गेमिंग जगत में एक नया संकट: जब एक समीक्षित हॉरर गेम सर्च रिजल्ट्स से गायब हो गया

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आज के डिजिटल युग में, मनोरंजन की दुनिया तेजी से बदल रही है। खासकर वीडियो गेम्स, जो अब केवल बच्चों का खेल नहीं रहे, बल्कि एक गंभीर कला रूप और अरबों डॉलर का उद्योग बन चुके हैं। लेकिन हाल ही में, इस फलते-फूलते उद्योग पर सेंसरशिप का एक अप्रत्याशित साया मंडरा रहा है, जिसने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। कल्पना कीजिए, एक ऐसा गेम जिसे आलोचकों और खिलाड़ियों दोनों ने खूब सराहा हो, वह अचानक प्रमुख डिजिटल स्टोरफ्रंट्स के सर्च रिजल्ट्स से गायब हो जाए। ऐसा ही कुछ हुआ है `माउथवॉशिंग` (Mouthwashing) नामक एक चर्चित हॉरर गेम के साथ, जिसे इटच.आईओ (Itch.io) जैसे प्लेटफॉर्म पर अनदेखा कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

यह समस्या सिर्फ एक गेम तक सीमित नहीं है। इटच.आईओ और स्टीम (Steam) जैसे प्रमुख गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने हाल ही में घोषणा की है कि वे ऐसी सामग्री को डि-लिस्ट या डि-इंडेक्स करेंगे जिसे `कार्यस्थल के लिए असुरक्षित` (Not Safe For Work – NSFW) माना जाता है। ऊपरी तौर पर, इसका उद्देश्य वयस्क सामग्री वाले गेम्स को नियंत्रित करना था। लेकिन विडंबना देखिए, इस कदम का प्रभाव कहीं अधिक व्यापक साबित हुआ है।

`माउथवॉशिंग`: एक डरावनी लेकिन अश्लील नहीं

`माउथवॉशिंग` एक मनोवैज्ञानिक हॉरर गेम है, जिसके निर्माता `रॉन्ग ऑर्गन` (Wrong Organ) खुद स्वीकार करते हैं कि इसमें `अत्यधिक हिंसा, रक्तपात, अंग-भंग और पीएसएक्स-शैली के पात्रों पर इससे भी बुरा` चित्रण है। गेम को 2024 में रिलीज़ होने के बाद जबरदस्त प्रशंसा मिली। स्टीम पर इसके `अत्यधिक सकारात्मक` (Overwhelmingly Positive) रिव्यू हैं, जिसमें 28,000 से अधिक उपयोगकर्ता समीक्षाएं शामिल हैं। एक छोटे और अपेक्षाकृत अज्ञात स्टूडियो के लिए यह एक असाधारण उपलब्धि है।

लेकिन क्या इस गेम में अश्लीलता है? बिलकुल नहीं। इसमें कोई भी यौन सामग्री या अश्लील चित्रण नहीं है। यह सिर्फ एक डरावना खेल है, जो अपनी परिपक्व थीम और ग्राफिक्स के लिए जाना जाता है।

तो फिर इसे क्यों निशाना बनाया गया? इसका जवाब निहित है `कलेक्टिव शाउट` (Collective Shout) जैसे वकालत समूहों के दबाव में, जिन्होंने `यौन शोषण` के चित्रण को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का दावा किया था। लेकिन उनका अभियान ऐसा मोड़ ले चुका है, जिससे `सभी` वयस्क सामग्री से “जोखिम कम करने” का व्यापक दबाव बन गया है, भले ही उसका विषय कुछ भी हो। परिणामस्वरूप, हॉरर गेम्स और अन्य शीर्षक जो यौन सामग्री से कोसों दूर हैं, वे भी इसकी चपेट में आ गए हैं।

व्यापक प्रभाव और विडंबना

यह स्थिति गंभीर सवाल खड़े करती है: क्या डिजिटल भुगतान प्रोसेसर और नैतिकतावादी समूह अप्रत्यक्ष रूप से कलात्मक स्वतंत्रता पर लगाम कस रहे हैं? जब एक गेम जो अपनी भयानक दृश्यों के लिए जाना जाता है, उसे सिर्फ इसलिए हटाया जा रहा है क्योंकि वह `वयस्क` श्रेणी में आता है, जबकि `वयस्क` की परिभाषा बेहद अस्पष्ट है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है।

ऐसा लगता है कि समाज में रक्तपात और हिंसा को अक्सर यौन सामग्री की तुलना में अधिक स्वीकार्य माना जाता है। लेकिन जब बात डिजिटल प्लेटफॉर्म की आती है, तो `NSFW` का दायरा अप्रत्याशित रूप से फैल जाता है और हॉरर गेम भी इसके दायरे में आ जाते हैं। इंडिपेंडेंट डेवलपर्स के लिए, सर्च रिजल्ट्स से गायब होना एक मौत की घंटी के समान है। उनकी पहुंच और दृश्यता नाटकीय रूप से कम हो जाती है, भले ही गेम अभी भी सीधा लिंक होने पर उपलब्ध हो। यह एक ऐसी लड़ाई है जहाँ छोटे डेवलपर्स को बड़े खिलाड़ियों के नियमों के हिसाब से चलना पड़ता है, भले ही वे नियम कितने भी मनमाने क्यों न लगें।

संघर्ष और भविष्य की राह

हालांकि, डेवलपर्स और प्रभावित खेलों के प्रशंसक चुप नहीं बैठे हैं। वे भुगतान प्रोसेसर को अपना रुख बदलने के लिए प्रति-दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एसीएलयू (ACLU) जैसे नागरिक स्वतंत्रता गैर-सरकारी संगठन भी इस लड़ाई में शामिल हो गए हैं, जो मास्टरकार्ड जैसी कंपनियों के खिलाफ याचिकाएं मांग रहे हैं। यह सिर्फ एक गेम के बारे में नहीं, बल्कि व्यापक डिजिटल अधिकारों और रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में एक बड़ी लड़ाई है।

यह घटना गेमिंग उद्योग के लिए एक वेक-अप कॉल है। क्या हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ कलात्मक अभिव्यक्ति पर नैतिक पुलिस का बोलबाला होगा, और जहाँ वित्तीय संस्थाएं तय करेंगी कि क्या `उपयुक्त` है और क्या नहीं? `माउथवॉशिंग` की कहानी हमें याद दिलाती है कि डिजिटल दुनिया में भी स्वतंत्रता की लड़ाई जारी है, और कभी-कभी, सबसे भयावह राक्षस स्क्रीन पर नहीं, बल्कि नीतियों की अस्पष्टता और कॉर्पोरेट दबाव में छिपे होते हैं। इस पर आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि यह सिर्फ एक गेम नहीं, बल्कि डिजिटल दुनिया में रचनात्मकता के भविष्य का सवाल है।

रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।