जुवेंटस ट्रांसफर बाज़ार: खिलाड़ियों की अनिच्छा ने फंसाया क्लब का भविष्य

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गर्मियों का फुटबॉल ट्रांसफर बाज़ार… हर क्लब अपने सपनों को पंख देने में जुटा है। नए चेहरों को लाने और पुराने सितारों को विदा करने का यह खेल ज़ोरों पर है। लेकिन इटली के दिग्गज क्लब जुवेंटस (Juventus) के लिए यह खिड़की उम्मीदों की बजाय चुनौतियों का ढेर लेकर आई है। Turin के इस ऐतिहासिक क्लब का ट्रांसफर बाज़ार (Transfer Market) तीन ऐसे खिलाड़ियों के कारण अधर में लटका है, जिनकी अनिच्छा ने क्लब के वित्तीय और रणनीतिक मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

वित्तीय संकट और फंसा हुआ `खजाना`

क्लब के महानिदेशक डेमियन कोमोली को मानो ऑक्सीजन की जरूरत है – उन्हें लगभग 90 मिलियन यूरो चाहिए। यह राशि डगलस लुइज़ (40 मिलियन), दुशान व्लाहोविच (30 मिलियन) और टिमोथी वीह (20 मिलियन) की बिक्री से आनी थी, ताकि वह रैंडल कोलो मुआनी, नाह्युल मोलिना और मोर्टन ह्युलमांड जैसे नए चेहरों को टीम में ला सकें। लेकिन यह `खजाना` अभी भी बर्फ में जमा हुआ है, और खिलाड़ियों की `ना` ने पूरी योजना को पटरी से उतार दिया है।

डगलस लुइज़: `विद्रोही` खिलाड़ी और क्लब की मजबूरी

ब्राज़ीलियाई मिडफील्डर डगलस लुइज़ (Douglas Luiz) का मामला तो किसी `ड्रामा` से कम नहीं। हाल ही में उन्होंने बिना सूचना दिए ट्रेनिंग सेशन में भाग नहीं लिया, जो स्पष्ट रूप से क्लब से `अलगाव` का संकेत था। बाद में उन्होंने माफी मांगी और जुर्माना भी भरा (लगभग 38-40 हज़ार यूरो!)। लेकिन यह छोटी सी रकम उनकी `बाज़ार कीमत` के आगे कुछ भी नहीं। लुइज़ प्रीमियर लीग (Premier League) में ही रहना चाहते हैं, तुर्की के फेनर्बाच (José Mourinho द्वारा प्रबंधित) के प्रस्तावों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं। जुवेंटस को उनसे 40 मिलियन यूरो की उम्मीद है, लेकिन प्रीमियर लीग के क्लब शायद सौदेबाजी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कम कीमत पर या सिर्फ लोन पर ले सकें। जुवेंटस को लग रहा है कि उनके हाथ में `छुरी की धार` है, लेकिन खिलाड़ियों की जिद उन्हें बांधे हुए है। कभी-कभी लगता है कि खिलाड़ियों को अपने करियर की चिंता कम और बैंक बैलेंस की ज़्यादा होती है।

टिमोथी वीह: एजेंट का गुस्सा और खिलाड़ी की ज़िद

दूसरी ओर, महान जॉर्ज वीह के बेटे टिमोथी वीह (Timothy Weah) का मामला है। उनके एजेंट बादौ सांबागुए ने तो सार्वजनिक रूप से जुवेंटस प्रबंधन पर `पुराने तरीकों` का इस्तेमाल करने का आरोप लगा दिया, यह कहते हुए कि प्रीमियर लीग से ऐसी कोई पेशकश नहीं है जिसे वे स्वीकार करेंगे। वीह केवल Olympique Marseille जाना चाहते हैं, जिन्होंने 15 मिलियन यूरो का ऑफर दिया है। जुवेंटस 20 मिलियन चाहता है, नए इंग्लिश क्लबों की दिलचस्पी का हवाला दे रहा है। लेकिन वीह सिर्फ रॉबट डी ज़र्बी के साथ खेलना चाहते हैं, और 15 मिलियन से हटने को तैयार नहीं। नतीजतन, वह बहुमूल्य बजट फंसा हुआ है, जिसे क्लब अन्य लक्ष्यों पर खर्च कर सकता था। यह आधुनिक फुटबॉल की विडंबना ही है, जहां एक खिलाड़ी की पसंद पूरे क्लब की रणनीति को बाधित कर सकती है।

दुशान व्लाहोविच: `इंतज़ार करो और देखो` की रणनीति

और फिर सर्बियाई स्ट्राइकर दुशान व्लाहोविच (Dusan Vlahovic) हैं, जिनकी कीमत 25-30 मिलियन यूरो लगाई जा रही है। उनकी रणनीति है `इंतज़ार करो और देखो`। या तो 2026 में अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने तक रुके रहें, या अगस्त के अंत में किसी `प्रशंसक` क्लब (जैसे Massimiliano Allegri की AC Milan?) के लिए राह आसान करें। हैरानी की बात यह है कि व्लाहोविच कथित तौर पर Allegri के साथ खेलना चाहते हैं, जबकि Turin में रहते हुए उन्होंने Allegri की रणनीति पर सवाल उठाए थे। इन `ना कहने वाले महाशयों` के कारण, जुवेंटस को जल्दी है, लेकिन खिलाड़ी तो अपने हिसाब से चल रहे हैं, मानो उन्हें क्लब की वित्तीय चिंताओं से कोई लेना-देना ही न हो।

निष्कर्ष: आधुनिक फुटबॉल की जटिल पहेली

यह स्थिति सिर्फ जुवेंटस की नहीं, बल्कि आधुनिक फुटबॉल (Modern Football) के बदलते परिदृश्य का भी प्रतीक है। जहां खिलाड़ियों की व्यक्तिगत इच्छाएं और एजेंटों का प्रभाव क्लबों की वित्तीय सेहत और ट्रांसफर रणनीति पर भारी पड़ रहा है। क्लबों को अपने वित्तीय संतुलन को बनाए रखने और टीम को मजबूत करने के लिए खिलाड़ी बेचने पड़ते हैं, लेकिन अगर खिलाड़ी ही जाने से इनकार कर दें या अपनी शर्तों पर अड़ जाएं, तो पूरी प्रक्रिया ही ठप पड़ जाती है।

क्या जुवेंटस इस जटिल पहेली को सुलझा पाएगा और अपने सपनों के खिलाड़ियों को Turin ला पाएगा? या यह समर ट्रांसफर विंडो (Summer Transfer Window) सिर्फ `अधूरी उम्मीदों` का गवाह बनकर रह जाएगा? समय ही बताएगा कि जुवेंटस इस `ट्रांसफर जाम` से कैसे निकलता है और क्या उसके `हीरे` उसे सोने में बदल कर दे पाएंगे, या फिर सिर्फ `पत्थर` बनकर बोझ बने रहेंगे।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।