अफ्रीका के पश्चिमी तट पर बसे छोटे से देश गाम्बिया के सुनहरे समुद्र तट इन दिनों सिर्फ धूप और लहरों के लिए ही नहीं, बल्कि युवा जोश और शानदार खेल कौशल के लिए भी चर्चा में हैं। हाल ही में, बांजुल के कसुमाई बीच पर आयोजित पहले सीएवीबी अंडर 18 बीच वॉलीबॉल युवा विकास कप ने पूरे महाद्वीप का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था, बल्कि अफ्रीकी युवाओं के लिए एक बड़े सपने की शुरुआत थी, जिसे एफआईवीबी के वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम का मजबूत समर्थन मिला।
गाम्बियाई प्रतिभा का उदय
मेजबान गाम्बिया ने इस आयोजन में अपनी क्षमता का भरपूर प्रदर्शन किया। लड़कों के वर्ग में, बाकारी एनसा कानयी और अब्दुल्लाह बाह की जोड़ी ने पाँच मैचों की शानदार जीत के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी यात्रा में केवल एक ही सेट में हार मिली, जो मोरक्को के एडम लहासिनि और यूसुफ बोइसफी के खिलाफ सेमीफाइनल में थी। इस जीत ने न केवल गाम्बिया का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक सुनियोजित विकास कार्यक्रम स्थानीय प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकने का अवसर दे सकता है।
लड़कियों के वर्ग में, होजा नजी और मारियामा साम्बौ की जोड़ी ने भी किसी से कम प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने लगातार चार मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई और अंततः रजत पदक हासिल किया। यद्यपि उन्हें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की एकेटे मोसेका और मततानु मायाला से हार मिली, लेकिन उनका प्रदर्शन प्रेरणादायक था। यह कहना गलत नहीं होगा कि गाम्बियाई रेत पर खेली गई यह हर बाजी, हर शॉट, हर कूद एक मजबूत नींव रख रही थी, जिस पर भविष्य के अफ्रीकी बीच वॉलीबॉल सितारे खड़े होंगे।
एक व्यापक अफ्रीकी दृष्टिकोण
यह कप सिर्फ गाम्बियाई खिलाड़ियों तक ही सीमित नहीं था। मोरक्को, सिएरा लियोन, सेनेगल, केप वर्डे, नाइजीरिया, मिस्र, ट्यूनीशिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, नामीबिया, कोटे डी आइवर और घाना जैसे 12 देशों के 9 लड़कों और 9 लड़कियों की जोड़ियों ने इसमें भाग लिया। यह टूर्नामेंट ओलंपिक सॉलिडेरिटी और एफआईवीबी के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य डकार 2026 युवा ओलंपिक खेलों के लिए युवा एथलीटों को तैयार करना था। यह एक ऐसा मंच था जहां भविष्य के चैंपियन अपनी पहली छाप छोड़ रहे थे, अपनी सीमाओं को परख रहे थे और एक-दूसरे से सीख रहे थे।
एफआईवीबी का मार्गदर्शक हाथ
इस पूरे प्रयास के पीछे एफआईवीबी का वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम एक मजबूत स्तंभ के रूप में खड़ा था। एफआईवीबी ने गाम्बिया में 12 महीने के युवा बीच वॉलीबॉल कार्यक्रम में $42,000 का महत्वपूर्ण निवेश किया, जिसके तहत जूनियर लड़कियों की टीम को फेलिक्स लोपेज़ जैसे अनुभवी कोच का मार्गदर्शन मिला। यह केवल वित्तीय सहायता नहीं थी; यह खेल के प्रति प्रतिबद्धता और जमीनी स्तर पर प्रतिभा को पोषित करने का एक स्पष्ट संदेश था। क्या गजब का विजन है – सिर्फ एथलीटों को ही नहीं, बल्कि पूरे खेल इकोसिस्टम को सशक्त बनाना!
रेत से परे: रेफरी विकास
लेकिन कहानी सिर्फ खिलाड़ियों और उनके पदकों तक ही सीमित नहीं थी। एफआईवीबी ने गाम्बिया में सीएवीबी इंटरनेशनल रेफरी कैंडिडेट्स कोर्स (आईआरसीसी) के आयोजन में $6,000 का अतिरिक्त निवेश करके खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1 सितंबर से शुरू हुए इस कोर्स में ब्राजील के रेफरी विशेषज्ञ एलज़िर मार्टिन्स और मिस्र के इहाब नारडर ने 20 विभिन्न राष्ट्रीय महासंघों के 22 उम्मीदवारों और 7 पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया। खेल के मैदान में निष्पक्षता और नियमों का ज्ञान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना खिलाड़ियों का कौशल। आखिर, बिना मजबूत अंपायरों के, खेल का असली मज़ा और उसकी गरिमा कैसे बनी रहेगी? गाम्बिया के युवा और खेल मंत्री बाकारी वाई बडगी ने इस कोर्स के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की, जो इस पहल के महत्व को दर्शाता है।
प्रभाव और भविष्य
यह कप और इससे जुड़ा विकास कार्यक्रम गाम्बिया और पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में बीच वॉलीबॉल के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इसने न केवल वर्तमान युवा प्रतिभाओं को चमकने का अवसर दिया, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक मार्ग प्रशस्त किया है। गाम्बिया ने खुद को सिर्फ एक प्रतिभागी के रूप में नहीं, बल्कि अफ्रीकी खेल विकास के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। डकार 2026 के रास्ते में, ये “सैंड-स्वैप्ट बैटल्स” सिर्फ खेल के मैदान तक ही सीमित नहीं हैं; ये आत्मविश्वास, टीम वर्क और अंतरराष्ट्रीय भाईचारे के पाठ भी सिखा रहे हैं, जो जीवन के बड़े मंच पर बहुत काम आएंगे।