हैम्बर्ग बीच वॉलीबॉल एलीट: नॉर्वे और इटली का अभूतपूर्व प्रदर्शन, FIVB एम्पावरमेंट की भूमिका

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बीच वॉलीबॉल की सुनहरी रेत पर, हर शॉट एक कहानी कहता है – जुनून की, दृढ़ संकल्प की और अटूट टीम भावना की। जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित प्रतिष्ठित बीच प्रो टूर एलीट टूर्नामेंट ने इस बार कुछ ऐसी ही यादगार कहानियाँ गढ़ीं, जहाँ चैंपियनों ने अपनी धाक जमाई और कुछ नए सितारों ने अपना लोहा मनवाया। यह सिर्फ एक खेल नहीं, यह एक यात्रा थी, जो हमें दिखाती है कि कैसे सही समर्थन और अथक प्रयास सफलता के शिखर तक ले जा सकते हैं।

पुरुषों के वर्ग में नॉर्वे का अजेय दबदबा: `बीचवॉली वाइकिंग्स` की दहाड़

जब बात बीच वॉलीबॉल के पुरुषों के वर्ग की आती है, तो नॉर्वे के एंडर्स मोल और क्रिश्चियन सोरुम का नाम सबसे ऊपर आता है। ये `बीचवॉली वाइकिंग्स` के नाम से मशहूर जोड़ी, FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम के समर्थन से, लगातार दूसरी बार एलीट स्वर्ण पदक पर कब्जा कर चुकी है। मॉन्ट्रियल में मिली जीत के बाद, हैम्बर्ग में उनका प्रदर्शन किसी चमत्कार से कम नहीं था। उन्होंने एक भी सेट हारे बिना फाइनल तक का सफर तय किया और फिर पोलैंड के बार्टोश लोसियाक और माइकल ब्रायिल को सीधे सेटों में 2-0 (25-23, 21-14) से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ऐसा लगता है, जैसे सोने के पदक अब उनके घर के ड्राइंग रूम का स्थायी हिस्सा बन गए हैं!

उनकी इस अद्भुत सफलता के पीछे नॉर्वेजियन वॉलीबॉल फेडरेशन और FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट का महत्वपूर्ण योगदान है। फेडरेशन को उनके पुरुष बीच वॉलीबॉल टीमों के लिए USD 252,000 की बड़ी राशि मिली है, जिसमें मुख्य कोच जेटमुंड बर्नस्टेन की अगुवाई में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह वित्तीय और तकनीकी सहायता ही है जो उन्हें लगातार विश्व मंच पर चमकने का अवसर दे रही है।

एंडर्स मोल और क्रिश्चियन सोरुम स्वर्ण पदक के साथ
नॉर्वे के एंडर्स मोल और क्रिश्चियन सोरुम ने हैम्बर्ग एलीट में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता।

कांस्य पदक पर नीदरलैंड्स का कब्जा

पुरुषों के वर्ग में नीदरलैंड्स के स्टीफन बोर्मन्स और योरिक डी ग्रूट ने भी FIVB एम्पावरमेंट का लाभ उठाया। उन्होंने कांस्य पदक मैच में लातविया के मार्टिन्स प्लाविन्स और क्रिस्टियंस फोकरोट्स को 2-0 (21-16, 21-10) से हराकर अपना 10वाँ बीच प्रो टूर पदक जीता। नेदरलैंड्स वॉलीबॉल फेडरेशन (नेवोबो) को भी इस कार्यक्रम के तहत USD 217,600 का समर्थन मिला है, जिससे कोच मिशेल वैन डेर कुइप और उनकी टीम खिलाड़ियों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दे पा रही है। यह दिखाता है कि सही मार्गदर्शन और थोड़ी सी वित्तीय मदद, कैसे एक टीम को पोडियम तक पहुँचा सकती है।

महिलाओं के वर्ग में इटली का अप्रत्याशित उदय: एक नई कहानी की शुरुआत

महिलाओं के वर्ग में, प्रतियोगिता और भी रोमांचक थी, और यहाँ असली `अंडरडॉग` ने बाजी मारी। इटली की वैलेंटिना गोटार्डी और रेखा ओर्सी टोथ ने हैम्बर्ग में अपने पहले बीच प्रो टूर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी जीत यात्रा किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं थी, जहाँ उन्होंने पहले शीर्ष वरीयता प्राप्त घरेलू टीम स्वेन्जा मुलर और सिन्जा टिलमैन को हराया और फिर फाइनल में विश्व की नंबर एक टीम, ब्राजील की थामेला कोराडेलो और विक्टोरिया लोपेस को 2-1 (17-21, 21-18, 15-6) से हराकर सबको चौंका दिया। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह एक सपने का साकार होना था, और यह साबित करता है कि बीच वॉलीबॉल में कभी भी कुछ भी संभव है।

ब्राजील की मजबूत टीमें भी हैम्बर्ग में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहीं। थामेला कोराडेलो और विक्टोरिया लोपेस ने रजत पदक जीता, जबकि मौजूदा ओलंपिक चैंपियन दूदा और एना पेट्रीसिया रामोस ने लगातार तीसरा एलीट-स्तर का कांस्य पदक अपने नाम किया। इन टीमों ने अपनी प्रतिभा और निरंतरता का प्रदर्शन किया, लेकिन इस बार इटली की जोड़ी की भूख और जज्बा कुछ और ही था।

FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट: सपनों को पंख देने वाला कार्यक्रम

हैम्बर्ग एलीट में कई टीमों की सफलता में FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह कार्यक्रम सिर्फ पैसे बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य राष्ट्रीय फेडरेशनों को वित्तीय सहायता, विशेषज्ञ कोचिंग समर्थन और ज्ञान हस्तांतरण प्रदान करके बीच वॉलीबॉल में वैश्विक विकास को बढ़ावा देना है। नॉर्वे और नीदरलैंड्स जैसे देशों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब सही प्रतिभा को सही संसाधन और विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिलता है, तो वह विश्व मंच पर कैसे चमक सकती है। ऐसा लगता है, अगर आपको अपने सपनों को साकार करना है, तो थोड़ा `एम्पावरमेंट` आपको बीच वॉलीबॉल के `किंग` या `क्वीन` बना सकता है!

निष्कर्ष: एक वैश्विक खेल, अनगिनत कहानियाँ

हैम्बर्ग एलीट टूर्नामेंट में 23 विभिन्न देशों की 32 पुरुषों की और 31 महिलाओं की टीमों ने भाग लिया, जो बीच वॉलीबॉल की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है। यह खेल अब सिर्फ धूप और रेत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रतिस्पर्धा, रणनीति और खेल कौशल का एक शानदार संगम है। जैसे-जैसे टीमें FIVB एम्पावरमेंट जैसे कार्यक्रमों से लाभान्वित हो रही हैं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले समय में हमें और भी रोमांचक मैच और अप्रत्याशित चैंपियन देखने को मिलेंगे। अगला एलीट इवेंट 17 से 21 सितंबर तक ब्राजील के जोआओ पेसोआ में होगा, जहाँ नई चुनौतियाँ और नई कहानियाँ हमारा इंतज़ार कर रही हैं। यह बीच वॉलीबॉल की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ हर खिलाड़ी को चमकने का मौका मिल रहा है।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।