जॉन जोन्स का ‘व्हाइट हाउस सपना’: महत्वाकांक्षा और अतीत का टकराव

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अमेरिका की 250वीं स्वतंत्रता दिवस… एक ऐतिहासिक यूएफसी इवेंट… और सेंटर स्टेज पर कोई और नहीं, बल्कि एमएमए के महानतम फाइटर्स में से एक, जॉन जोन्स। यह सपना तो जोन्स का है, लेकिन यूएफसी सीईओ डैना व्हाइट ने इस पर पानी फेरते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह जोन्स पर `व्हाइट हाउस कार्ड` जैसे बड़े अवसर के लिए भरोसा नहीं कर सकते। आखिर क्यों एक लीजेंड को इतने बड़े मंच से दूर रखा जा रहा है, और जोन्स इस पर क्या सोचते हैं?

जोन्स का भव्य स्वप्न: देश के लिए लड़ना

यूएफसी 318 इवेंट के बाद जब डैना व्हाइट से जुलाई 2026 में संभावित यूएफसी व्हाइट हाउस इवेंट में जॉन जोन्स के वापसी की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन जोन्स के लिए यह सिर्फ एक सामान्य फाइट नहीं है। हाल ही में अपनी `सेवानिवृत्ति` की घोषणा कर चुके (जो अब अस्थायी लग रही है) जोन्स ने इस अवसर को एक गहरे मकसद के रूप में देखा।

“मैंने पिछली रात की प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई टिप्पणियाँ सुनीं। हालाँकि मैं थोड़ा निराश था, फिर भी मैं यूएफसी के ड्रग-टेस्टिंग पूल में हूँ, खुद को फिट रख रहा हूँ, और एक पेशेवर की तरह प्रशिक्षण जारी रख रहा हूँ। जो भी आगे आएगा, मैं उसके लिए तैयार रहूँगा।”

“हाल ही के एक साक्षात्कार में, मैंने साझा किया था कि व्हाइट हाउस में लड़ने का अवसर मुझे लड़ने के लिए कुछ गहरा देता है, एक `क्यों` जो वेतन या बेल्ट से परे है। अपने देश के लिए लड़ना मुझे एक बड़ा उद्देश्य देता है!”

जोन्स के अनुसार, यह सिर्फ पैसों या चैंपियनशिप बेल्ट की बात नहीं है, बल्कि अपने देश का प्रतिनिधित्व करने, एक ऐसी विरासत बनाने का मौका है जो समय से परे हो – `कुछ ऐसा जो क्षण से भी बड़ा हो।` उन्होंने कहा कि उनके प्रशंसक उनके दिल को देखते हैं और जानते हैं कि वह ऐतिहासिक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी से भी लड़ने को तैयार हैं।

डैना व्हाइट का स्पष्ट इनकार: अतीत का बोझ

लेकिन यूएफसी के सीईओ डैना व्हाइट का जवाब स्पष्ट और सीधा था। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि मैं उनके बारे में क्या महसूस करता हूँ। मैं उन्हें बड़ी स्थितियों में, एक बड़े मंच पर रखने का जोखिम नहीं ले सकता, और ऐसा न हो कि कुछ गलत हो जाए, खासकर व्हाइट हाउस कार्ड पर।”

व्हाइट की यह टिप्पणी जॉन जोन्स के दागदार कानूनी इतिहास और कई बार ड्रग टेस्ट में विफलता की ओर इशारा करती है, जिसके कारण उन्हें खिताब गंवाने पड़े, परिणाम पलटे गए, और एक बार तो उन्हें यूएफसी 151 के रद्द होने का दोषी भी ठहराया गया था जब उन्होंने कम समय के नोटिस पर चैइल सोनन से लड़ने से इनकार कर दिया था।

यहां विडंबना यह है कि एक तरफ `देश के लिए लड़ने` का महान उद्देश्य है, तो दूसरी तरफ जॉन जोन्स के कानूनी रिकॉर्ड और डोपिंग के दाग हैं। इस विरोधाभास को नजरअंदाज करना वाकई मुश्किल है, खासकर तब जब मंच स्वयं व्हाइट हाउस हो!

जोन्स की प्रतिक्रिया और आगे की राह

व्हाइट की टिप्पणियों के बावजूद, जोन्स निराश हैं लेकिन दृढ़ हैं। वह अभी भी यूएफसी के ड्रग-टेस्टिंग पूल में हैं, नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहे हैं, और खुद को पेशेवर बनाए हुए हैं। 38 वर्षीय जोन्स, जिन्हें व्यापक रूप से सभी समय के महानतम फाइटर्स में से एक माना जाता है, ने अपने पेशेवर करियर में कभी `सही` हार का सामना नहीं किया है (एक मात्र `हार` एक अवैध घुटने के कारण डिसक्वालीफिकेशन थी)।

उनकी विरासत निस्संदेह महान है, लेकिन रिंग के बाहर उनके दुर्व्यवहार (जैसे हाल ही में एक दुर्घटना स्थल से भागने और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को धमकी देने के आरोप) ने इस पर हमेशा एक छाया डाली है।

क्या जोन्स अपने अतीत के साए से निकलकर अपने सपने को साकार कर पाएंगे और 2026 में अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस पर व्हाइट हाउस में अपना नाम इतिहास में दर्ज करा पाएंगे? या फिर डैना व्हाइट की व्यावहारिकता और यूएफसी की ब्रांड छवि की चिंता ही विजेता साबित होगी? यह सवाल एमएमए जगत में चर्चा का विषय बना रहेगा, जब तक कि जुलाई 2026 आता नहीं और इस पहेली का हल नहीं निकल जाता। तब तक, जॉन जोन्स `पीसते` रहेंगे और धैर्य से इंतजार करेंगे, जैसा कि उन्होंने खुद कहा है।

विक्रम सिंघानिया

विक्रम सिंघानिया मुंबई से हैं और मुक्केबाजी और कुश्ती में विशेषज्ञ हैं। नौ साल के करियर में, उन्होंने छोटे शहरों के युवा खिलाड़ियों पर डॉक्यूमेंट्री रिपोर्ट की एक श्रृंखला बनाई है। वे भारतीय खेल की उभरती प्रतिभाओं के साथ विशेष साक्षात्कार के लिए जाने जाते हैं। वे नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट और राष्ट्रीय चैंपियनशिप को कवर करते हैं।