यूरोलीग बास्केटबॉल के चौथे राउंड में वर्चुस बोलोग्ना ने अपने घर पालाडोज़ा में वापसी करते हुए एक शानदार जीत दर्ज की। दो लगातार हार (पेरिस और वालेंसिया के खिलाफ) के बाद, बोलोग्ना ने उपविजेता ए.एस. मोनाको जैसी मजबूत टीम को 77-73 से पटखनी दी। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि यह टीम के मनोबल और यूरोलीग में उनकी महत्वाकांक्षाओं का एक स्पष्ट संकेत था।
    
घर वापसी का जादू और एडवर्ड्स का कमाल
इटालियन कहावत `कासा डोल्चे कासा` यानी `घर जैसा सुख कहीं नहीं` को वर्चुस बोलोग्ना ने सच साबित कर दिखाया। रियल मैड्रिड को हराने के बाद, यह पालाडोज़ा में उनकी दूसरी बड़ी जीत थी। टीम के असली नायक रहे कार्सन एडवर्ड्स, जिन्होंने अकेले 24 अंक बटोरकर `मोनाको` के डिफेंस को भेद डाला। मोनाको में माइक जेम्स, मिरोटिक और थीस जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे, जिन्हें हराना किसी भी टीम के लिए एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, इवानोविक के `लड़ाकों` ने अपनी दृढ़ता और एकजुटता से यह साबित कर दिया कि नाम नहीं, बल्कि प्रदर्शन मायने रखता है।
मैच की शुरुआत से ही दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही थीं। पहले हाफ में स्कोर लगभग बराबर था (हाफ टाइम तक 37-34 से बोलोग्ना आगे)। मोनाको के मिरोटिक ने अपनी पुरानी पहचान दिखाते हुए कुछ शानदार शॉट्स लगाए, लेकिन वर्चुस ने मोर्गन, विल्डोज़ा और डियारा के प्रयासों से उनका सामना किया। डियारा की एक शानदार ब्लॉक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
निर्णायक तीसरे क्वार्टर का टर्निंग पॉइंट
खेल का असली मोड़ तीसरे क्वार्टर में आया। हाफ टाइम के बाद एडवर्ड्स की एक अहम थ्री-पॉइंटर ने बोलोग्ना को 40-34 की बढ़त दिलाई। इसके बाद, टीम ने एक निर्णायक 9-0 की दौड़ लगाई, जिसने स्कोर को 57-48 तक पहुंचा दिया। दिलचस्प बात यह है कि यह बढ़त उस समय बनी जब एडवर्ड्स बेंच पर बैठे थे, जो टीम की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है। विल्डोज़ा (8 अंक) और हैकेट ने इस महत्वपूर्ण दौर में टीम की कमान संभाली। इस क्वार्टर में वर्चुस ने 22 अंक जोड़े, जिसने जीत की नींव रखी।
“यूरोलीग में मजबूत टीम को हराना हमेशा खास होता है, खासकर तब जब आप घर पर हों। यह जीत दर्शाती है कि हमारा डिफेंस कितना मजबूत है और टीम एक इकाई के रूप में कितनी प्रतिबद्ध है।”
मोनाको की वापसी की कोशिश और बोलोग्ना का डिफेंस
चौथे क्वार्टर में मोनाको ने वापसी की पूरी कोशिश की। वे 13 अंकों के घाटे से उबरते हुए अंतिम 46 सेकंड में केवल 3 अंकों से पीछे रह गए (76-73)। यहाँ पर वर्चुस का अटूट डिफेंस काम आया। मोनाको के खिलाड़ियों ने 33% टू-पॉइंट शूटिंग और कई टर्नओवर किए, जो बोलोग्ना के मजबूत डिफेंस का नतीजा था। इसके अलावा, वर्चुस ने रिबाउंड्स में भी मोनाको पर भारी बढ़त बनाई (44-33), जिसमें नियांग के 5 आक्रामक रिबाउंड्स का अहम योगदान रहा। टीम की सामूहिक रक्षात्मक रणनीति ने सुनिश्चित किया कि मोनाको की सितारों से सजी टीम जीत हासिल न कर पाए। यह ठीक वैसे ही था जैसे कोई शेर अपने शिकार को दबोचने की कोशिश करे और लोमड़ी अपनी फुर्ती से उसे छका दे।
    
आगे की राह: चुनौतियां और महत्वाकांक्षाएं
यह जीत बोलोग्ना के लिए एक सप्ताह की शुरुआत थी जिसमें उन्हें तीन मैच खेलने हैं। यह टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाली रही है, खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने मोनाको जैसी शीर्ष टीम को मात दी। अब उनका अगला मुकाबला शुक्रवार को ल्योन में एक और फ्रांसीसी टीम के खिलाफ होगा, जिसके बाद वे सोमवार को क्रेमोना के खिलाफ घर में खेलेंगे। टीम का लक्ष्य अपनी जीत की लय को बरकरार रखना है।
संक्षेप में, वर्चुस बोलोग्ना ने साबित कर दिया कि बास्केटबॉल में सिर्फ बड़े नाम नहीं, बल्कि टीम वर्क, डिफेंस और एक खिलाड़ी का शानदार प्रदर्शन (जैसा कि कार्सन एडवर्ड्स का रहा) ही जीत दिलाता है। इस जीत ने यूरोलीग में बोलोग्ना की स्थिति को मजबूत किया है और आगे के मैचों के लिए उम्मीदें जगाई हैं। क्या वे इस गति को बनाए रख पाएंगे? समय बताएगा, लेकिन अभी के लिए, बोलोग्ना के प्रशंसकों के लिए जश्न मनाने का समय है!

 
																																											 
																																											 
																																											 
								 
								 
								 
								 
								 
								