इटली के बारी में चल रहे प्रतिष्ठित हॉपमैन कप में टेनिस प्रेमियों को एक यादगार मुकाबला देखने को मिला, जहाँ कनाडा की टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको चौंकाते हुए स्पेन को बुरी तरह पराजित किया। यह केवल एक जीत नहीं, बल्कि ग्रुप ए में कनाडा के मजबूत इरादों का स्पष्ट संकेत था, जिसने स्पेन के लिए आगे की राह थोड़ी मुश्किल कर दी है।
मुकाबले की शुरुआत महिला एकल से हुई, जहाँ कनाडा की युवा सनसनी बियांका एंड्रीस्कु का सामना स्पेन की मरीना बासोलस रिबेरा से हुआ। एंड्रीस्कु ने अपनी आक्रामक खेल शैली और बेजोड़ फॉर्म का प्रदर्शन करते हुए बासोलस रिबेरा को एकतरफा मुकाबले में 6-0, 6-1 से धूल चटाई। यह जीत कनाडा के लिए शानदार आगाज था और इसने टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई। बियांका की यह जीत इतनी प्रभावशाली थी कि ऐसा लगा जैसे उन्होंने कोर्ट पर एकतरफा संगीत बजाया हो, और उनकी प्रतिद्वंद्वी सिर्फ तालियां बजाती रह गईं।
इसके बाद पुरुष एकल में कनाडा के फेलिक्स ऑगर-अलियासिमे कोर्ट पर उतरे, जिनका मुकाबला स्पेन के अनुभवी रॉबर्तो बॉतिस्ता अगुट से था। यह मैच थोड़ा करीबी होने की उम्मीद थी, लेकिन फेलिक्स ने अपने संयमित खेल और निर्णायक पलों में शानदार प्रदर्शन से बॉतिस्ता अगुट को 6-3, 7-6(3) से मात दी। इस जीत ने कनाडा की बढ़त को और मजबूत कर दिया, और स्पेन पर दबाव बढ़ गया। फेलिक्स ने दिखाया कि भले ही अनुभव बॉतिस्ता अगुट के पास ज्यादा हो, लेकिन युवा ऊर्जा और सटीक रणनीति का कोई मुकाबला नहीं।
जब एकल मुकाबलों में कनाडा ने 2-0 की अजेय बढ़त बना ली थी, तब मिश्रित युगल का मैच सिर्फ औपचारिकता भर रह गया था। लेकिन, कनाडा की जोड़ी – बियांका एंड्रीस्कु और फेलिक्स ऑगर-अलियासिमे – ने अपनी जीत की लय बरकरार रखी। उन्होंने मरीना बासोलस रिबेरा और रॉबर्तो बॉतिस्ता अगुट की स्पेनिश जोड़ी को 6-3 से हरा दिया, जिसके बाद स्पेनिश जोड़ी ने मैच से नाम वापस ले लिया। इस पूर्णकालिक जीत के साथ, कनाडा ने हॉपमैन कप में अपनी पहली जीत दर्ज की, जबकि स्पेन को ग्रुप ए में अपनी पहली हार का सामना करना पड़ा और वे दूसरे स्थान पर खिसक गए। यह स्पेन के लिए निश्चित रूप से एक चौंकाने वाला परिणाम था, खासकर जब वे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपनी दावेदारी मजबूत करने आए थे।
कनाडा का यह प्रदर्शन सिर्फ एक मैच की जीत नहीं, बल्कि हॉपमैन कप में उनकी मजबूत उपस्थिति का प्रमाण है। बियांका और फेलिक्स ने दिखाया कि वे न केवल व्यक्तिगत रूप से शानदार खिलाड़ी हैं, बल्कि एक टीम के रूप में भी वे किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। स्पेन को अब ग्रुप ए में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, जबकि कनाडा ने टूर्नामेंट में अपने लिए एक मजबूत दावेदारी पेश की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे के मैचों में ग्रुप ए की टीमें कैसे प्रदर्शन करती हैं।