वॉलीबॉल की दुनिया में, जहाँ खिलाड़ी कोर्ट पर अपनी कला दिखाते हैं, वहीं उनके पीछे कुछ अदृश्य `मास्टरमाइंड्स` होते हैं – कोच। ये वही लोग हैं जो खेल की बारीकियों को समझते हैं, रणनीति बनाते हैं और खिलाड़ियों को हर चुनौती के लिए तैयार करते हैं। अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ (FIVB) ने जुलाई 2025 में इन्हीं `मास्टरमाइंड्स` को और सशक्त बनाने के लिए एक अभूतपूर्व वैश्विक अभियान चलाया। यह सिर्फ प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि वॉलीबॉल के भविष्य को गढ़ने की एक सुनियोजित पहल थी, जो दुनिया के 13 अलग-अलग कोनों में एक साथ गूँजी।
वैश्विक पहुंच और विविधतापूर्ण प्रशिक्षण
जुलाई 2025 का महीना FIVB के कैलेंडर में हमेशा याद रखा जाएगा। इस दौरान, एशिया से अफ्रीका, यूरोप से उत्तर और दक्षिण अमेरिका तक, कुल 13 स्थानों पर वॉलीबॉल कोचों के लिए गहन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य न केवल खेल के मूलभूत सिद्धांतों को सिखाना था, बल्कि उच्च-स्तरीय रणनीतियों और बीच वॉलीबॉल की विशिष्टताओं से भी परिचित कराना था।
FIVB ने तीन मुख्य स्तरों पर कोर्स पेश किए:
- FIVB कोचेस कोर्स लेवल I वॉलीबॉल: यह उन कोचों के लिए था जो खेल की नींव को मजबूत करना चाहते थे। इसमें तकनीकी शिक्षण के मूल सिद्धांत और अभ्यास संगठन शामिल थे। कंबोडिया के नोम पेन्ह से लेकर बेलीज सिटी, हांगकांग (चीन), सैंटियागो (चिली) और तंजानिया के डोडोमा तक, इन कोर्सों ने वॉलीबॉल के प्रति उत्साही लोगों को सही दिशा दी।
- FIVB कोचेस कोर्स लेवल II वॉलीबॉल: यह कोर्स उन अनुभवी कोचों के लिए डिज़ाइन किया गया था जो अपनी रणनीतिक समझ को और गहरा करना चाहते थे। चीन के तियानजिन विश्वविद्यालय और लातविया के रीगा में आयोजित इन सत्रों में सामरिक प्रणालियों, प्रदर्शन विश्लेषण और एथलीट प्रबंधन जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
- FIVB कोचेस कोर्स बीच वॉलीबॉल: डोमिनिकन गणराज्य के हाटो मेयर में आयोजित यह विशेष कोर्स बीच वॉलीबॉल की अनूठी मांगों पर केंद्रित था, जिसमें रेत पर प्रशिक्षण की बारीकियों को समझाया गया।
महिला सशक्तिकरण: मैदान से परे नेतृत्व
एक बेहद सुखद और महत्वपूर्ण पहलू इन प्रशिक्षणों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी रही। कंबोडिया में 44 प्रतिभागियों में से 13 महिलाएँ थीं, जबकि बेलीज सिटी में 37 में से 12। ग्वाटेमाला सिटी में तो 44 में से 14 महिला कोचों ने हिस्सा लिया। यह आकंड़ा सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि एक बदलाव का संकेत है। यह दर्शाता है कि वॉलीबॉल अब सिर्फ पुरुषों का खेल नहीं रहा, बल्कि महिलाएँ भी नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे आ रही हैं। कौन कहता है कि वॉलीबॉल में जम्प सिर्फ खिलाड़ी ही मारते हैं? कोच भी मार रहे हैं, और महिलाएँ इस `जम्प` में सबसे आगे हैं, जो खेल के समावेशी विकास के लिए एक शुभ संकेत है।
केवल सिद्धांत नहीं, व्यवहारिक प्रशिक्षण पर जोर
इन सभी कार्यक्रमों की एक खासियत उनका संतुलित दृष्टिकोण था – सिद्धांत और व्यवहार का मिश्रण। कक्षा में जहां रणनीतियों और तकनीकों पर चर्चा होती थी, वहीं कोर्ट पर उन सिद्धांतों को तुरंत लागू करने का मौका मिलता था। इससे प्रतिभागियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलता था, बल्कि वे उसे प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करना भी सीखते थे। इक्वाडोर के क्यूएंका में युवाओं के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया, तो गुआटेमाला सिटी में प्रशिक्षुओं को विभिन्न प्रांतों के साथियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला।
ये प्रशिक्षण ओलंपिक सॉलिडेरिटी के सौजन्य से प्रायोजित थे, जो खेल के विकास के लिए वैश्विक सहयोग का एक और उदाहरण है। यह दिखाता है कि जब विभिन्न संस्थाएँ एक साथ आती हैं, तो कैसे खेल को जमीनी स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मजबूत किया जा सकता है।
निष्कर्ष: वॉलीबॉल का एक उज्जवल भविष्य
जुलाई 2025 का FIVB कोचिंग अभियान सिर्फ कुछ पाठ्यक्रमों का आयोजन नहीं था, बल्कि यह वैश्विक वॉलीबॉल समुदाय के लिए एक निवेश था। यह दिखाता है कि FIVB खेल को हर कोने में विकसित करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है। इन कोचों के माध्यम से, नई प्रतिभाएँ निखरेंगी, खेल की गुणवत्ता सुधरेगी और वॉलीबॉल दुनिया भर में और अधिक लोकप्रिय होगा। आखिरकार, खेल के सच्चे सितारे सिर्फ मैदान पर नहीं होते, बल्कि वे भी होते हैं जो उन सितारों को तराशते हैं। और जुलाई 2025 में, FIVB ने ऐसे ही कई सितारों को नई चमक दी है।