चीन के जियांगमेन में चल रही 2025 FIVB पुरुषों की अंडर-21 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप (FIVB Volleyball Men`s U21 World Championship) ने दुनिया भर के खेल प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि भविष्य के सितारों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच है, जहाँ हर मैच में ज़ोरदार टक्कर और रोमांचक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शुरुआती चरणों में ही कुछ टीमें ऐसी हैं, जिन्होंने अपनी अदम्य भावना और शानदार प्रदर्शन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया है, अपनी जीत की लकीर को बरकरार रखते हुए वे चैंपियनशिप में अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं।
अजेय टीम्स: जीत की लकीरें जो थमने का नाम नहीं ले रहीं
पोलैंड: बेमिसाल प्रदर्शन का सिलसिला
पूल बी में पोलैंड की टीम एक ऐसी ताकत बनकर उभरी है जिसे रोकना लगभग नामुमकिन लग रहा है। उन्होंने लगातार तीसरी जीत दर्ज करते हुए कनाडा को 3-0 से करारी शिकस्त दी। यह उनका लगातार तीसरा `स्वीप` था, जिसमें उन्होंने एक भी सेट नहीं गंवाया। पहले सेट में कनाडा ने पोलैंड को कड़ी चुनौती दी, स्कोर 26-24 तक गया, लेकिन पोलैंड के खिलाड़ियों ने दबाव में भी धैर्य बनाए रखा। ऐसा लग रहा था जैसे वे जीतने के लिए ही कोर्ट पर उतरते हैं, हारना तो उन्होंने सीखा ही नहीं। इसके बाद तो जैसे उन्होंने अपनी लय पकड़ ली और अगले दोनों सेट आसानी से जीत लिए। वोज्शिएच गैजेक ने 11 अंकों के साथ अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। पोलैंड की टीम न केवल अंक बटोर रही है, बल्कि कम गलतियाँ करके यह भी दिखा रही है कि वे इस टूर्नामेंट के सबसे गंभीर दावेदारों में से एक हैं।
ईरान बनाम कोरिया: एक रोमांचक पांच-सेट का युद्ध
पूल बी में ही ईरान ने भी अपनी अजेय बढ़त बनाए रखी, लेकिन यह जीत उन्हें कोरिया के खिलाफ एक कड़े मुकाबले (3-2) के बाद मिली। यह मैच किसी रोलरकोस्टर राइड से कम नहीं था, जहाँ दोनों टीमों ने अपनी पूरी जान लगा दी। कोरिया ने पहला सेट 33-31 के स्कोर पर जीतकर सभी को चौंका दिया, लेकिन ईरान ने वापसी करते हुए अगले दो सेट अपने नाम किए। कोरिया ने चौथा सेट जीतकर मैच को निर्णायक पांचवें सेट तक पहुँचाया। अंत में, अली मोम्बेनी ने 34 अंकों के साथ ईरान की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दिखाता है कि सिर्फ कौशल ही नहीं, बल्कि दबाव में शांत रहकर प्रदर्शन करना भी कितना ज़रूरी है, और ईरान के युवा खिलाड़ियों में वह क्षमता भरपूर है।
चीन: घरेलू मैदान पर दबदबा
जियांगमेन में अपने घरेलू दर्शकों के उत्साह के साथ, चीन की टीम पूल ए में लगातार तीसरी जीत के साथ शीर्ष पर बनी हुई है। उन्होंने थाईलैंड को 3-0 से हराकर यह संदेश दिया कि वे इस टूर्नामेंट के प्रबल दावेदार हैं। चीनी खिलाड़ियों ने मैच की शुरुआत से ही अपनी पकड़ बना ली और थाईलैंड को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। ली हाई ने 16 अंकों के साथ आक्रमण का नेतृत्व किया, जबकि झांग ज़िकियांग और वांग बोहान ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया। घरेलू मैदान पर खेलना निश्चित रूप से चीन के लिए एक अतिरिक्त प्रेरणा का काम कर रहा है, और वे इस मौके का पूरा फायदा उठा रहे हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका बनाम मिस्र: धैर्य और दृढ़ संकल्प की मिसाल
पूल ए में ही संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने मिस्र के खिलाफ 3-2 की रोमांचक जीत के साथ अपनी अजेय यात्रा जारी रखी। यह मैच वॉलीबॉल के उन बेहतरीन मुकाबलों में से एक था जहाँ हर अंक के लिए संघर्ष होता है। दोनों टीमों ने जबरदस्त आक्रामक खेल दिखाया, जिसमें अमेरिका ने 78 किल्स किए। रिग्स गाय ने 26 अंकों के साथ अमेरिकी टीम की अगुवाई की, जबकि सेबेस्टियानो सानी ने भी 19 अंक बटोरे। दूसरा सेट मिस्र ने 33-31 से जीता और तीसरा सेट अमेरिका ने 37-35 के मैराथन स्कोर पर, यह दिखाता है कि खिलाड़ियों का दमखम कितना ऊँचा है। पांचवें और निर्णायक सेट में, अमेरिका ने अंततः अपनी पकड़ मजबूत की और 15-10 से जीत हासिल की, यह साबित करते हुए कि उनका दृढ़ संकल्प कितना मजबूत है।
अन्य अपराजित टीमें: जापान, चेकिया और इटली का प्रदर्शन
पूल सी में, चेकिया और जापान ने भी अपनी शत-प्रतिशत जीत की लकीर बनाए रखी। चेकिया ने ब्राजील को 3-0 से हराया, जहाँ थॉमस ब्रिचटा ने 16 अंकों के साथ टीम का नेतृत्व किया। वहीं, जापान ने क्यूबा को 3-0 से मात दी, जहाँ ताकुमा कावानो और शुंटा ओनो ने 16-16 अंक बनाए। उनकी शानदार सर्विस और बेहतरीन गति ने मैच को निर्णायक रूप से उनके पक्ष में कर दिया। पूल डी में, इटली ने भी फ्रांस को 3-1 से हराकर अपनी अपराजित यात्रा जारी रखी। मैन्युअल ज़लातानोव और पारडो माटी ने 17-17 अंकों के साथ इटली की जीत में अहम भूमिका निभाई। इन टीमों ने दिखाया है कि उनके पास न केवल कौशल है, बल्कि निरंतरता भी है जो एक चैंपियनशिप जीतने के लिए बेहद ज़रूरी है।
पहली जीत और वापसी की कहानियाँ
यह चैंपियनशिप सिर्फ शीर्ष टीमों के बारे में नहीं है, बल्कि उन टीमों के बारे में भी है जिन्होंने हार के बाद वापसी की या अपनी पहली जीत दर्ज की। पूल डी में तुर्किये ने मोरक्को को 3-0 से हराकर टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत हासिल की, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा होगा। इसी तरह, कजाकिस्तान ने पूल बी में प्यूर्टो रिको को 3-0 से मात देकर अपनी पहली जीत का स्वाद चखा। बुल्गारिया ने जापान से मिली पांच-सेट की हार के बाद कोलंबिया को 3-0 से हराकर शानदार वापसी की। अर्जेंटीना ने ट्यूनीशिया को और यूक्रेन ने इंडोनेशिया को 3-2 से हराया, यह दर्शाता है कि हर टीम अपनी पूरी क्षमता से खेल रही है और कोई भी मैच एकतरफा नहीं है।
जियांगमेन में चल रही FIVB अंडर-21 विश्व चैंपियनशिप युवा वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्रदर्शन मंच साबित हो रही है। पोलैंड की अजेय यात्रा से लेकर ईरान और अमेरिका के रोमांचक पांच-सेट मुकाबलों तक, हर दिन नए नायक उभर रहे हैं और नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। यह सिर्फ वॉलीबॉल नहीं, बल्कि युवा सपनों, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प की कहानी है। आगे आने वाले मैच निश्चित रूप से और भी रोमांचक होंगे क्योंकि टीमें नॉकआउट चरण में जगह बनाने के लिए संघर्ष करेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम इस “युवा वॉलीबॉल के महासंग्राम” में अपनी अजेय बढ़त बनाए रख पाती है और कौन नया चैंपियन बनकर उभरता है। इस टूर्नामेंट में हर एक अंक की लड़ाई एक छोटी सी कहानी है, जो खेल की दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही है और यह साबित कर रही है कि खेल भावना हमेशा सबसे ऊपर होती है।