फुटबॉल जगत का चौंकाने वाला फैसला: फेनरबाचे ने जोस मोरिन्हो को हटाया!

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Jose Mourinho looking on from the sidelines

जोस मोरिन्हो फेनरबाचे के कोच के तौर पर अपनी अंतिम दिनों में।

फुटबॉल जगत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। `स्पेशल वन` के नाम से मशहूर पुर्तगाली मैनेजर जोस मोरिन्हो को तुर्की के दिग्गज क्लब फेनरबाचे (Fenerbahçe) ने उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। यह फैसला चैंपियंस लीग क्वालीफायर में बेन्फिका के खिलाफ मिली हार के ठीक बाद आया, जिसने क्लब को यूरोपीय फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से बाहर कर दिया।

`स्पेशल वन` का अंत या नया अध्याय?

एक समय था जब मोरिन्हो का नाम जीत की गारंटी माना जाता था। एफसी पोर्टो (FC Porto), चेल्सी (Chelsea), इंटर मिलान (Inter Milan) और रियल मैड्रिड (Real Madrid) जैसे क्लबों के साथ उन्होंने जो सफलताएं हासिल कीं, वह फुटबॉल इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से, `स्पेशल वन` का जादू फीका पड़ता दिख रहा है। फेनरबाचे के साथ उनका कार्यकाल भी इसी कहानी का एक हिस्सा बन गया है, जो एक साल और 62 मैचों के बाद बिना किसी बड़ी ट्रॉफी के समाप्त हो गया।

“हमने 2024-2025 सीज़न से हमारी टीम के कोच जोस मोरिन्हो से अलग होने का फैसला किया है। हम हमारी टीम के प्रति उनके समर्पण के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं और उनके भविष्य के करियर में सफलता की कामना करते हैं।” – फेनरबाचे का आधिकारिक बयान

इस बर्खास्तगी के बाद, फेनरबाचे का बोर्ड तुरंत एक आपातकालीन बैठक करेगा ताकि मोरिन्हो के संभावित उत्तराधिकारियों पर विचार किया जा सके। तुर्की मीडिया के अनुसार, मोरिन्हो को लगभग 15 मिलियन यूरो का भारी-भरकम विच्छेद भुगतान (severance package) मिलने की उम्मीद है। यह राशि उनके अनुभव और अनुबंध की शर्तों को देखते हुए तय की गई है, भले ही उनके मैदान पर परिणाम उम्मीदों के अनुरूप न रहे हों।

चैंपियंस लीग से दूरी और विवादों का सिलसिला

मोरिन्हो के लिए चैंपियंस लीग से बाहर होना कोई नई बात नहीं है। 2019/2020 सीज़न के बाद से, जब वह टॉटेनहम (Tottenham) के मैनेजर थे और राउंड ऑफ 16 से बाहर हो गए थे, उन्होंने इस सर्वोच्च यूरोपीय प्रतियोगिता में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने 2016/17 में मैनचेस्टर यूनाइटेड (Manchester United) के साथ यूरोपा लीग (Europa League) और रोमा (Roma) के साथ 2021/22 में कॉन्फ्रेंस लीग (Conference League) जीती, जो 2017 के बाद उनकी एकमात्र यूरोपीय ट्रॉफी थी। लेकिन इन सफलताओं के बावजूद, उनके कार्यकाल का अंत अक्सर बर्खास्तगी के साथ ही हुआ।

तुर्की में उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। पिछले अप्रैल में, गैलाटासराय (Galatasaray) के खिलाफ एक कप डर्बी मैच के दौरान, मोरिन्हो ने विरोधी कोच ओकान बुरुक (Okan Buruk) की नाक पकड़ ली थी, जिससे काफी हंगामा हुआ। गैलाटासराय ने मोरिन्हो पर तुर्की फुटबॉल को `बहुत नुकसान` पहुंचाने का आरोप लगाया था। इससे पहले, फरवरी में, उन्हें विरोधी टीम के बेंच के खिलाफ कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणियां करने और चौथे अधिकारी को अपमानित करने के लिए चार मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये घटनाएं उनके जुझारू व्यक्तित्व की एक और झलक थीं, जो कभी उनकी ताकत थी, लेकिन अब अक्सर उनके लिए परेशानी का सबब बन जाती है।

मोरिन्हो और फेनरबाचे के बीच यह अलगाव उनके करियर में एक और महत्वपूर्ण मोड़ है। एक ऐसे मैनेजर के लिए जो खुद को `स्पेशल वन` कहता था, हालिया प्रदर्शन ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह केवल एक खराब दौर है, या यह एक महान करियर के सूर्यास्त का संकेत है? फुटबॉल जगत उत्सुकता से इंतजार कर रहा है कि मोरिन्हो का अगला कदम क्या होगा और क्या वह अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल कर पाएंगे।

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रोहित कपूर

रोहित कपूर बैंगलोर से हैं और पंद्रह साल के अनुभव के साथ खेल पत्रकारिता के दिग्गज हैं। टेनिस और बैडमिंटन में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेल पर एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बनाया है, जहां वे महत्वपूर्ण मैचों और टूर्नामेंटों का विश्लेषण करते हैं। उनके विश्लेषणात्मक समीक्षाओं की प्रशंसा प्रशंसकों और पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा की जाती है।