हो?
खेल में ईमानदारी क्यों है इतनी जरूरी?
कल्पना कीजिए, आप एक मैच देख रहे हैं और जानते हैं कि उसका परिणाम पहले से तय है। क्या वह आपको उत्साहित करेगा? शायद नहीं। खेल की असली सुंदरता उसकी अनिश्चितता, खिलाड़ियों के अथक प्रयास और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में निहित है। जब इसमें हेरफेर होता है, तो न केवल खिलाड़ियों का भरोसा टूटता है, बल्कि दर्शकों का उत्साह भी कम हो जाता है। यह खेल की आत्मा पर एक सीधा हमला है। `बिलीव इन स्पोर्ट` जैसे कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि खेल, खेल ही बना रहे – ईमानदारी, जुनून और कौशल का एक शुद्ध प्रदर्शन। यह सिर्फ नियमों का पालन करने से कहीं बढ़कर है; यह खिलाड़ियों को उनके नैतिक कंपास को मजबूत करने में मदद करता है और उन्हें सही दिशा दिखाता है।
एम्बेसडर का महत्व: सीधा संवाद, सीधा प्रभाव
एसरा गुमूस किरिसी जैसे एम्बेसडर की भूमिका सिर्फ नाम तक सीमित नहीं है। वे सीधे एथलीटों के साथ बातचीत करते हैं, उन्हें जोखिमों के बारे में बताते हैं और ईमानदारी के महत्व पर जोर देते हैं। यह कार्यक्रम टोक्यो 2020 खेलों से पहले शुरू हुआ था और पेरिस 2024 के दौरान इसका और विस्तार हुआ। यह मिलानो कॉर्टिना 2026 ओलंपिक शीतकालीन खेलों तक जारी रहेगा, जहां एम्बेसडर सीधे एथलीटों के साथ संवाद करेंगे। यह एक व्यक्तिगत स्पर्श है जो नियमों और विनियमों के शुष्क पैराग्राफ से कहीं अधिक प्रभावी हो सकता है। यह विश्वास जगाता है, और विश्वास ही खेल की नींव है – खासकर तब जब कुछ लोग अभी भी खेल को व्यापार से ऊपर नहीं देख पा रहे हैं।
एक संदेश: खेल भावना अमर रहे
एसरा गुमूस किरिसी की यह नई भूमिका हमें याद दिलाती है कि खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह मूल्यों और नैतिकता का भी एक मंच है। खेल में हेरफेर से लड़ना एक सतत प्रक्रिया है, और इसमें हर खिलाड़ी, कोच, प्रशासक और प्रशंसक की जिम्मेदारी है। `बिलीव इन स्पोर्ट` कार्यक्रम और उसके एम्बेसडर, खेल की दुनिया को एक उज्जवल, स्वच्छ और अधिक ईमानदार भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। आखिर, खेल तो खेल है, और उसे उसी भावना से खेला जाना चाहिए – पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ।