जोशुआ वैन: मैं पैंटोजा की ग्रैपलिंग से नहीं डरता, खिताबी मुकाबले के लिए तैयार हूँ

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एमएमए की दुनिया में जोशुआ वैन एक ऐसा नाम है जो अपनी रफ्तार और आक्रामकता के लिए जाना जाता है। हाल ही में ब्रैंडन रॉयवल के खिलाफ उनकी शानदार जीत ने उन्हें यूएफसी फ्लाईवेट डिवीजन के शीर्ष पर पहुंचा दिया है, और अब उनकी नज़रें चैंपियन एलेक्जेंड्रे पैंटोजा की बेल्ट पर हैं। लेकिन हर बड़ी सफलता के साथ संदेह भी आते हैं, और वैन जानते हैं कि लोग उनकी इस संभावित चुनौती पर सवाल उठा रहे हैं।

कई लोगों का मानना है कि वैन इतनी जल्दी खिताबी मुकाबले के लिए तैयार नहीं हैं, खासकर पैंटोजा जैसे अनुभवी और खतरनाक फाइटर के खिलाफ। पैंटोजा अपनी दमदार ग्रैपलिंग और सबमिशन स्किल्स के लिए जाने जाते हैं, जो वैन की स्ट्राइकिंग-भारी शैली के विपरीत है। लेकिन वैन इन बातों से बिल्कुल भी विचलित नहीं हैं।

“मुझे पता है लोग क्या कह रहे हैं – `जोशुआ वैन तैयार नहीं है`”, वैन ने एक इंटरव्यू में कहा। “मैं सारे कमेंट्स देखता हूँ। हम फाइट जीतते हैं, और फिर लोग कहते हैं कि मैं टाइटल फाइट के लिए तैयार नहीं हूँ। जब हम वो बेल्ट जीतेंगे, तब वे क्या कहेंगे?” वैन का सीधा मानना है कि लोगों की राय बदलना मुश्किल है, और वे सिर्फ अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं – जो है कड़ी मेहनत करना।

पैंटोजा का ग्रैपलिंग गेम उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उनके करियर की कई जीत सबमिशन से आई हैं। यह वैन के लिए निश्चित रूप से एक बड़ी परीक्षा होगी। लेकिन वैन आत्मविश्वास से भरे हैं। उन्होंने माना कि उन्हें फाइट के दौरान किसी दूसरे आदमी को “गले लगाना” (ग्रैपलिंग करना) पसंद नहीं है, और शायद इसीलिए लोग उनका ग्राउंड गेम कम देख पाते हैं। लेकिन उनके पास यह कौशल है, और जरूरत पड़ने पर वे इसे इस्तेमाल करने से हिचकिचाएंगे नहीं।

वैन ने तर्क दिया, “यूएफसी में ऐसा कौन है जो मुझे नीचे रोक सके? मेरी पिछली फाइट्स में, उन्होंने मुझे टेकडाउन किया, पर क्या हुआ?” यह उनका 81% का प्रभावशाली टेकडाउन डिफेंस रेट ही है जो उनके आत्मविश्वास का आधार है। उनका कहना है कि अगर उन्हें विश्वास नहीं होता कि वे पैंटोजा के टेकडाउन से बच सकते हैं, तो वे उनसे लड़ने को तैयार ही क्यों होते?

वैन का मानना है कि “स्टाइल्स मेक फाइट्स”। उन्होंने ब्रैंडन रॉयवल का उदाहरण दिया। रॉयवल ने पैंटोजा को छोड़कर उस डिवीजन के कई शीर्ष दावेदारों को हराया था, लेकिन वैन ने उन्हें मात दी। यह दर्शाता है कि पिछला रिकॉर्ड हमेशा भविष्य का संकेत नहीं होता। उन्होंने पैंटोजा और काई कारा-फ्रांस के हालिया मुकाबले का भी जिक्र किया, जहां उन्हें लगा कि काई ने शायद चैंपियन को बहुत ज्यादा सम्मान दिया या वे पूरी तरह से फिट नहीं थे, जिससे पैंटोजा के लिए जीत आसान हो गई। वैन ऐसी गलती नहीं करना चाहते।

हालांकि अभी तक यूएफसी ने आधिकारिक तौर पर मुकाबले की तारीख या जगह घोषित नहीं की है, वैन पहले से ही मानसिक रूप से पैंटोजा के लिए तैयारी शुरू कर चुके हैं। वे जानते हैं कि उनके कोच एलेक्जेंड्रे पैंटोजा को हराने की रणनीति तैयार कर लेंगे। वैन का मानना है कि अपनी और अपनी टीम की क्षमता पर पूरा भरोसा रखना ही रॉयवल जैसी शॉर्ट नोटिस फाइट जीतने की कुंजी थी, और यही उन्हें पैंटोजा के खिलाफ भी जीत दिलाएगा।

संक्षेप में, जोशुआ वैन जानते हैं कि उनके सामने एक कठिन चुनौती है। एलेक्जेंड्रे पैंटोजा एक चैंपियन हैं जिनके पास हर तरह के कौशल हैं। लेकिन वैन डरने वालों में से नहीं हैं। वे सार्वजनिक राय की परवाह किए बिना अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और विश्वास रखते हैं कि उनके पास चैंपियन बनने के लिए आवश्यक सब कुछ है, जिसमें जरूरत पड़ने पर एक मजबूत ग्राउंड गेम भी शामिल है, भले ही उन्हें “दूसरे आदमी को गले लगाना” पसंद न हो। खिताबी मुकाबले का इंतजार रोमांचक होने वाला है।

विक्रम सिंघानिया

विक्रम सिंघानिया मुंबई से हैं और मुक्केबाजी और कुश्ती में विशेषज्ञ हैं। नौ साल के करियर में, उन्होंने छोटे शहरों के युवा खिलाड़ियों पर डॉक्यूमेंट्री रिपोर्ट की एक श्रृंखला बनाई है। वे भारतीय खेल की उभरती प्रतिभाओं के साथ विशेष साक्षात्कार के लिए जाने जाते हैं। वे नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट और राष्ट्रीय चैंपियनशिप को कवर करते हैं।